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Delhi Literature Festival 2023: 11 मार्च से शुरू हो रहा साहित्य अकादमी का सबसे बड़ा साहित्योत्सव, जुटेंगे दिग्गज

साहित्य अकादमी की ओर से आयोजित छह दिवसीय साहित्योत्सव 11 मार्च से शुरू होगा. इसकी तैयारी में साहित्य अकादमी जुट गया है. मुख्य गेट पर रंग रोगन का काम किया जा रहा. साथ ही पूरे परिसर को सजाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इसमें देश के दिग्गज लेखक-साहित्यकार शामिल होंगे.

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Published : Mar 9, 2023, 7:33 PM IST

नई दिल्ली: साहित्य अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला साहित्य उत्सव इस बार बड़े रूप में दिल्ली एवं एनसीआर वासियों के लिए प्रस्तुत होगा. छह दिवसीय इस उत्सव में इस बार 400 से ज्यादा रचनाकार 40 से ज्यादा विभिन्न कार्यक्रमों में लगभग 60 भाषाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए भाग लेंगे. साहित्योत्सव की शुरुआत अकादमी की वर्षभर की प्रमुख गतिविधियों की प्रदर्शनी से होगी, जिसका उद्घाटन संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल करेंगे.

गुरुवार को अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि साहित्योत्सव का मुख्य आकर्षण साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022 वितरण समारोह 11 मार्च को कमानी सभागार में शाम 5:30 बजे संपन्न होगा. मुख्य अतिथि लब्धप्रतिष्ठ अंग्रेजी लेखक एवं विद्वान उपमन्यु चटर्जी होंगे. प्रतिष्ठित संवत्सर व्याख्यान भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा देंगे. अन्य कार्यक्रमों में 7 लेखक, 15 रचना-पाठ कार्यक्रम, 13 परिचर्चाओं के अलावा नारी चेतना, अस्मिता, कथासंधि, लेखक से भेंट और व्यक्ति और कृति जैसे नए कार्यक्रम भी जोड़े गए हैं. बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम के साथ ही सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी उत्सव का मुख्य आकर्षण होंगी.

साहित्य और संस्कृति की एकता विषय पर केंद्रितः साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि इस वर्ष साहित्योत्सव भारतीय साहित्य और संस्कृति की एकता विषय पर केंद्रित है. पूर्व के वर्षों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम जैसे पूर्वोत्तरी, आदिवासी सम्मेलन, युवा साहित्य, आओ कहानी बुनें, एलजीबीटीक्यू सम्मेलन और राष्ट्रीय संगोष्ठी के अतिरिक्त इस बार कुछ नए विषय भी जोड़े गए हैं. जैसे जी 20 को केंद्र में रखते हुए एक पृथ्वी, एक परिवार एक भविष्य विषयक अखिल भारतीय कवि सम्मिलन, शिक्षा और सृजनात्मकता, वैचारिकता और साहित्य एवं साहित्य और महिला सशक्तीकरण पर विशेष परिचर्चाएं रखी गई हैं.

साहित्य अकादमी के मेन गेट का हो रहा रंग-रोगन.
साहित्य अकादमी के मेन गेट का हो रहा रंग-रोगन.

राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय 'महाकाव्यों की स्मृतियों, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण' रहेगा. हिंदी के प्रख्यात कवि, आलोचक एवं साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी जिसका उद्घाटन वक्तव्य और प्रख्यात सामाजिक सिद्धांतकार एवं आलोचक आशीष नंदी बीज वक्तव्य देंगे. मातृभाषा के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा के महत्त्व पर भारत में आदिवासी समुदायों के महाकाव्य, संस्कृत भाषा एवं भारतीय संस्कृति आदि पर भी परिचर्चा रखी गई है. कुछ अन्य विशेष कार्यक्रम जैसे व्यक्ति एवं कृति में प्रख्यात समाज सुधारक एवं नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी एवं प्रख्यात उद्योगपति एवं लेखक सुनीलकांत मुंजाल, कथा संधि कार्यक्रम में प्रख्यात उर्दू लेखक अब्दुस समद, लेखक से भेंट कार्यक्रम में प्रख्यात मैथिली एवं हिंदी लेखिका उषाकिरण खान उपस्थित रहेंगे.

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत ब्रज की होली, कव्वाली और जयंत कस्तुआर की कत्थक प्रस्तुति भी रहेगी. साहित्योत्सव में कज़ाकिस्तान से पधारे लेखक भी उपस्थित रहेंगे और इस साहित्योत्सव की पूरी प्रक्रिया को नजदीक से देखेंगे. इंडो कजाक लेखक सम्मेलन और विदेशों में भारतीय साहित्य पर भी बातचीत होगी. प्रतिदिन साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की प्रदर्शनी और आकर्षक छूट पर पुस्तकें बिक्री के लिए भी उपलब्ध होंगी.

नई दिल्ली: साहित्य अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला साहित्य उत्सव इस बार बड़े रूप में दिल्ली एवं एनसीआर वासियों के लिए प्रस्तुत होगा. छह दिवसीय इस उत्सव में इस बार 400 से ज्यादा रचनाकार 40 से ज्यादा विभिन्न कार्यक्रमों में लगभग 60 भाषाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए भाग लेंगे. साहित्योत्सव की शुरुआत अकादमी की वर्षभर की प्रमुख गतिविधियों की प्रदर्शनी से होगी, जिसका उद्घाटन संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल करेंगे.

गुरुवार को अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि साहित्योत्सव का मुख्य आकर्षण साहित्य अकादमी पुरस्कार 2022 वितरण समारोह 11 मार्च को कमानी सभागार में शाम 5:30 बजे संपन्न होगा. मुख्य अतिथि लब्धप्रतिष्ठ अंग्रेजी लेखक एवं विद्वान उपमन्यु चटर्जी होंगे. प्रतिष्ठित संवत्सर व्याख्यान भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा देंगे. अन्य कार्यक्रमों में 7 लेखक, 15 रचना-पाठ कार्यक्रम, 13 परिचर्चाओं के अलावा नारी चेतना, अस्मिता, कथासंधि, लेखक से भेंट और व्यक्ति और कृति जैसे नए कार्यक्रम भी जोड़े गए हैं. बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम के साथ ही सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी उत्सव का मुख्य आकर्षण होंगी.

साहित्य और संस्कृति की एकता विषय पर केंद्रितः साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि इस वर्ष साहित्योत्सव भारतीय साहित्य और संस्कृति की एकता विषय पर केंद्रित है. पूर्व के वर्षों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम जैसे पूर्वोत्तरी, आदिवासी सम्मेलन, युवा साहित्य, आओ कहानी बुनें, एलजीबीटीक्यू सम्मेलन और राष्ट्रीय संगोष्ठी के अतिरिक्त इस बार कुछ नए विषय भी जोड़े गए हैं. जैसे जी 20 को केंद्र में रखते हुए एक पृथ्वी, एक परिवार एक भविष्य विषयक अखिल भारतीय कवि सम्मिलन, शिक्षा और सृजनात्मकता, वैचारिकता और साहित्य एवं साहित्य और महिला सशक्तीकरण पर विशेष परिचर्चाएं रखी गई हैं.

साहित्य अकादमी के मेन गेट का हो रहा रंग-रोगन.
साहित्य अकादमी के मेन गेट का हो रहा रंग-रोगन.

राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय 'महाकाव्यों की स्मृतियों, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण' रहेगा. हिंदी के प्रख्यात कवि, आलोचक एवं साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी जिसका उद्घाटन वक्तव्य और प्रख्यात सामाजिक सिद्धांतकार एवं आलोचक आशीष नंदी बीज वक्तव्य देंगे. मातृभाषा के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा के महत्त्व पर भारत में आदिवासी समुदायों के महाकाव्य, संस्कृत भाषा एवं भारतीय संस्कृति आदि पर भी परिचर्चा रखी गई है. कुछ अन्य विशेष कार्यक्रम जैसे व्यक्ति एवं कृति में प्रख्यात समाज सुधारक एवं नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी एवं प्रख्यात उद्योगपति एवं लेखक सुनीलकांत मुंजाल, कथा संधि कार्यक्रम में प्रख्यात उर्दू लेखक अब्दुस समद, लेखक से भेंट कार्यक्रम में प्रख्यात मैथिली एवं हिंदी लेखिका उषाकिरण खान उपस्थित रहेंगे.

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत ब्रज की होली, कव्वाली और जयंत कस्तुआर की कत्थक प्रस्तुति भी रहेगी. साहित्योत्सव में कज़ाकिस्तान से पधारे लेखक भी उपस्थित रहेंगे और इस साहित्योत्सव की पूरी प्रक्रिया को नजदीक से देखेंगे. इंडो कजाक लेखक सम्मेलन और विदेशों में भारतीय साहित्य पर भी बातचीत होगी. प्रतिदिन साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तकों की प्रदर्शनी और आकर्षक छूट पर पुस्तकें बिक्री के लिए भी उपलब्ध होंगी.

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