नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की बैठक में मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के शोक प्रस्ताव को लेकर जमकर हंगामा हुआ. मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के लिए मौन रखने का भाजपा पार्षदों ने विरोध जताया. विरोध के बीच मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. पक्ष-विपक्ष के बीच हंगामे को देखते हुए मेयर शैली ऑबराय ने अगली बैठक तक के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी. सत्ता पक्ष ने हंगामे के बीच अपना एजेंडा पारित कर लिया.
नारेबाजी से स्थगित हुई कार्रवाई
सोमवार को निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में सदन की बैठक दोपहर 2:00 बजे शुरू होनी थी लेकिन महापौर शैली ओबरॉय सदन में आधा घंटा देरी से पहुंची .जिस पर भाजपा पार्षदों ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहां यह सदन की गरिमा का अपमान है. सोमवार को दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई शुरू होते ही सत्ता पक्ष की तरफ से नेता सदन ने मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों के किये शोक प्रस्ताव पेश किया. मेयर ने इस प्रस्ताव पर 2 मिनट का मौन रखने के लिए कहा, जिसका विपक्षी भाजपा पार्षदों ने विरोध जताया और नारेबाजी शुरू कर दी. इस पर भाजपा सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए विरोध किया और कहा कि वह शोक प्रस्ताव पर राजनीति कर रहे हैं.
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दोनों पक्ष ने एक दूसरे को घेरा
बैठक शुरू होते ही महापौर ने कहा कि सदन की प्रक्रिया दोनों दल मिलकर चलाएं. इस दौरान फिर शोर-शराबा हो गया. नेता सदन में एजेंडा पास करने को कहा जिस पर भाजपा सदस्य आपत्ति करते हुए महापौर के आसन के आगे आ गए. नेता विपक्ष राजा इकबाल ने कहा कि शोक प्रस्ताव हमेशा अलग अलग नहीं एक साथ लिए जाते हैं आपको प्रक्रिया नहीं पता तो हमसे जान ले. इस दौरान आप वा भाजपा पार्षद एक दूसरे के खिलाफ सदन में प्लेकार्ड लहराने लगे. भाजपा जहां दिल्ली में कूड़े के पहाड़ बाढ़ सफाई पर सरकार को घेर रही थी तो वही आप पार्षद बृजभूषण शरण को लेकर प्लेकार्ड लेकर आए थे. नेता विपक्ष राजा इकबाल ने कहा किस सदन में आज लोकतंत्र की हत्या हुई है महापौर को सदन की प्रक्रिया नहीं मालूम है और वह आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के इशारे पर काम कर रही है.
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