ETV Bharat / state

री एंप्लॉयमेंट खत्म करने के फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रिया, अतिथि शिक्षकों ने किया स्वागत - दिल्ली शिक्षक नौकरी

सेवानिवृत्त शिक्षकों के री एंप्लॉयमेंट ना किए जाने को लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए सर्कुलर पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. जीएसटीए के सदस्य सतीश का कहना है कि अपने जीवन भर के अनुभवों को संजोए जो शिक्षक एक्सटेंशन लेकर अभी कार्य कर रहे हैं. एकदम से उन्हें नौकरी पर न आने के लिए कह देना उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाना है.

Reaction to government decision to end re-employment
री एंप्लॉयमेंट खत्म करने के फैसले
author img

By

Published : Sep 14, 2020, 8:57 AM IST

नई दिल्ली: रिटायर्ड शिक्षकों के री एंप्लॉयमेंट को दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से तत्काल प्रभाव से खत्म करने को लेकर जारी किए गए नोटिस का जहां एक ओर स्वागत किया गया है. वहीं दूसरी ओर इस तरह अचानक से शिक्षकों को नौकरी पर आने की मनाही कर देने पर विरोध भी जताया जा रहा है.

री एंप्लॉयमेंट खत्म करने के फैसले पर मिली जुली प्रतिक्रिया

इसको लेकर जीएसटीए सहित अतिथि शिक्षकों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से युवा वर्ग को रोजगार के अवसर मिलेंगे. वहीं जीएसटीए ने कहा कि अगर ये आदेश सत्र की शुरुआत में लागू होता, तो इस तरह अचानक से शिक्षकों को नौकरी से नहीं हटाना पड़ता. इस तरह अचानक से नौकरी पर ना आने के लिए कह देना, कहीं ना कहीं इन शिक्षकों के आत्मसम्मान पर चोट है.



री एंप्लॉयमेंट खत्म होने के आदेश पर मिली जुली प्रतिक्रिया

वहीं सेवानिवृत्त शिक्षकों के री एंप्लॉयमेंट ना किए जाने को लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए सर्कुलर पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. वहीं इसको लेकर जीएसटीए के सदस्य सतीश का कहना है कि अगर सकारात्मक तौर पर देखा जाए, तो ये फैसला सराहनीय है. इससे युवा वर्ग को रोजगार के अवसर मिलेंगे, नई नौकरियां निकलेंगी लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है.

वहीं अपने जीवन भर के अनुभवों को संजोए जो शिक्षक एक्सटेंशन लेकर अभी कार्य कर रहे हैं. एकदम से उन्हें नौकरी पर न आने के लिए कह देना उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाना है.



शिक्षकों को तत्काल हटाने का आदेश शिक्षकों का अपमान है

वहीं जीएसटीए डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए के सेक्रेटरी संतराम ने कहा कि जिन शिक्षकों ने इतने सालों तक सरकार के संस्थानों में अपनी सेवा दी. उनसे तत्काल चले जाने के लिए कहना उनका अपमान करना है.

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति अक्सर अतिथि शिक्षकों के साथ भी होती हैं. जिसमें तत्काल प्रभाव से ही उनकी सेवाएं खत्म कर दी जाती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का फैसला सही है लेकिन इसे लागू करने का तरीका गलत है. सरकार को योजनाबद्ध तरीके से किसी भी आदेश को लागू करने की जरूरत है.



सरकार के फैसले का अतिथि शिक्षकों ने किया स्वागत

वहीं अतिथि शिक्षकों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. अतिथि शिक्षक सुनील शास्त्री का कहना है कि सरकार को ये फैसला बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था, क्योंकि जो बुजुर्गवार हो चुके हैं. उन्हें एक्सटेंशन देकर नौकरी देना और युवाओं को बेरोजगार बैठाना पूरी तरह से असंगत है.

उन्होंने सरकार को इस निर्णय के लिए धन्यवाद कहा है. साथ ही कहा कि इस फैसले के बाद कई पद रिक्त हो जाएंगे. ऐसे में यदि दिल्ली सरकार चाहे, तो अतिथि शिक्षकों को स्थाई करने पर भी विचार कर सकती है.


एस्टेट मैनेजर के पद पर भी युवाओं को मिलनी चाहिए नियुक्ति

वहीं अतिथि शिक्षक अरुण ने कहा कि जिस तरह प्रिंसिपल और शिक्षकों के संबंध में निर्णय लिया गया है. ऐसा ही निर्णय एस्टेट मैनेजर के लिए भी लिया जाना चाहिए, क्योंकि ज्यादातर एस्टेट मैनेजर किसी ना किसी सरकारी पद से सेवानिवृत्त हैं. वो पेंशन भी ले रहे हैं और साथ ही वेतन भी. ऐसे में उन्हें भी सेवानिवृत्त कर युवा वर्ग को ये जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए जो पूरे जोश और कर्मठता के साथ निभा सके.

बता दें कि शिक्षा निदेशालय की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया है. जिसमें कहा गया कि जो शिक्षक री-एंप्लॉयमेंट के तहत कार्यरत है. उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं.

नई दिल्ली: रिटायर्ड शिक्षकों के री एंप्लॉयमेंट को दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से तत्काल प्रभाव से खत्म करने को लेकर जारी किए गए नोटिस का जहां एक ओर स्वागत किया गया है. वहीं दूसरी ओर इस तरह अचानक से शिक्षकों को नौकरी पर आने की मनाही कर देने पर विरोध भी जताया जा रहा है.

री एंप्लॉयमेंट खत्म करने के फैसले पर मिली जुली प्रतिक्रिया

इसको लेकर जीएसटीए सहित अतिथि शिक्षकों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से युवा वर्ग को रोजगार के अवसर मिलेंगे. वहीं जीएसटीए ने कहा कि अगर ये आदेश सत्र की शुरुआत में लागू होता, तो इस तरह अचानक से शिक्षकों को नौकरी से नहीं हटाना पड़ता. इस तरह अचानक से नौकरी पर ना आने के लिए कह देना, कहीं ना कहीं इन शिक्षकों के आत्मसम्मान पर चोट है.



री एंप्लॉयमेंट खत्म होने के आदेश पर मिली जुली प्रतिक्रिया

वहीं सेवानिवृत्त शिक्षकों के री एंप्लॉयमेंट ना किए जाने को लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए सर्कुलर पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. वहीं इसको लेकर जीएसटीए के सदस्य सतीश का कहना है कि अगर सकारात्मक तौर पर देखा जाए, तो ये फैसला सराहनीय है. इससे युवा वर्ग को रोजगार के अवसर मिलेंगे, नई नौकरियां निकलेंगी लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है.

वहीं अपने जीवन भर के अनुभवों को संजोए जो शिक्षक एक्सटेंशन लेकर अभी कार्य कर रहे हैं. एकदम से उन्हें नौकरी पर न आने के लिए कह देना उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाना है.



शिक्षकों को तत्काल हटाने का आदेश शिक्षकों का अपमान है

वहीं जीएसटीए डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए के सेक्रेटरी संतराम ने कहा कि जिन शिक्षकों ने इतने सालों तक सरकार के संस्थानों में अपनी सेवा दी. उनसे तत्काल चले जाने के लिए कहना उनका अपमान करना है.

उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति अक्सर अतिथि शिक्षकों के साथ भी होती हैं. जिसमें तत्काल प्रभाव से ही उनकी सेवाएं खत्म कर दी जाती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का फैसला सही है लेकिन इसे लागू करने का तरीका गलत है. सरकार को योजनाबद्ध तरीके से किसी भी आदेश को लागू करने की जरूरत है.



सरकार के फैसले का अतिथि शिक्षकों ने किया स्वागत

वहीं अतिथि शिक्षकों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. अतिथि शिक्षक सुनील शास्त्री का कहना है कि सरकार को ये फैसला बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था, क्योंकि जो बुजुर्गवार हो चुके हैं. उन्हें एक्सटेंशन देकर नौकरी देना और युवाओं को बेरोजगार बैठाना पूरी तरह से असंगत है.

उन्होंने सरकार को इस निर्णय के लिए धन्यवाद कहा है. साथ ही कहा कि इस फैसले के बाद कई पद रिक्त हो जाएंगे. ऐसे में यदि दिल्ली सरकार चाहे, तो अतिथि शिक्षकों को स्थाई करने पर भी विचार कर सकती है.


एस्टेट मैनेजर के पद पर भी युवाओं को मिलनी चाहिए नियुक्ति

वहीं अतिथि शिक्षक अरुण ने कहा कि जिस तरह प्रिंसिपल और शिक्षकों के संबंध में निर्णय लिया गया है. ऐसा ही निर्णय एस्टेट मैनेजर के लिए भी लिया जाना चाहिए, क्योंकि ज्यादातर एस्टेट मैनेजर किसी ना किसी सरकारी पद से सेवानिवृत्त हैं. वो पेंशन भी ले रहे हैं और साथ ही वेतन भी. ऐसे में उन्हें भी सेवानिवृत्त कर युवा वर्ग को ये जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए जो पूरे जोश और कर्मठता के साथ निभा सके.

बता दें कि शिक्षा निदेशालय की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया है. जिसमें कहा गया कि जो शिक्षक री-एंप्लॉयमेंट के तहत कार्यरत है. उनकी सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.