नई दिल्ली: दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' कई विवादों के बीच आखिरकार रिलीज हो गई. जेएनयू में प्रदर्शन कर रहे छात्रों का समर्थन करने से कई संगठनों ने फ़िल्म के विरोध का ऐलान किया है. जिसके चलते शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में भी करणी सेना ने दीपिका की फिल्म 'छपाक का विरोध किया और एडीएम को ज्ञापन सौंपा.
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के लोगों का कहना है कि फिल्म ग्रेटर नोएडा के किसी भी सिनेमाघर में नहीं चलनी चाहिए अन्यथा वह बड़ा आंदोलन करेंगे. इस दौरान इन लोगों ने दीपिका पादुकोण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, और 'नहीं चलेगी नहीं चलेगी छपाक मूवी नहीं चलेगी' के जमकर नारे लगाए. इसी के साथ जेएनयू को लेकर भी नारेबाजी की गई.
छपाक का पोस्टर नहीं होना चाहिए
इन लोगों का साफ कहना है किसी भी सिनेमाघर में छपाक का पोस्टर नहीं होना चाहिए अन्यथा वह जबरदस्त प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे.
सिनेमाघरों में तैनात रही पुलिस
हालांकि सेना के विरोध के चलते पुलिस पहले से ही अलर्ट रही और सभी मॉल और सिनेमाघरों पर पुलिस तैनात रही. करणी सेना ने अभी किसी भी मॉल या मल्टीप्लेक्स पर प्रदर्शन नहीं किया बल्कि प्रशासन को ज्ञापन देते हुए सिर्फ मल्टीप्लेक्स को चेतावनी दी कि वह छपाक फिल्म न चलाएं.
सेंसर बोर्ड को लिखा खत
बता दें कि इससे पहले फिल्म 'छपाक' के विरोध में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने सेंसर बोर्ड को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए फिल्म नहीं चलने देने की धमकी दी गई है. इसके पीछे दो मुख्य वजहें पत्र में बताई गई हैं.
नदीम खान ने डाला था एसिड
पहली यह कि फिल्म सत्य घटना पर आधारित है. फिल्म में दीपिका जिस लक्ष्मी अग्रवाल नामक लड़की का किरदार निभा रही हैं उसके ऊपर नदीम खान नाम के शख्स ने एसिड डाला था जबकि करणी सेना के मुताबिक फिल्म में नदीम के किरदार को राजेश नाम दिया गया है. करणी सेना को लगता है कि यह हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश है. हालांकि सच्चाई ये है कि फिल्म में मुख्य आरोपी का नाम बदला गया है धर्म नहीं.
दूसरी वजह यह है कि दीपिका कन्हैया कुमार के साथ जेएनयू में छात्रों का हाल-चाल पूछ रही थीं. वह इस गंभीर स्थिति में फिल्म का प्रमोशन करने पहुंची थीं. करणी सेना ने फिल्म थिएटर के मालिकों को भी फिल्म न लगाने की धमकी दी है. पत्र में लिखा है कि अगर फिल्म दिखाई गई तो कोई भी घटना होने पर थियेटर मालिक जिम्मेदार होगा.