नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार की ओर से कोरोना मरीजों के लिए स्टेडियम और बैंक्वेट हॉल में अस्थायी रूप से कोविड19 आइसोलेशन सेंटर बनाने संबंधी आदेश पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार देरी से क्यों जागी? जबकि कोरोना के मरीजों इस संख्या लगातार बढ़ रही है और अब सरकार संभावना तलाश रही है.
'बेड को लेकर झूठ बोलती रही सरकार'
कोरोना मरीजों के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 7अप्रैल को कहा था कि 30000 बेड तैयार हैं. कुछ दिनों बाद अदालत में उन्होंने कहा 2950 बेड ही है. उनकी कथनी और करनी में अंतर बताता है कि वे कोरोना महामारी को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं.
'स्टेडियम में अस्पताल बनेंगे तो सुविधाएं कैसे मिलेंगी'
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम, छत्रसाल स्टेडियम, यमुना स्पोर्ट्स कंपलेक्स इंडोर स्टेडियम, बैंक्वेट हॉल को कोविड19 आइसोलेशन सेंटर में तब्दील करने के संबंध में जो आदेश जारी किए हैं. क्या गारंटी है कि यहां पर भर्ती मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी? क्योंकि दिल्ली सरकार ने संक्रमित मरीजों और लोगों के लिए जो क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं, वहां की व्यवस्था जगजाहिर है.
'राशन देने में विफल रही सरकार'
नेता प्रतिपक्ष ने केजरीवाल सरकार पर कोरोना संकटकाल में दिल्ली में रहने वाले गरीबों को मुफ्त राशन देने में भी विफल बताया. उन्होंने कहा केंद्र से राशन लेने के बाद भी सरकार बांट नहीं पाई. इससे बड़ी और क्या नाकामी होगी. इतना ही नहीं भीषण गर्मी में शुरू होते ही दिल्लीवालों को पानी की समस्या खड़ी हो गई है. सरकार पानी भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है.
बता दें कि दिल्ली सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने इलाके में स्टेडियम और बैंक्वेट हॉल की सूची देने के आदेश दिए थे. ताकि उसे कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाया जा सके. जिलाधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट भी दे दी है और रिपोर्ट के मुताबिक मध्य जिले में कोई बैंक्वेट हॉल नहीं है. मगर इस जिले में आईजी स्टेडियम, अंबेडकर स्टेडियम और कई होटल हैं जिन्हें जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन सेंटर में तब्दील किया जा सकता है.