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दिल्ली एम्स में बिजली गुल होने से कैंसर मरीजों की रेडियोथेरेपी और सर्जरी टली

सोमवार को दिल्ली एम्स में बिजली कटौती ने मरीजों को परेशान कर दिया. बताया जा रहा है कि बिजली कटने से ओपीडी में पंजीकरण सहित अन्य विभागों में भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं. हालांकि, एम्स प्रशासन ने अस्पताल में चिकित्सा सेवा प्रभावित नहीं होने का दावा किया है.

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Published : Jul 3, 2023, 10:37 PM IST

नई दिल्ली: एम्स में सोमवार सुबह कई घंटे बिजली गुल रहने से ओपीडी में पंजीकरण सहित अन्य विभागों में भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं. ओपीडी पंजीकरण के लिए लाइन में लगे लोग अचानक बिजली कटने और ब्लाक में अंधेरा होने से चिल्लाने लगे और ओपीडी पंजीकरण में देरी होने पर नाराजगी जाहिर की. इसके अलावा एम्स के कैंसर सेंटर में चिकित्सा सेवाएं ज्यादा प्रभावित रही.

मरीजों की रेडियोथेरेपी नहीं हो पाई. बाद में बिजली आने पर कुछ मरीजों की रेडियोथेरेपी हुई, लेकिन ज्यादातर मरीजों को रेडियोथेरेपी के बगैर वापस लौटना पड़ा. कई मरीजों की सर्जरी भी टल गई. एम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि सुबह कैंसर के एक मरीज का टोटल बाडी रेडिएशन हो रहा था. इस बीच बिजली गुल होने से मशीन बंद हो गई और मरीज का प्रोसीजर बीच में रोकना पड़ा. यह प्रोसीजर एक बार में ही करना होता है. इसके बाद कई अन्य मरीजों की रेडियोथेरेपी नहीं हो पाई. उन्हें बाद में दोबारा बुलाया गया है. इस बीच एम्स में रेडिएशन फैलने की चर्चा शुरू हो गई, जिसे एम्स प्रशासन ने अफवाह बताया.

रेडिएशन फैलने की चर्चा को बताया अफवाहः एम्स मीडिया सेल की प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने बयान जारी कर बताया कि अस्पताल के रेडियोएक्टिव सेफ्टी अधिकारी डॉ. अनिल कुमार पांडेय ने पुष्टि की है कि रेडिएशन की कोई घटना नहीं हुई. एनडीएमसी ने ओपीडी और एम्स में कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बंद कर दी थी. उन्होंने दावा किया कि बिजली कटने से अस्पताल में चिकित्सा सेवा प्रभावित नहीं हुई.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली एम्स के डॉक्टर ने विकसित की नई तकनीक, बीमारी को शुरुआती स्टेज में ठीक किया जा सकता है

बढ़ी है बिजली कटौती की घटनाः एम्स प्रशासन का कहना है कि बिजली कटने की स्थिति में संस्थान का बिजली बैकअप है. इसके लिए कई जनरेटर सेट लगाए गए हैं, लेकिन रेडियोथेरेपी मशीनें उच्च क्षमता की होती हैं. इस वजह से बिजली कटते ही दो में से एक रेडियोथेरेपी की मशीन बंद हो गई. एम्स के डॉक्टर बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से बिजली की समस्या बढ़ी है और एनडीएमसी की तरफ से बार-बार बिजली कट हो रही है. एम्स में हर वक्त करीब दो हजार से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं. प्रतिदिन सैकड़ों प्रोसीजर होते हैं. ऐसे में एम्स जैसे अस्पताल में बिजली गुल होना गंभीर समस्या है.

यह भी पढ़ेंः Alpha Targeted Therapy: दिल्ली एम्स की अल्फा टारगेटेड थेरेपी कैंसर के अंतिम स्टेज में दो साल बढ़ा देगी लाइफ, पढ़ें

नई दिल्ली: एम्स में सोमवार सुबह कई घंटे बिजली गुल रहने से ओपीडी में पंजीकरण सहित अन्य विभागों में भी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं. ओपीडी पंजीकरण के लिए लाइन में लगे लोग अचानक बिजली कटने और ब्लाक में अंधेरा होने से चिल्लाने लगे और ओपीडी पंजीकरण में देरी होने पर नाराजगी जाहिर की. इसके अलावा एम्स के कैंसर सेंटर में चिकित्सा सेवाएं ज्यादा प्रभावित रही.

मरीजों की रेडियोथेरेपी नहीं हो पाई. बाद में बिजली आने पर कुछ मरीजों की रेडियोथेरेपी हुई, लेकिन ज्यादातर मरीजों को रेडियोथेरेपी के बगैर वापस लौटना पड़ा. कई मरीजों की सर्जरी भी टल गई. एम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि सुबह कैंसर के एक मरीज का टोटल बाडी रेडिएशन हो रहा था. इस बीच बिजली गुल होने से मशीन बंद हो गई और मरीज का प्रोसीजर बीच में रोकना पड़ा. यह प्रोसीजर एक बार में ही करना होता है. इसके बाद कई अन्य मरीजों की रेडियोथेरेपी नहीं हो पाई. उन्हें बाद में दोबारा बुलाया गया है. इस बीच एम्स में रेडिएशन फैलने की चर्चा शुरू हो गई, जिसे एम्स प्रशासन ने अफवाह बताया.

रेडिएशन फैलने की चर्चा को बताया अफवाहः एम्स मीडिया सेल की प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने बयान जारी कर बताया कि अस्पताल के रेडियोएक्टिव सेफ्टी अधिकारी डॉ. अनिल कुमार पांडेय ने पुष्टि की है कि रेडिएशन की कोई घटना नहीं हुई. एनडीएमसी ने ओपीडी और एम्स में कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बंद कर दी थी. उन्होंने दावा किया कि बिजली कटने से अस्पताल में चिकित्सा सेवा प्रभावित नहीं हुई.

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बढ़ी है बिजली कटौती की घटनाः एम्स प्रशासन का कहना है कि बिजली कटने की स्थिति में संस्थान का बिजली बैकअप है. इसके लिए कई जनरेटर सेट लगाए गए हैं, लेकिन रेडियोथेरेपी मशीनें उच्च क्षमता की होती हैं. इस वजह से बिजली कटते ही दो में से एक रेडियोथेरेपी की मशीन बंद हो गई. एम्स के डॉक्टर बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से बिजली की समस्या बढ़ी है और एनडीएमसी की तरफ से बार-बार बिजली कट हो रही है. एम्स में हर वक्त करीब दो हजार से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं. प्रतिदिन सैकड़ों प्रोसीजर होते हैं. ऐसे में एम्स जैसे अस्पताल में बिजली गुल होना गंभीर समस्या है.

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