ETV Bharat / state

राष्ट्रीय पुरुष आयोग के गठन की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर किया धरना-प्रदर्शन - Protest held at Jantar Mantar

राष्ट्रीय पुरुष आयोग के गठन और लिंग तटस्थ कानून बनाने की मांग को लेकर एनसीएम इंडिया काउंसिल फॉर मेन अफेयर्स ने सोमवार को प्रदर्शन किया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 2, 2023, 7:27 PM IST

राष्ट्रीय पुरुष आयोग के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन

नई दिल्ली: एनसीएम इंडिया काउंसिल फॉर मेन अफेयर्स ने देश में वैवाहिक रिश्तों की वजह से "पुरुष आत्महत्याओं" की बढ़ती संख्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए सोमवार को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया. संस्थान की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री को इस संबंध में एक ज्ञापन दिया जाएगा जिसमें "राष्ट्रीय पुरुष आयोग" के गठन और "लिंग तटस्थ कानून" बनाने की मांग की जाएगी.

जंतर मंतर पर पुरुष आयोग की मांग को लेकर पहुंचे लोगों ने कहा कि हमारे कानून निर्माताओं और न्यायपालिका ने महिलाओं के जीवन, स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा के लिए कुछ कानून बनाए हैं. लेकिन कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोगों ने इन महिला केंद्रित कानूनों का इस्तेमाल निर्दोष लोगों से जबरन वसूली और उत्पीड़न करने के लिए करना शुरू कर दिया है. जो कानून कमजोर लोगों को बचाने के उद्देश्य से बनाया गया था उसे हिसाब बराबर करने और अपने भयावह इरादों को पूरा करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है.

ये भी पढ़ें: मांगों को लेकर किसानों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन, धरने में महिलाएं भी हुईं शामिल

प्रदर्शकारियों ने कहा, कुछ महिलाओं और उनके परिवारों द्वारा अपने ही निर्दोष पतियों और ससुराल वालों के खिलाफ आईपीसी धारा 498ए, 354, 376 और अन्य के साथ-साथ दहेज संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग बढ़ रहा है. दुरुपयोग इतना गंभीर हो गया कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी कई बार इस पर अपनी चिंता व्यक्त की.

एक तरफ बलात्कार की बढ़ती घटनाएं हम सभी के लिए चिंता का विषय हैं, वहीं दूसरी तरफ हिसाब बराबर करने और उगाही के लिए झूठे बलात्कार के मामले दर्ज कराने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है. झूठे बलात्कार के मामलों पर नियंत्रण रखने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है कि बलात्कार के वास्तविक पीड़ितों को हमेशा त्वरित न्याय मिले.

जहां एक तरफ कई वास्तविक पीड़ितों को उनके खिलाफ किए गए अपराधों के लिए न्याय पाने में अभी भी बहुत सारी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ आपराधिक मानसिकता वाली महिलाएं और सिंडिकेट निर्दोषों को फंसाने के लिए कानूनों के इन प्रावधानों का दुरुपयोग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: जंतर मंतर पर सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन, सीवर-सेप्टिक टैंक में हो रही मौत के सरकारी आंकड़ों पर SKA को आपत्ति

राष्ट्रीय पुरुष आयोग के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन

नई दिल्ली: एनसीएम इंडिया काउंसिल फॉर मेन अफेयर्स ने देश में वैवाहिक रिश्तों की वजह से "पुरुष आत्महत्याओं" की बढ़ती संख्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए सोमवार को जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया. संस्थान की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री को इस संबंध में एक ज्ञापन दिया जाएगा जिसमें "राष्ट्रीय पुरुष आयोग" के गठन और "लिंग तटस्थ कानून" बनाने की मांग की जाएगी.

जंतर मंतर पर पुरुष आयोग की मांग को लेकर पहुंचे लोगों ने कहा कि हमारे कानून निर्माताओं और न्यायपालिका ने महिलाओं के जीवन, स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा के लिए कुछ कानून बनाए हैं. लेकिन कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोगों ने इन महिला केंद्रित कानूनों का इस्तेमाल निर्दोष लोगों से जबरन वसूली और उत्पीड़न करने के लिए करना शुरू कर दिया है. जो कानून कमजोर लोगों को बचाने के उद्देश्य से बनाया गया था उसे हिसाब बराबर करने और अपने भयावह इरादों को पूरा करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है.

ये भी पढ़ें: मांगों को लेकर किसानों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन, धरने में महिलाएं भी हुईं शामिल

प्रदर्शकारियों ने कहा, कुछ महिलाओं और उनके परिवारों द्वारा अपने ही निर्दोष पतियों और ससुराल वालों के खिलाफ आईपीसी धारा 498ए, 354, 376 और अन्य के साथ-साथ दहेज संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग बढ़ रहा है. दुरुपयोग इतना गंभीर हो गया कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी कई बार इस पर अपनी चिंता व्यक्त की.

एक तरफ बलात्कार की बढ़ती घटनाएं हम सभी के लिए चिंता का विषय हैं, वहीं दूसरी तरफ हिसाब बराबर करने और उगाही के लिए झूठे बलात्कार के मामले दर्ज कराने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है. झूठे बलात्कार के मामलों पर नियंत्रण रखने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है कि बलात्कार के वास्तविक पीड़ितों को हमेशा त्वरित न्याय मिले.

जहां एक तरफ कई वास्तविक पीड़ितों को उनके खिलाफ किए गए अपराधों के लिए न्याय पाने में अभी भी बहुत सारी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ आपराधिक मानसिकता वाली महिलाएं और सिंडिकेट निर्दोषों को फंसाने के लिए कानूनों के इन प्रावधानों का दुरुपयोग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: जंतर मंतर पर सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन, सीवर-सेप्टिक टैंक में हो रही मौत के सरकारी आंकड़ों पर SKA को आपत्ति

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.