नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने बैंक के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में जेल में बंद फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर और रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने दोनों को समझौता प्रस्ताव के सिलसिले में कल यानि 23 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.
दोनों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट
आज मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह के वकील ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) समझौते के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा था कि वे शिकायतकर्ता रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के साथ समझौता करना चाहते हैं. इस पर आरएफएल की ओर से मनप्रीत सूरी ने कहा कि वे समझौते के लिए लिखित प्रस्ताव चाहते हैं. उसके बाद कोर्ट ने दोनों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया.
पांच आरोपी हुए थे गिरफ्तार
पिछले 17 अक्टूबर को कोर्ट ने मलविंदर , शिवेंद्र समेत पांच आरोपियों को 31 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. पिछले 15 अक्टूबर को कोर्ट ने पांचों आरोपियों की 17 अक्टूबर तक की ईओडब्ल्यू हिरासत में भेजा था. उसके पहले 11 अक्टूबर को कोर्ट ने पांचों को 15 अक्टूबर तक की ईओडब्ल्यू की हिरासत में भेजने का आदेश दिया था.
मामले में मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह के अलावा जो आरोपी हैं उनमें सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना शामिल हैं. पांचों को ईओडब्ल्यू ने 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. रेलिगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड की शिकायत पर इन्हें गिरफ्तार किया गया था. ईओडब्ल्यू के मुताबिक रेलिगेयर कंपनी में रहते हुए शिवेंद्र सिंह ने बैंकों से 2300 करोड़ रुपए का कर्ज लिया और उस पैसे को ग़लत तरीके से अपनी सहायक कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया और बैंक का कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाया. जब कंपनी आरएफएल की हो गई तब पूरे घोटाले का खुलासा हुआ.