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एमजे अकबर के खिलाफ कई महिलाएं आगे आईं थींः प्रिया रमानी

पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर मानहानि के मामले पर आज प्रिया रमानी की ओर से दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में कहा गया कि एमजे अकबर के खिलाफ कई महिलाएं आगे आईं थीं.

priya ramani lawyer said many women came forward against mj akbar
एमजे अकबर मानहानि केस
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Published : Dec 2, 2020, 10:29 PM IST

Updated : Dec 2, 2020, 10:45 PM IST

नई दिल्लीः पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर मानहानि के मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. प्रिया रमानी की ओर से कहा गया कि एमजे अकबर के खिलाफ कई महिलाएं आगे आई थी. कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 5 दिसंबर को करेगा.

सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी की ओर से वकील रेबेका जॉन ने कहा कि एमजे अकबर के खिलाफ कई महिलाएं आगे आई थी. रेबेका जॉन ने अकबर के समर्थन में आए गवाहों के बयानों का विरोध करते हुए कहा कि ये मानहानि के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के तहत नहीं आते. उन्होंने कहा कि रमानी ने वोग (vogue) मैगजीन में अपने साथ हुई घटना का जिक्र किया.

'मानहानि का मामला नहीं बनता'

रेबेका जॉन ने कहा कि रमानी के ट्वीट से आपराधिक मानहानि का मामला नहीं बनता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में साक्ष्यों को अलग तरीके से देखना होगा और सुप्रीम कोर्ट के मानकों के मुताबिक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक शिकायतकर्ता को अपना केस संदेह से परे साबित करना होगा. रेबेका जॉन ने कहा कि रमानी को जो नोटिस जारी किया गया था उसमें पूरे आलेख को मानहानि वाला बताया गया था. सुनवाई के दौरान रेबेका जॉन ने कोर्ट को दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश की प्रति दिखाई, जो अकबर के संपादक रहते हुए कोर्ट की अवमानना से संबंधित था.

2018 में दायर किया था मामला

एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था.

25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी. कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ अरोप तय किए थे.

नई दिल्लीः पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से दायर मानहानि के मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. प्रिया रमानी की ओर से कहा गया कि एमजे अकबर के खिलाफ कई महिलाएं आगे आई थी. कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 5 दिसंबर को करेगा.

सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी की ओर से वकील रेबेका जॉन ने कहा कि एमजे अकबर के खिलाफ कई महिलाएं आगे आई थी. रेबेका जॉन ने अकबर के समर्थन में आए गवाहों के बयानों का विरोध करते हुए कहा कि ये मानहानि के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 499 के तहत नहीं आते. उन्होंने कहा कि रमानी ने वोग (vogue) मैगजीन में अपने साथ हुई घटना का जिक्र किया.

'मानहानि का मामला नहीं बनता'

रेबेका जॉन ने कहा कि रमानी के ट्वीट से आपराधिक मानहानि का मामला नहीं बनता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में साक्ष्यों को अलग तरीके से देखना होगा और सुप्रीम कोर्ट के मानकों के मुताबिक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक शिकायतकर्ता को अपना केस संदेह से परे साबित करना होगा. रेबेका जॉन ने कहा कि रमानी को जो नोटिस जारी किया गया था उसमें पूरे आलेख को मानहानि वाला बताया गया था. सुनवाई के दौरान रेबेका जॉन ने कोर्ट को दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश की प्रति दिखाई, जो अकबर के संपादक रहते हुए कोर्ट की अवमानना से संबंधित था.

2018 में दायर किया था मामला

एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था.

25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी. कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ अरोप तय किए थे.

Last Updated : Dec 2, 2020, 10:45 PM IST
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