नई दिल्ली: राजधानी में अगले कुछ दिनों के अंदर मॉनसून दस्तक देने जा रहा है. बारिश से जहां एक ओर लोगों को राहत मिलती है, वहीं दूसरी ओर दिल्लीवासियों को जलभराव, ट्रैफिक जाम जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बारिश आने के पहले ही नालियों की सफाई, सड़क के गड्ढों का भराव आदि काम पूरे हो जायं तो लोगों को इस समस्या से निजात मिल सकता है. हालांकि दिल्ली की तीनों नगर निगम और दिल्ली सरकार मॉनसून के मद्देनजर अपनी-अपनी तैयारियों को लेकर ना सिर्फ तमाम दावे कर रहे हैं, बल्कि एक दूसरे के ऊपर अपनी जिम्मेदारी ना निभाने के आरोप भी लगा रहे हैं.
दिल्ली में मॉनसून को लेकर सड़कों के हालात की बात की जाए तो सिर्फ सेंट्रल दिल्ली लुटियन जोन को छोड़कर कहीं पर भी सड़कों के हालात पूर्णरूप से सही नहीं हैं. दिल्ली के बॉर्डर क्षेत्रों में तो सड़कों के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, जगह-जगह सड़कें टूटी हुई हैं. कुछ सड़कों में इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि मॉनसून की भारी बरसात के वक्त यह गड्ढे लबालब पानी से भर जाते हैं और सड़क दुर्घटना का कारण बनते है. जो पिछले साल भी थे और इस साल भी हैं.
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बादली, बवाना, किराड़ी, नजफगढ़, नरेला जैसी विधानसभाएं, जो दिल्ली के बॉर्डर से लगती हैं. उनके कई इलाकों में कई जगह सड़कों के हालात बद से बदतर हैं. खास तौर पर दिल्ली के गांव देहात के क्षेत्र में सड़कों की स्तिथि सही नहीं है.
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हालांकि मॉनसून के मद्देनजर तैयारियों को लेकर तीनों नगर निगम तमाम बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. निगम के अंतर्गत आने वाली छोटी सड़कों का रिपेयर वर्क लगातार करवाया जा रहा है. सड़कों के किनारे आने वाली छोटी-छोटी नालियों की टूटी हुई जालियां भी बदली जा रही है.
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मॉनसून की तैयारियों को लेकर नॉर्थ और साउथ एमसीडी का तो यहां तक दावा है कि उन्होंने अपने क्षेत्र में 90 से 95% तक सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं. निगम अपने अंतर्गत आने वाली सड़कों के हालात लगातार ठीक करवा रही है.
निगम का कहना है कि हर जोन में जनता की सुविधा को देखते हुए मॉनसून के मद्देनजर विशेष केंद्र की स्थापना की गई है, जो 24 घंटे जनता की सेवा में उपलब्ध रहेगा. जनता फ़ोन के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकती है. जिनका सीमित समय अवधि में समाधान किया जाएगा.
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निगम का दावा है कि जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में पंपिंग सेट और पंपिंग स्टेशन उपलब्ध हैं. पिछले साल की तरह इस बार दिल्ली की जनता को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े, इसका नगर निगम अपनी तरफ से ख्याल रखेगा. छोटी-छोटी नालियां जो खुली हुई हैं, उन पर बकायदा जालियां लगवाई जा रही है. पाथ होल्स को बंद किया जा रहा है. जहां तक मैनहोल का सवाल है तो उसे बंद करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है.
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निगम का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के चलते मॉनसून को लेकर तैयारियों में थोड़ी देरी जरूर हुई है लेकिन निगम लगातार अपनी जिम्मेदारी पूरी प्रतिबद्धता के साथ निभा रही है. नॉर्थ एमसीडी और साउथ एमसीडी ने बकायदा मॉनसून की तैयारियों के मद्देनजर एक अलग से बजट भी एलोकेट किया है. ताकि तैयारियों को अच्छे से किया जा सके और दिल्ली के नागरिकों को किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो.
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नगर निगम चाहे जो भी वादा करे लेकिन जमीनी हकीकत अलग ही नजर आती है. अभी भी राजधानी दिल्ली के अंदर कई प्रमुख सड़कों के ऊपर ना सिर्फ गड्ढे बल्कि मैन होल्स आसानी से देखने से मिल जाएंगे. साथ ही कई जगह छोटे-बड़े मेनहोल भी खुले हुए हैं. खास तौर पर गुलाबी बाग, आनंद पर्वत, नांगलोई, सुल्तान पूरी, किराड़ी, संगम विहार, नजफगढ़, मस्जिद मोड़, गोविंद पुरी, सीलमपुर, शाहदरा, बादली में ऐसी कई जगहें जो भारी बरसात में सड़क दुर्घटना का कारण बनती हैं.
हालांकि चाहे निगम हो या फिर दिल्ली सरकार दोनों की तरफ से रिपेयर वर्क को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं. अब ये दावे कितने सच होते हैं ये आने वाले मानसून के बाद सामने आ ही जायेगी.