नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच 'सुंदरकांड पाठ' को लेकर सियासी जंग तेज हो गई है. दरअसल, आम आदमी पार्टी मंगलवार को दिल्ली के सभी 70 विधानसभाओं में 'सुंदरकांड' पाठ कार्यक्रम कर रही है. अब इसको लेकर दिल्ली भाजपा सचिव बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने राम मंदिर निर्माण से पहले कहा था उनका मन बहुत दुखी है. वह चाहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर की जगह अस्पताल या स्कूल बने. आज जब भव्य राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो रहा है तो वह भी भगवा रंग में रंगने का नाटक कर रहे हैं.
बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल से पूछा है कि क्या उन्होंने इस सुंदरकांड पाठ के आयोजन में अपनी ही पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को न्योता दिया है. क्या राजेंद्र पाल भी इस सुंदरकांड पाठ कार्यक्रम में शामिल होंगे. आप विधायक ने दिसंबर 2022 में विधानसभा सत्र में कहा था कि रामायण और बाकी ग्रंथो का बहिष्कार होना चाहिए. इसको लेकर उन्होंने खुद शपथ ली और दूसरों को भी शपथ दिलवाया था.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल का राजेंद्र पाल पर अब क्या रुख है? दूसरा सवाल केजरीवाल से यह की जो उनके एलायंस के पार्टनर है. डीएमके नेता जिन्होंने सनातन धर्म को एक बीमारी बताया था, क्या उनको भी इन्होंने सुंदरकांड पाठ के लिए निमंत्रण दिया है? क्या केजरीवाल प्रभु श्रीराम, सनातन धर्म और हिंदुओं को खत्म करने वाले इनके एलायंस पार्टनर्स बयान दे रहे थे, उन पर कुछ टिप्पणी करेंगे.
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बांसुरी स्वराज ने आगे तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल को आखिर राम नाम चुनाव से पहले ही क्यों याद आता है. एमसीडी चुनाव से पहले भी केजरीवाल ने घोषणा की थी कि वह जगह-जगह हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन करवाएंगे. वहीं, आज जब जनरल इलेक्शन आने वाले हैं तो उन्हें सुंदरकांड पाठ का याद आ रहा है. अगर केजरीवाल की इस मुहिम में राजनीति अवसरवादी नहीं होती तो भाजपा इस सुंदर कांड पाठ का स्वागत करती. AAP यहां सुंदरकांड पाठ आयोजित करवाकर केवल राजनीतिक अवसर तलाश रही है.