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चुनावी बदजुबानी: चुनाव प्रचार में दिल्ली का नमूना, छोटा रिचार्ज, रावण, सद्दाम... - सत्येंद्र जैन द्वारा जेल मैनुअल का उल्लंघन

दिल्ली में आगामी एमसीडी चुनाव के प्रचार के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से लगी हैं. हर पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप तो लगा ही रहे हैं, साथ ही विरोधियों के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उन के क्या ही कहने..

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एमसीडी चुनाव समाचार
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Published : Nov 30, 2022, 11:53 AM IST

नई दिल्ली: चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टी स्लोगन का इस्तेमाल करती है. ताकि वह लोगों की जुबां पर चढ़ जाए. दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए तारीख का ऐलान होने के साथ ही आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस तीनों ने ही तुरंत स्लोगन तैयार किया. पार्टियां उसे दिल्ली की जनता के मन मस्तिष्क में पहुंचाने के लिए अलग-अलग तरीके से कोशिश कर रही हैं. लेकिन चुनाव प्रचार शुरू होते ही जब एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला शुरू हुआ तब मंझे हुए राजनेता भी विरोधियों के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह बदजुबानी से कम नहीं है.

दिल्ली नगर निगम चुनाव के साथ ही आम आदमी पार्टी, गुजरात विधानसभा चुनाव भी पूरे दमखम के साथ लड़ रही है. नतीजा है कि आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल समेत सभी शीर्ष नेता दिल्ली और गुजरात में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. बीजेपी के भी नेता दोनों ही जगहों पर अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इस प्रचार के दौरान ही राक्षस, रावण, सद्दाम, छोटा रिचार्ज, दिल्ली का नमूना ऐसे शब्दों का प्रयोग राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के लिए खूब हो रहा है और ट्रेंड कर रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान की प्रोफेसर मंजू गोयल के अनुसार चुनाव प्रचार के दौरान इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल आमतौर पर प्रतिद्वंदी के खिलाफ करते हैं. उनका मकसद प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ बोल कर अपने खेमे के लोगों को संतुष्ट करना होता है. हालांकि अभी तक देखने में आया है कि जिसके लिए बदजुबानी या अपशब्द का इस्तेमाल किया जाता है, उसे चुनाव में लाभ ही मिला है. लेकिन स्वस्थ राजनीति में इस तरह की बदजुबानी से बचना चाहिए.

दिल्ली चुनावों के उन चुनावी नारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने जारी किए हैं. आम आदमी पार्टी ने 'एमसीडी में भी केजरीवाल', 'केजरीवाल का पार्षद' ये नारा हर जगह जोर शोर से लगाया. इस नारे के जरिए दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने ये समझाने का प्रयास किया कि सरकार के बाद निगम में भी आम आदमी पार्टी की सत्ता होगी तो दिल्ली का विकास तेज़ी से होगा.

अभी तक पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जो नारा लगाया गया वो है, 'सेवा ही विचार, नहीं खोखले प्रचार' के नारे के साथ प्रचार कर रही है. इस नारे के जरिए भाजपा केंद्र सरकार की उपलब्धियों को बता रही है. चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने आम आदमी पार्टी के कार्यकाल पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं. वहीं भाजपा की तरफ से तिहाड़ जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा जेल मैनुअल का उल्लंघन से संबंधित वीडियो जारी कर भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ माहौल बनाने में जुटी है. भाजपा दिल्ली की जनता को ये समझाने की कोशिश कि केंद्र में हमारी सरकार है दिल्ली नगर निगम में भी लेकर आओ.

ये भी पढ़ें : टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरपर्सन विक्रम किर्लोस्कर का निधन

वहीं, कांग्रेस पार्टी इस बार 'प्रदूषित दिल्ली बनाम चमकती दिल्ली' के नारे के साथ मैदान में उतरी है. पार्टी ने इस मुद्दे को केंद्र में रखते हुए चुनाव प्रचार कर रही है. साथ ही कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान 'फिर से कांग्रेस वाली दिल्ली' नारा जोर शोर से लगाया. मतलब इस नारे के जरिए कांग्रेस ने दिल्ली वालों से अपील की कि उन्हें दोबारा सत्ता में लाए. कांग्रेस की ओर से दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान जो दूसरा नारा लगाया गयो वो रहा 'कांग्रेस वाली दिल्ली, खुशहाल दिल्ली.'

ये भी पढ़ें : जमानत के लिए सत्येंद्र जैन ने खटखटाया दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा

नई दिल्ली: चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टी स्लोगन का इस्तेमाल करती है. ताकि वह लोगों की जुबां पर चढ़ जाए. दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए तारीख का ऐलान होने के साथ ही आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस तीनों ने ही तुरंत स्लोगन तैयार किया. पार्टियां उसे दिल्ली की जनता के मन मस्तिष्क में पहुंचाने के लिए अलग-अलग तरीके से कोशिश कर रही हैं. लेकिन चुनाव प्रचार शुरू होते ही जब एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला शुरू हुआ तब मंझे हुए राजनेता भी विरोधियों के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह बदजुबानी से कम नहीं है.

दिल्ली नगर निगम चुनाव के साथ ही आम आदमी पार्टी, गुजरात विधानसभा चुनाव भी पूरे दमखम के साथ लड़ रही है. नतीजा है कि आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल समेत सभी शीर्ष नेता दिल्ली और गुजरात में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. बीजेपी के भी नेता दोनों ही जगहों पर अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इस प्रचार के दौरान ही राक्षस, रावण, सद्दाम, छोटा रिचार्ज, दिल्ली का नमूना ऐसे शब्दों का प्रयोग राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के लिए खूब हो रहा है और ट्रेंड कर रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान की प्रोफेसर मंजू गोयल के अनुसार चुनाव प्रचार के दौरान इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल आमतौर पर प्रतिद्वंदी के खिलाफ करते हैं. उनका मकसद प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ बोल कर अपने खेमे के लोगों को संतुष्ट करना होता है. हालांकि अभी तक देखने में आया है कि जिसके लिए बदजुबानी या अपशब्द का इस्तेमाल किया जाता है, उसे चुनाव में लाभ ही मिला है. लेकिन स्वस्थ राजनीति में इस तरह की बदजुबानी से बचना चाहिए.

दिल्ली चुनावों के उन चुनावी नारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने जारी किए हैं. आम आदमी पार्टी ने 'एमसीडी में भी केजरीवाल', 'केजरीवाल का पार्षद' ये नारा हर जगह जोर शोर से लगाया. इस नारे के जरिए दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने ये समझाने का प्रयास किया कि सरकार के बाद निगम में भी आम आदमी पार्टी की सत्ता होगी तो दिल्ली का विकास तेज़ी से होगा.

अभी तक पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जो नारा लगाया गया वो है, 'सेवा ही विचार, नहीं खोखले प्रचार' के नारे के साथ प्रचार कर रही है. इस नारे के जरिए भाजपा केंद्र सरकार की उपलब्धियों को बता रही है. चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने आम आदमी पार्टी के कार्यकाल पर निशाना साधने से नहीं चूक रहे हैं. वहीं भाजपा की तरफ से तिहाड़ जेल में बंद मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा जेल मैनुअल का उल्लंघन से संबंधित वीडियो जारी कर भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ माहौल बनाने में जुटी है. भाजपा दिल्ली की जनता को ये समझाने की कोशिश कि केंद्र में हमारी सरकार है दिल्ली नगर निगम में भी लेकर आओ.

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वहीं, कांग्रेस पार्टी इस बार 'प्रदूषित दिल्ली बनाम चमकती दिल्ली' के नारे के साथ मैदान में उतरी है. पार्टी ने इस मुद्दे को केंद्र में रखते हुए चुनाव प्रचार कर रही है. साथ ही कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान 'फिर से कांग्रेस वाली दिल्ली' नारा जोर शोर से लगाया. मतलब इस नारे के जरिए कांग्रेस ने दिल्ली वालों से अपील की कि उन्हें दोबारा सत्ता में लाए. कांग्रेस की ओर से दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान जो दूसरा नारा लगाया गयो वो रहा 'कांग्रेस वाली दिल्ली, खुशहाल दिल्ली.'

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