नई दिल्ली: डीयू छात्रसंघ चुनाव के दौरान रामजस कॉलेज में एनएसयूआई प्रत्याशी के साथ कुछ लोगों के लाठी-डंडे व हथियार लेकर कैंपस में घुसने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की थी.
दरअसल, अभाविप ने एनएसयूआई पर डीयू में माहौल खराब करने पर आरोप लगाया था. अभाविप की तरफ से कहा गया था कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के साथ आए बाहरी लड़कों के के कारण यहां का माहौल बिगड़ रहा है. गौरतलब है कि डूसू चुनाव में शुक्रवार को मतदान होगा. मतदान से 24 घंटे पहले गुरुवार सुबह 8:30 बजे चुनाव प्रचार थम गया. अब विभिन्न छात्र संगठनों के प्रत्याशी व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं.
थमा नहीं आरोप प्रत्यारोप: इससे पहले अभाविप ने मामले पर कहा था कि कॉलेज का माहौल खराब करने के पीछे एनएसयूआई कार्यकर्ता हैं. इसपर पलटवार करते हुए एनएसयूआई ने भी वीडियो जारी कर अभाविप पर आरोप लगाया था. एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि अभाविप कार्यकर्ता कॉलेज में छात्रों को धमका रहे हैं और छात्रों को उनके कैंडिडेट को वोट देने के लिए दबाव बना रहे हैं. वहीं अभाविप के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने एनएसयूआई द्वारा जारी की वीडियो को झूठा बताते हुए कहा था कि झूठ बोलना एनएसयूआई की फितरत है
कन्हैया कुमार को समझने में समय लगेगा: वहीं अभाविप दिल्ली प्रांत मंत्री हर्ष अत्री ने कहा था कि हमने जो वीडियो दिखाया है उससे स्पष्ट है कि एनएसयूआई के कैंडिडेट के साथ बाहरी लोग लाठी डंडे लेकर आए. इसमें कन्हैया कुमार की कोई गलती नहीं है. वह अभी एनएसयूआई में नए नए आए हैं. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को समझने में उन्हें अभी समय लगेगा. इसलिए मैं उनसे आग्रह करूंगा कि वह संगठन की ज्यादा से ज्यादा बैठक लें, जिससे उन्हें पता चले कि एनएसयूआई कार्यकर्ता क्या कर रहे हैं.