नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि शादी के वादे के साथ किसी महिला की सहमति के साथ लंबे समय तक किए गए सेक्स को रेप नहीं कहा जा सकता है. जस्टिस विभू बाखरु की बेंच ने एक आरोपी को रेप के मामले में बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए ये बातें कही.
लंबे समय तक संबंध को रेप नहीं कहा जा सकता है
कोर्ट ने कहा कि शादी करने का झांसा केवल शारीरिक शोषण करने की नीयत से किया गया तो वह रेप हो सकता है. लेकिन लंबे समय तक किसी के साथ अंतरंग संबंध रखना और सेक्स करना रेप की श्रेणी में नहीं आता है. दरअसल एक महिला ने आरोपी के खिलाफ शादी का झांसा देकर रेप करने का केस दर्ज किया था. ट्रायल कोर्ट ने महिला की याचिका को खारिज करते हुए आरोपी को बरी कर दिया था.
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महिला आरोपी के साथ भाग गई थी
हाईकोर्ट ने पाया कि महिला का 2008 में आरोपी के साथ शारीरिक संबंध था. शारीरिक संबंध बनाने के बाद आरोपी ने महिला से शादी करने का वादा किया. महिला आरोपी के साथ भाग गई.। ऐसे में महिला के रेप के आरोपों को सही नहीं कहा जा सकता है. हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए महिला की अपील को खारिज कर दिया.