ETV Bharat / state

Delhi High Court: न्यायिक अधिकारी के खिलाफ लगाए थे बेबुनियाद आरोप, माफी मांगकर वापस ली याचिका

याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट से न्यायिक अधिकारी पर आरोप लगाने और जांच की मांग करने वाली याचिका को वापस ले लिया. साथ उसने भविष्य में इस तरह की हरकत नहीं करने का आश्वासन दिया.

dfd
df
author img

By

Published : Mar 18, 2023, 7:24 PM IST

नई दिल्लीः न्यायिक अधिकारी पर बेबुनियाद आरोप लगाने वाले याचिकाकर्ता ने बिना शर्त माफी मांगते हुए अपनी याचिका वापस ले ली है. साथ ही दिल्ली हाई के सामने एक हलफनामा दायर करने के लिए भी सहमति व्यक्त की है कि वह भविष्य में इस तरह के तुच्छ मुकदमें दायर नहीं करेगा. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने बयान दर्ज किया कि याचिकाकर्ता सात दिनों के अंदर यह हलफनामा दायर करेगा. इस वायदे के साथ कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.

दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट दिनेश कुमार के ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें एक न्यायिक अधिकारी के खिलाफ दायर 29 दिसंबर, 2022 की अपनी शिकायत पर फैसला करने के लिए उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश देने की मांग की थी. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने याचिका में अधिकारी के खिलाफ कुछ बेबुनियाद आरोप भी लगाए हैं. मामले पर विचार करने के बाद पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने न्यायिक पक्ष में अधिकारी द्वारा पारित आदेश को पहले ही चुनौती दी थी. न्यायालय ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा की गई शिकायत को पहले ही तीन न्यायाधीशों की एक समिति द्वारा देखा जा चुका था और अधिकारी के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही शुरू करने के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था.

यह भी पढ़ेंः नरेला में तेज रफ्तार डीटीसी बस की चपेट में आने से महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

इसका सामना करते हुए याचिकाकर्ता ने इस न्यायालय के समक्ष निष्पक्ष रूप से कहा है कि वह वर्तमान याचिका दायर करने के लिए एक अयोग्य माफी की मांग रहा है, क्योंकि उसने पहले ही न्यायिक अधिकारी द्वारा पारित आदेश को न्यायिक पक्ष में चुनौती दी है. याचिकाकर्ता ने स्वयं पेश होकर याचिका वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया. इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दी. रजिस्ट्रार जनरल का प्रतिनिधित्व अधिवक्ताओं डॉ अमित जॉर्ज, अरकनील भौमिक, अमोल आचार्य, रायदुर्गम भरत और पियो वारोल्ड जैमोन के माध्यम से किया गया.

नई दिल्लीः न्यायिक अधिकारी पर बेबुनियाद आरोप लगाने वाले याचिकाकर्ता ने बिना शर्त माफी मांगते हुए अपनी याचिका वापस ले ली है. साथ ही दिल्ली हाई के सामने एक हलफनामा दायर करने के लिए भी सहमति व्यक्त की है कि वह भविष्य में इस तरह के तुच्छ मुकदमें दायर नहीं करेगा. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने बयान दर्ज किया कि याचिकाकर्ता सात दिनों के अंदर यह हलफनामा दायर करेगा. इस वायदे के साथ कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.

दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट दिनेश कुमार के ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें एक न्यायिक अधिकारी के खिलाफ दायर 29 दिसंबर, 2022 की अपनी शिकायत पर फैसला करने के लिए उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश देने की मांग की थी. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने याचिका में अधिकारी के खिलाफ कुछ बेबुनियाद आरोप भी लगाए हैं. मामले पर विचार करने के बाद पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने न्यायिक पक्ष में अधिकारी द्वारा पारित आदेश को पहले ही चुनौती दी थी. न्यायालय ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा की गई शिकायत को पहले ही तीन न्यायाधीशों की एक समिति द्वारा देखा जा चुका था और अधिकारी के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही शुरू करने के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था.

यह भी पढ़ेंः नरेला में तेज रफ्तार डीटीसी बस की चपेट में आने से महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

इसका सामना करते हुए याचिकाकर्ता ने इस न्यायालय के समक्ष निष्पक्ष रूप से कहा है कि वह वर्तमान याचिका दायर करने के लिए एक अयोग्य माफी की मांग रहा है, क्योंकि उसने पहले ही न्यायिक अधिकारी द्वारा पारित आदेश को न्यायिक पक्ष में चुनौती दी है. याचिकाकर्ता ने स्वयं पेश होकर याचिका वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया. इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दी. रजिस्ट्रार जनरल का प्रतिनिधित्व अधिवक्ताओं डॉ अमित जॉर्ज, अरकनील भौमिक, अमोल आचार्य, रायदुर्गम भरत और पियो वारोल्ड जैमोन के माध्यम से किया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.