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प्रवासी मजदूरों को बुनियादी सुविधा देने के लिए दिल्ली HC में दायर की गई याचिका

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Published : Jun 1, 2020, 8:23 PM IST

प्रवासी मजदूरों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है.

delhi High court
दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली में प्रवासी मजदूरों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट कल यानि 2 जून को सुनवाई करेगा.



एहतियाती कदमों का पालन कराने में विफल

याचिका मनीष सिंह ने दायर किया है. याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली सरकार केंद्र सरकार की ओर से जारी सोशल डिस्टेंसिंग, सफाई और दूसरे एहतियाती कदमों को लागू करें. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में विफल रही है. प्रशासन उन प्रवासी मजदूरों को एक जगह एकत्र करती है जिन्हें अपने गांव जाना होता है.

दिल्ली सरकार का प्रशासन उन मजदूरों को अपनी मर्जी से किसी स्कूल या सामुदायिक भवन में रखती है. इन मजदूरों को जहां ठहराया जाता है वहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं होती हैं. तपती गर्मी में ये मजदूर झूलसने को मजबूर होते हैं.



इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम स्थापित करने की मांग

याचिका में कहा गया कि इन मजदूरों को मिस्ड कॉल के आधार पर एक इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम स्थापित करने की मांग की गई है. इस सिस्टम में किसी प्रवासी मजदूर का कॉल आने के बाद उस मजदूर के लिए एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर जेनरेट किया जाए. उसके बाद उस मजदूर से संपर्क कर उसे पूरी जानकारी दी जाए. इससे किसी एक सेंटर पर काफी ज्यादा भीड़ नहीं होगी.

नई दिल्ली: दिल्ली में प्रवासी मजदूरों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट कल यानि 2 जून को सुनवाई करेगा.



एहतियाती कदमों का पालन कराने में विफल

याचिका मनीष सिंह ने दायर किया है. याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली सरकार केंद्र सरकार की ओर से जारी सोशल डिस्टेंसिंग, सफाई और दूसरे एहतियाती कदमों को लागू करें. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में विफल रही है. प्रशासन उन प्रवासी मजदूरों को एक जगह एकत्र करती है जिन्हें अपने गांव जाना होता है.

दिल्ली सरकार का प्रशासन उन मजदूरों को अपनी मर्जी से किसी स्कूल या सामुदायिक भवन में रखती है. इन मजदूरों को जहां ठहराया जाता है वहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं होती हैं. तपती गर्मी में ये मजदूर झूलसने को मजबूर होते हैं.



इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम स्थापित करने की मांग

याचिका में कहा गया कि इन मजदूरों को मिस्ड कॉल के आधार पर एक इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम स्थापित करने की मांग की गई है. इस सिस्टम में किसी प्रवासी मजदूर का कॉल आने के बाद उस मजदूर के लिए एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर जेनरेट किया जाए. उसके बाद उस मजदूर से संपर्क कर उसे पूरी जानकारी दी जाए. इससे किसी एक सेंटर पर काफी ज्यादा भीड़ नहीं होगी.

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