नई दिल्ली: राजधानी में कई राज्यों के लोगों के रहने के कारण यहां विभिन्न प्रकार की परंपराएं भी देखने को मिलती हैं. इसी तरह दिल्ली में रहने वाले बुंदेलखंड के लोगों ने रामनवमी के दिन, नवरात्रि में घर पर स्थापित किए गए कलश को अपने सिर पर रखकर पांच किलोमीटर की पैदल यात्रा की. यह यात्रा कटवरिया सराय स्थित रामलला मंदिर पहुंची, जहां लोगों ने जवारे विसर्जित कर मां दुर्गा को विदाई दी.
यात्रा में बारिश के बावजूद हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए. इस दौरान बुलदेलखंड के अलावा मुनिरका गांव से लोग व बीजेपी नेता विनीत टोकस भी शामिल हुए. इस दौरान वहां आए श्रद्धालुओं ने बताया कि चैत्र नवरात्रि में बुलदेलखंड के लोग अपने-अपने घरों में कलश रखकर उस पर जौ उगाते हैं और नौ दिनों तक व्रत रखकर मां भगवती की अराधना करते हैं. इसके बाद नौवें दिन यानी रामनवमी को उस कलश को अपने सिर पर रखकर लाते हैं और उसे विसर्जित कर मां की विदाई करते हैं.
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लोगों ने बताया कि रामनवमी के अवसर पर यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाना था, लेकिन बारिश के चलते कार्यक्रम नहीं हो पाया और उसे स्थगित करना पड़ा. हालांकि बारिश के बाद भी भक्तों के उत्साह में किसी प्रकार की कमी नहीं देखी गई. बता दें कि दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर रामनवमी के दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. हालांकि बारिश के कारण कुछ समय के लिए इनमें व्यवधान भी आया. वहीं गुरुवार को नवरात्रि का आखिरी दिन होने के चलते राजधानी के प्रमुख मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा.
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