नई दिल्ली: कोरोना और लॉकडाउन ने कई लोगों की रोजी-रोटी पर असर डाला है. इस महामारी के चलते कई लोग बेरोजगार हो गए हैं ऐसे में कोरोना के बीच आई दिवाली ने लोगों के चेहरों पर एक उम्मीद की किरण जगाई है. खास तौर पर वह छोटे व्यापारी जो रोजाना कमा कर खाते हैं, और दिवाली पर मिट्टी के दीये का सामान बेच कर अपना रोजगार कमाते हैं. दिवाली आते ही हमारे आस-पास कई ऐसी दुकानें सड़क किनारे नजर आती हैं, जहां पर महिलाएं, बुजुर्ग, यहां तक की बच्चे भी सामान बेचते हुए दिखाई देते हैं.
जो इस आस में सड़क किनारे बैठे होते हैं कि शायद लोग उनसे भी कुछ सामान खरीदेंगे, जिससे उनकी भी कुछ कमाई हो पाएगी. और फिर उनकी भी दिवाली रोशन होगी उनके घर भी दिए जलेंगे. इसी सोच के साथ ईटीवी भारत भी इस साल दिवाली माटी वाली नाम से मुहिम चला रहा है, जिसके अंतर्गत हम ऐसे ही लोगों की कहानी आप तक पहुंचा रहे हैं.
दक्षिणी दिल्ली स्थित कालकाजी मार्केट में भी सड़क किनारे कई ऐसे लोग मिट्टी के दीए और बर्तन बेच रहे हैं. हालांकि कोरोना के चलते ये लोग मायूस हैं क्योंकि लोग उनके पास मिट्टी के बर्तन और दीये खरीदने के लिए लोग नहीं आ रहे हैं. पिछले तीन-चार दिनों से मिट्टी के दिए बेच रही सुनीता ने कहा कि दीयों पर रंग करके वह बेच रहे हैं जिससे कि कुछ अच्छा दाम मिल सके लेकिन खरीददार ही नहीं आ रहे हैं.
सड़क किनारे बैठ महिला बेच रही दीए
वही हमें देखा कि इन लोगों में एक 64 साल के बुजुर्ग महिला राजमाला भी सड़क किनारे बैठ कर मिट्टी के करवे और दीये बेच रही हैं. उन्होंने अपना दुख बयान करते हुए कहा कि पिछले 3 दिनों से वह इस जगह पर बैठी हुई है. इसी आस में सुबह 10:00 बजे अपनी दुकान लगा लेती हैं कि शायद कुछ कमाई हो पाएगी लेकिन सुबह से लेकर रात 11 बज जाते हैं, लेकिन 50 या ₹100 से ज्यादा की कमाई नहीं हो पाती. हम जब उनके पास पहुंचे थे तो उन्होंने दिखाया कि केवल सुबह से ₹20 की कमाई हुई है.