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ट्रैक्टर परेड पर कोई बोला- देश का अपमान तो किसी ने कहा-उन्हीं से हिंदुस्तान

गणतंत्र दिवस पर किसानों की परेड को लेकर दिल्लीवासियों की मिलीजुली राय है. कोई किसानों की परेड के साथ है तो कोई इसे गलत बता रहा है. उनका तर्क है कि इससे दुनिया भर में गलत संदेश जाएगा.

ट्रैक्टर रैली
tractor rally
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Published : Jan 25, 2021, 10:17 PM IST

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की है. जिसको लेकर दिल्लीवासियों की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कई लोगों ने कहा कि 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली निकालना किसानों का गलत फैसला है क्योंकि यह संविधान का अपमान हो सकता है. लोगों ने कहा कि 26 जनवरी के दिन परेड देश की शक्ति प्रदर्शन के लिए निकाली जाती है. ऐसे में यदि उस दिन किसान अपनी विरोध रैली निकालेंगे तो यह 26 जनवरी गणतंत्र दिवस का अपमान हो सकता है.

ट्रैक्टर परेड को लेकर लोगों की राय

'देश का हितैषी है किसान'

वहीं कुछ लोगों ने कहा कि देश का किसान देश का हितैषी हैं. वह कभी भी देश को लेकर गलत चीज नहीं करेगा. यदि वह अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है और उसके लिए वह परेड निकाल कर अपना विरोध जताना चाहता है. तो यह प्रशासन का दायित्व है कि वह इस परेड को पूरी व्यवस्था के साथ निकलवाए. इसके साथ ही सुनिश्चित करें कि इससे अन्य सुरक्षा सुविधाएं बाधित न हों.

'देश को लेकर गलत धारणाएं बनाई जाएंगी'

वहीं कुछ लोगों ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत से हल निकाला जाना चाहिए. किसान आंदोलन को 2 महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है. अलग-अलग राज्यों से आए किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर विरोध जता रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर भी जारी है. लेकिन नतीजा नहीं निकला है. ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द इसका हल निकालना चाहिए. लोगों ने कहा कि यदि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी तो हमारे देश को लेकर अन्य देशों में गलत धारणा भी जा सकती है. यह हमारे गणतंत्र दिवस का अपमान हो सकता है.

ये भी पढ़ें- सुबह 11 बजे गाजीपुर बॉर्डर से निकलेगा मार्च, लाखों ट्रैक्टर होंगे शामिल: राकेश टिकैत

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की है. जिसको लेकर दिल्लीवासियों की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कई लोगों ने कहा कि 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली निकालना किसानों का गलत फैसला है क्योंकि यह संविधान का अपमान हो सकता है. लोगों ने कहा कि 26 जनवरी के दिन परेड देश की शक्ति प्रदर्शन के लिए निकाली जाती है. ऐसे में यदि उस दिन किसान अपनी विरोध रैली निकालेंगे तो यह 26 जनवरी गणतंत्र दिवस का अपमान हो सकता है.

ट्रैक्टर परेड को लेकर लोगों की राय

'देश का हितैषी है किसान'

वहीं कुछ लोगों ने कहा कि देश का किसान देश का हितैषी हैं. वह कभी भी देश को लेकर गलत चीज नहीं करेगा. यदि वह अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है और उसके लिए वह परेड निकाल कर अपना विरोध जताना चाहता है. तो यह प्रशासन का दायित्व है कि वह इस परेड को पूरी व्यवस्था के साथ निकलवाए. इसके साथ ही सुनिश्चित करें कि इससे अन्य सुरक्षा सुविधाएं बाधित न हों.

'देश को लेकर गलत धारणाएं बनाई जाएंगी'

वहीं कुछ लोगों ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत से हल निकाला जाना चाहिए. किसान आंदोलन को 2 महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है. अलग-अलग राज्यों से आए किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर विरोध जता रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर भी जारी है. लेकिन नतीजा नहीं निकला है. ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द इसका हल निकालना चाहिए. लोगों ने कहा कि यदि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी तो हमारे देश को लेकर अन्य देशों में गलत धारणा भी जा सकती है. यह हमारे गणतंत्र दिवस का अपमान हो सकता है.

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