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दिल्ली में कैपेसिटी की 10 फीसदी तक सिमटी कोविड शवों की संख्या, नॉन-कोविड शवों के लिए मुश्किल - दिल्ली में 28 श्मशान घाट कोरोना डेडिकेटेड

राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) में जहां एक तरफ अप्रैल के आखिरी महीने में श्मशान घाटों में कोविड शवों के अंतिम संस्कार के लिए लाइनें लगानी पड़ रही थीं तो मई में ये संख्या कैपेसिटी की 10 फीसदी संख्या तक सिमट गई है. आलम ये है कि डेडिकेटेड कोविड शमशान घाटों (Dedicated Covid Cremation Ghats) से नॉन-कोविड शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोग परेशान हैं.

people facing trouble in cremations for non covid dead bodies
people facing trouble in cremations for non covid dead bodies
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Published : May 29, 2021, 3:43 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) में जहां एक तरफ अप्रैल के आखिरी महीने में श्मशान घाटों में कोविड शवों के अंतिम संस्कार के लिए लाइनें लगानी पड़ रही थीं तो मई में ये संख्या कैपेसिटी की 10 फीसदी संख्या तक सिमट गई है. आलम ये है कि डेडिकेटेड कोविड शमशान घाटों (Dedicated Covid Cremation Ghats) से नॉन-कोविड शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोग परेशान हैं. निगम नेताओं ने हालांकि साफ किया है कि इस कैपेसिटी को कम करने या शमशान घाट को लिस्ट से हटाने पर अभी कोई विचार नहीं किया जा रहा है.

कैपेसिटी की 10 फीसदी तक सिमटी कोविड शवों की संख्या

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दिल्ली में 28 श्मशान घाट कोरोना डेडिकेटेड
मौजूदा समय में दिल्ली की तीनों नगर निगम (municipal Corporation) के अधीन आने वाले इलाकों में कोरोना संक्रमित शवों के लिए एक दिन में कुल 1184 शवों के संस्कार की कैपेसिटी है. यहां कुल 28 शमशान घाट कोरोना डेडिकेटेड हैं. इसमें साउथ और नॉर्थ एमसीडी (South and North MCD) में 507-507 तो वहीं ईस्ट एमसीडी की संख्या 170 है. राहत की बात है कि तीनों निगम के अधीन आने वाले सभी संस्थान घाटों में 25 मई को होने वाले संस्कारों की कुल संख्या महज़ 125 थी. महज़ इसलिए क्योंकि बीते दिनों में ये संख्या 500 के भी पर पहुंच रही थी.

घाटMCDसंख्या
निगम बोध घाटनार्थ 18
पंजाबी बागसाउथ17
सीमापुरीईस्ट13
सुभाष नगर साउथ10
द्वारका सेक्टर 24साउथ12
गाजीपुरईस्ट 8

उक्त श्मशान घाट ऐसे हैं जहां 25 मई को सबसे अधिक कोरोना शवों का अंतिम संस्कार हुआ. हालांकि इसी में इंदरपुरी, संत नगर, वजीरपुर, मनसा देवी रोड, और बुलंद मस्जिद मुस्लिम कब्रिस्तान जैसी कई जगहों पर कोरोना का एक भी शव नहीं आया.


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नॉन-कोविड शवों के लिए परेशानी
कई श्मशान घाटों के डेडीकेटेड कोविड-19 घाट (Dedicated Covid-19 Ghat) होने के चलते नॉन कोविड के संस्कार में परेशानियां आ रही हैं. कई जगहों पर निगम ने दोनों ही तरह के संस्कारों के लिए इंतजाम किए हैं लेकिन कई जगहों पर लोगों को लंबे चक्कर काटने पड़ रहे हैं. इसी समस्या को देखते हुए निगम कर्मचारियों ने इस संबंध में नेताओं और अधिकारियों को सूचित किया था. हालांकि नेताओं ने अभी किसी भी तरह के बदलाव के लिए मना किया.



क्या कहते हैं मेयर जय प्रकाश?
नॉर्थ एमसीडी के मेयर जयप्रकाश (North MCD Mayor Jayaprakash) कहते हैं कि मौजूदा समय में कोरोना लहर बेशक धीमी हो गई है लेकिन अभी तीसरी लहर की भी आशंका है. उन्होंने कहा कि हमने अलग अलग पार्टीशन बनाकर श्मशान घाटों में कोरोना और गैर कोरोना शवों के लिए इंतजाम किए हैं. साथ ही इस पर लगातार प्लानिंग हो रही है. उन्होंने मौजूदा तैयारी में बदलाव की संभावनाओं को नकार दिया. साउथ एमसीडी मेयर अनामिका (South MCD Mayor Anamika) ने भी कुछ इसी तरह की बात कहते हुए गैर कोरोना शवों के लिए पर्याप्त जगह होने की बात कही तो वहीं ईस्ट के मेयर निर्मल जैन (East Mayor Nirmal Jain) ने भी किसी भी बदलाव के लिए मना किया.


ये भी पढ़ें-14वीं शादी को तैयार थी दुल्हन, तभी खुल गई पोल! पढ़िए पूरी कहानी

लोगों को अंतिम संस्कार करने के लिए जाना पड़ता है दूर जाना
गौर करने वाली बात यह है कि डेडिकेटेड श्मशान घाटों पर भी कई जगह गैर कोरोना का संस्कार हो जाता है लेकिन अक्सर यह जाना पसंद नहीं करते. कई बार वह इसे सुरक्षा की दृष्टि से तो कई बार अन्य कारणों के चलते संस्कार के लिए पसंद नहीं करते. लिहाजा, उन्हें अपने इलाके से दूर के इलाकों में भी संस्कार के लिए जाना पड़ रहा है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) में जहां एक तरफ अप्रैल के आखिरी महीने में श्मशान घाटों में कोविड शवों के अंतिम संस्कार के लिए लाइनें लगानी पड़ रही थीं तो मई में ये संख्या कैपेसिटी की 10 फीसदी संख्या तक सिमट गई है. आलम ये है कि डेडिकेटेड कोविड शमशान घाटों (Dedicated Covid Cremation Ghats) से नॉन-कोविड शवों के अंतिम संस्कार के लिए लोग परेशान हैं. निगम नेताओं ने हालांकि साफ किया है कि इस कैपेसिटी को कम करने या शमशान घाट को लिस्ट से हटाने पर अभी कोई विचार नहीं किया जा रहा है.

कैपेसिटी की 10 फीसदी तक सिमटी कोविड शवों की संख्या

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दिल्ली में 28 श्मशान घाट कोरोना डेडिकेटेड
मौजूदा समय में दिल्ली की तीनों नगर निगम (municipal Corporation) के अधीन आने वाले इलाकों में कोरोना संक्रमित शवों के लिए एक दिन में कुल 1184 शवों के संस्कार की कैपेसिटी है. यहां कुल 28 शमशान घाट कोरोना डेडिकेटेड हैं. इसमें साउथ और नॉर्थ एमसीडी (South and North MCD) में 507-507 तो वहीं ईस्ट एमसीडी की संख्या 170 है. राहत की बात है कि तीनों निगम के अधीन आने वाले सभी संस्थान घाटों में 25 मई को होने वाले संस्कारों की कुल संख्या महज़ 125 थी. महज़ इसलिए क्योंकि बीते दिनों में ये संख्या 500 के भी पर पहुंच रही थी.

घाटMCDसंख्या
निगम बोध घाटनार्थ 18
पंजाबी बागसाउथ17
सीमापुरीईस्ट13
सुभाष नगर साउथ10
द्वारका सेक्टर 24साउथ12
गाजीपुरईस्ट 8

उक्त श्मशान घाट ऐसे हैं जहां 25 मई को सबसे अधिक कोरोना शवों का अंतिम संस्कार हुआ. हालांकि इसी में इंदरपुरी, संत नगर, वजीरपुर, मनसा देवी रोड, और बुलंद मस्जिद मुस्लिम कब्रिस्तान जैसी कई जगहों पर कोरोना का एक भी शव नहीं आया.


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नॉन-कोविड शवों के लिए परेशानी
कई श्मशान घाटों के डेडीकेटेड कोविड-19 घाट (Dedicated Covid-19 Ghat) होने के चलते नॉन कोविड के संस्कार में परेशानियां आ रही हैं. कई जगहों पर निगम ने दोनों ही तरह के संस्कारों के लिए इंतजाम किए हैं लेकिन कई जगहों पर लोगों को लंबे चक्कर काटने पड़ रहे हैं. इसी समस्या को देखते हुए निगम कर्मचारियों ने इस संबंध में नेताओं और अधिकारियों को सूचित किया था. हालांकि नेताओं ने अभी किसी भी तरह के बदलाव के लिए मना किया.



क्या कहते हैं मेयर जय प्रकाश?
नॉर्थ एमसीडी के मेयर जयप्रकाश (North MCD Mayor Jayaprakash) कहते हैं कि मौजूदा समय में कोरोना लहर बेशक धीमी हो गई है लेकिन अभी तीसरी लहर की भी आशंका है. उन्होंने कहा कि हमने अलग अलग पार्टीशन बनाकर श्मशान घाटों में कोरोना और गैर कोरोना शवों के लिए इंतजाम किए हैं. साथ ही इस पर लगातार प्लानिंग हो रही है. उन्होंने मौजूदा तैयारी में बदलाव की संभावनाओं को नकार दिया. साउथ एमसीडी मेयर अनामिका (South MCD Mayor Anamika) ने भी कुछ इसी तरह की बात कहते हुए गैर कोरोना शवों के लिए पर्याप्त जगह होने की बात कही तो वहीं ईस्ट के मेयर निर्मल जैन (East Mayor Nirmal Jain) ने भी किसी भी बदलाव के लिए मना किया.


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लोगों को अंतिम संस्कार करने के लिए जाना पड़ता है दूर जाना
गौर करने वाली बात यह है कि डेडिकेटेड श्मशान घाटों पर भी कई जगह गैर कोरोना का संस्कार हो जाता है लेकिन अक्सर यह जाना पसंद नहीं करते. कई बार वह इसे सुरक्षा की दृष्टि से तो कई बार अन्य कारणों के चलते संस्कार के लिए पसंद नहीं करते. लिहाजा, उन्हें अपने इलाके से दूर के इलाकों में भी संस्कार के लिए जाना पड़ रहा है.

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