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World Environment Day: देश भर में हरियाली क्रांति अभियान चलाकर दो करोड़ से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं पीपल बाबा

पीपल बाबा पिछले 45 सालों से पौधारोपण कर हरियाली बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. उन्होंने देश भर में हरियाली क्रांति अभियान चलाकर अभी तक दो करोड़ 30 लाख से ज्यादा पौधे लगाए हैं. पीपल बाबा का जोर पौधारोपण करने के साथ ही पांच साल तक लगाए गए पौधों की निरंतर देखभाल करने पर रहता है.

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Published : Jun 5, 2023, 10:42 AM IST

Updated : Jun 5, 2023, 11:13 AM IST

पीपल बाबा

नई दिल्लीः आज विश्व पर्यावरण दिवस है. आज पूरी दुनिया में पर्यावरण को बचाने और भविष्य के जीवन को संवारने के तरीकों पर चर्चाएं होती हैं. ऐसे में आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शख्स की जो पर्यावरण संरक्षण के लिए पिछले 45 साल से देश भर में लगातार काम कर रहा है. देश की राजधानी दिल्ली हो, एनसीआर का इलाका या देश के अन्य प्रदेश पीपल बाबा सभी जगह पौधारोपण करने में जुटे हुए हैं.

उन्होंने देश भर में हरियाली क्रांति अभियान चलाकर अभी तक दो करोड़ 30 लाख से ज्यादा पौधे लगाए हैं. फिलहाल पीपल बाबा दिल्ली के मयूर विहार फेज-1 इलाके में रहकर हरियाली क्रांति अभियान को गति देने में जुटे हैं. बीते 45 सालों से पीपल बाबा पौधारोपण का कार्य कर रहे हैं. पीपल बाबा का जोर पौधारोपण करने के साथ ही पांच साल तक लगाए गए पौधों की निरंतर देखभाल करने पर रहता है. देश के 20 राज्यों के 230 जिलों में लगाए गए दो करोड़ 30 लाख पौधों में से एक करोड़ 25 लाख पौधे पीपल के लगाए गए हैं.

पीपल के पौधे अधिक लगाने के पीछे का उद्देश्य यह है कि पीपल सबसे अधिक आक्सीजन देता है. बड़ी संख्या में लगाए गए इन पौधों में से अधिकांश पौधे पेड़ बन चुके हैं और लोगों को स्वच्छ हवा दे रहे हैं. 26 जनवरी 1966 को चंडीगढ़ में जन्मे पीपल बाबा के पिता सेना में डाक्टर थे. 1977 में स्कूल के समय से ही उन्हें पौधे लगाना अच्छा लगता था. 11 साल की उम्र में अपनी अंग्रेजी शिक्षक से रेंज हिल्स रोड किर्की मिलिटरी स्टेशन में पौधारोपण के बारे में सुनकर वह प्रभावित हुए. फिर उन्होंने पहली बार पुणे के हाबी क्लब में 26 जनवरी 1977 को पहली बार पौधारोपण किया. इसके बाद उन्होंने पौधे लगाना शुरू कर दिया और गिव मी ट्रीज के नाम से एक ट्रस्ट बना लिया. इस ट्रस्ट का रजिट्रेशन वर्ष 2011 में कराया. यह एक गैर लाभकारी संगठन (एनजीओ) के तौर पर रजिस्टर्ड है.

एनसीआर है पीपल बाबा की प्रयोगशाला
एनसीआर की 99 जगहों पर हरियाली क्रांति अभियान के तहत गिव मी ट्रीज ट्रस्ट ने अब तक 100 किलोमीटर के रेडियस में 40 लाख पौधे लगाए हैं. इसमें से दिल्ली में 14 लाख से ज्यादा पौधे दिल्ली में लगाए हैं. 40 लाख पौधों में नोएडा प्राधिकरण, मेरठ प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा दी गई जमीन पर बड़ी संख्या में पौधे लगाए गए हैं. इसके साथ ही दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली जिले में जौनापुर गांव स्थित बाबा नीम करौली आश्रम द्वारा दी गई 12 एकड़ में जमीन में 43,000 पेड़ लगे हैं.

यहां अरावली की पहाड़ी होने के चलते मिट्टी और गोबर डालकर जमीन को पहले पौधारोपण के लिए तैयार किया गया. पीपल बाबा कहते हैं कि पर्यावरण संवर्धन के लिए देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए. जैसे लोग डॉ., इंजीनियर, शिक्षक बनते हैं वैसे देश में ट्री प्लांटर भी बनाए जाएं. इसके लिए अहम प्रशिक्षण की जरूरत है. इसलिए गिव मी ट्रीज ट्रस्ट ने नेचर एजुकेशन के लिए एक समर्पित टीम का गठन किया है. एनसीआर की जेलों में हरियाली बढ़ाने के लिए भी ट्रस्ट के लोग काम करते हैं. अभी गाजियाबाद की डासना जेल, दिल्ली की तिहाड़ जेल, गुरूग्राम जेल में भी ट्रस्ट की ओर से काम किया गया है.

जैव विविधता के लिए भी काम कर रहा ट्रस्ट
लोगों के बीच जैव विविधता की जानकारी बढ़ाने के लिए भी ट्रस्ट द्वारा एक ईको क्लब का गठन किया है, जिसमें प्रशिक्षित शिक्षक लोगों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. वे लोगों को नेचर वाक के लिए पर्यावरण केंद्रों पर आमंत्रित करते हैं. पर्यावरण शिक्षा के तहत जैव विविधता के अंतर्गत पार्कों में कितनी मधुमक्खी, कितनी तितलियां आईं, फल फूल नेक्टर पालन, नर्सरी बनाना, कम्पोस्ट तैयार करना आदि बताया जाता है. अगर किसी को स्कूल में पर्यावरण संरक्षण हेतु हरियाली शिक्षा कार्यक्रम चलाना होता है तो ट्रस्ट के शिक्षक वहां जाकर निःशुल्क हरियाली शिक्षा के सत्र आयोजित करते हैं.

कम्युनिटी फंडिंग पर आधारित हरियाली क्रांति अभियान
हरियाली क्रांति अभियान कम्युनिटी फंडिंग, कम्युनिटी की जमीन सहभागिता पर आधारित है. इनके एक वालंटियर बलविंदर सिंह (ऑटो रिक्शा वाला) रोज एक रूपया देते हैं. कनाडा की हरविंदर कौर हर हफ्ते 10 डालर ट्रस्ट के खाते में डालती हैं. एचसीएल, रिलाइंस, एक्सा, टाटा, केपीएमजी, हनीवेल सहित कई कंपनियां सीएसआर के तहत भी ट्रस्ट को फंड देती हैं. ट्रस्ट से जुड़े हुए लोग अपनी शादी की सालगिरह और जन्मदिवस पर ट्रस्ट द्वारा विकसित जंगलों में आकर पौधारोपण करते हैं. जो लोग नहीं आ पाते वे पेड़ लगवाने के लिए दान देते हैं. कुछ लोग अपने घर पर ही नर्सरी तैयार करते हैं.

ये भी पढ़ेंः Odisha train tragedy: राहुल ने कार दुर्घटना से की ओडिशा ट्रेन हादसे की तुलना, जानिए कनेक्शन

एनसीआर में ट्रस्ट द्वारा किया गया पौधारोपण
नोएडा स्थित हरित उपवन सोरखा में 15 एकड़ से ज्यादा में 70 हजार पौधे लगाए गए
मेरठ के उप्रालसी में सात एकड़ में 40 हजार पौधे लगे हैं
हरित उपवन पर्थला नोएडा में (शहरी वन क्लस्टर प्लांटेशन) दो एकड़ की जमीन में 4,000 पौधे लगाये गए हैं.
नोएडा प्राधिकरण ने हिंडन नदी के किनारे 12 एकड़ जमीन दी है, जिसमें 50 हजार पौधे लगाने का काम चल रहा है.
गाजियाबाद के मोहन नगर इंडस्ट्रियल एरिया में नीम पार्क में एक हजार नीम के पौधे लगाये हैं.
फरीदाबाद सेक्टर-26 के मुख्य पार्क में हरियाली बढ़ाने का कार्य किया गया है.
गुरुग्राम के सेक्टर-80 में सबसे बड़ी पीपल और बरगद के पौधों की नर्सरी स्थापित की है.
मेरठ में ट्रस्ट द्वारा तीन किलोमीटर लंबी मेरठ-मवाना रोड पर पीपल कारिडोर बनाया जा रहा है. यहां पर 10,000 पीपल लगाये गए हैं.

ये भी पढ़ेंः Delhi Weather Update: दिल्ली-एनसीआर में बादल छाने के साथ हो सकती है हल्की बारिश, जानें आईएमडी अपडेट

पीपल बाबा

नई दिल्लीः आज विश्व पर्यावरण दिवस है. आज पूरी दुनिया में पर्यावरण को बचाने और भविष्य के जीवन को संवारने के तरीकों पर चर्चाएं होती हैं. ऐसे में आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शख्स की जो पर्यावरण संरक्षण के लिए पिछले 45 साल से देश भर में लगातार काम कर रहा है. देश की राजधानी दिल्ली हो, एनसीआर का इलाका या देश के अन्य प्रदेश पीपल बाबा सभी जगह पौधारोपण करने में जुटे हुए हैं.

उन्होंने देश भर में हरियाली क्रांति अभियान चलाकर अभी तक दो करोड़ 30 लाख से ज्यादा पौधे लगाए हैं. फिलहाल पीपल बाबा दिल्ली के मयूर विहार फेज-1 इलाके में रहकर हरियाली क्रांति अभियान को गति देने में जुटे हैं. बीते 45 सालों से पीपल बाबा पौधारोपण का कार्य कर रहे हैं. पीपल बाबा का जोर पौधारोपण करने के साथ ही पांच साल तक लगाए गए पौधों की निरंतर देखभाल करने पर रहता है. देश के 20 राज्यों के 230 जिलों में लगाए गए दो करोड़ 30 लाख पौधों में से एक करोड़ 25 लाख पौधे पीपल के लगाए गए हैं.

पीपल के पौधे अधिक लगाने के पीछे का उद्देश्य यह है कि पीपल सबसे अधिक आक्सीजन देता है. बड़ी संख्या में लगाए गए इन पौधों में से अधिकांश पौधे पेड़ बन चुके हैं और लोगों को स्वच्छ हवा दे रहे हैं. 26 जनवरी 1966 को चंडीगढ़ में जन्मे पीपल बाबा के पिता सेना में डाक्टर थे. 1977 में स्कूल के समय से ही उन्हें पौधे लगाना अच्छा लगता था. 11 साल की उम्र में अपनी अंग्रेजी शिक्षक से रेंज हिल्स रोड किर्की मिलिटरी स्टेशन में पौधारोपण के बारे में सुनकर वह प्रभावित हुए. फिर उन्होंने पहली बार पुणे के हाबी क्लब में 26 जनवरी 1977 को पहली बार पौधारोपण किया. इसके बाद उन्होंने पौधे लगाना शुरू कर दिया और गिव मी ट्रीज के नाम से एक ट्रस्ट बना लिया. इस ट्रस्ट का रजिट्रेशन वर्ष 2011 में कराया. यह एक गैर लाभकारी संगठन (एनजीओ) के तौर पर रजिस्टर्ड है.

एनसीआर है पीपल बाबा की प्रयोगशाला
एनसीआर की 99 जगहों पर हरियाली क्रांति अभियान के तहत गिव मी ट्रीज ट्रस्ट ने अब तक 100 किलोमीटर के रेडियस में 40 लाख पौधे लगाए हैं. इसमें से दिल्ली में 14 लाख से ज्यादा पौधे दिल्ली में लगाए हैं. 40 लाख पौधों में नोएडा प्राधिकरण, मेरठ प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा दी गई जमीन पर बड़ी संख्या में पौधे लगाए गए हैं. इसके साथ ही दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली जिले में जौनापुर गांव स्थित बाबा नीम करौली आश्रम द्वारा दी गई 12 एकड़ में जमीन में 43,000 पेड़ लगे हैं.

यहां अरावली की पहाड़ी होने के चलते मिट्टी और गोबर डालकर जमीन को पहले पौधारोपण के लिए तैयार किया गया. पीपल बाबा कहते हैं कि पर्यावरण संवर्धन के लिए देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए. जैसे लोग डॉ., इंजीनियर, शिक्षक बनते हैं वैसे देश में ट्री प्लांटर भी बनाए जाएं. इसके लिए अहम प्रशिक्षण की जरूरत है. इसलिए गिव मी ट्रीज ट्रस्ट ने नेचर एजुकेशन के लिए एक समर्पित टीम का गठन किया है. एनसीआर की जेलों में हरियाली बढ़ाने के लिए भी ट्रस्ट के लोग काम करते हैं. अभी गाजियाबाद की डासना जेल, दिल्ली की तिहाड़ जेल, गुरूग्राम जेल में भी ट्रस्ट की ओर से काम किया गया है.

जैव विविधता के लिए भी काम कर रहा ट्रस्ट
लोगों के बीच जैव विविधता की जानकारी बढ़ाने के लिए भी ट्रस्ट द्वारा एक ईको क्लब का गठन किया है, जिसमें प्रशिक्षित शिक्षक लोगों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. वे लोगों को नेचर वाक के लिए पर्यावरण केंद्रों पर आमंत्रित करते हैं. पर्यावरण शिक्षा के तहत जैव विविधता के अंतर्गत पार्कों में कितनी मधुमक्खी, कितनी तितलियां आईं, फल फूल नेक्टर पालन, नर्सरी बनाना, कम्पोस्ट तैयार करना आदि बताया जाता है. अगर किसी को स्कूल में पर्यावरण संरक्षण हेतु हरियाली शिक्षा कार्यक्रम चलाना होता है तो ट्रस्ट के शिक्षक वहां जाकर निःशुल्क हरियाली शिक्षा के सत्र आयोजित करते हैं.

कम्युनिटी फंडिंग पर आधारित हरियाली क्रांति अभियान
हरियाली क्रांति अभियान कम्युनिटी फंडिंग, कम्युनिटी की जमीन सहभागिता पर आधारित है. इनके एक वालंटियर बलविंदर सिंह (ऑटो रिक्शा वाला) रोज एक रूपया देते हैं. कनाडा की हरविंदर कौर हर हफ्ते 10 डालर ट्रस्ट के खाते में डालती हैं. एचसीएल, रिलाइंस, एक्सा, टाटा, केपीएमजी, हनीवेल सहित कई कंपनियां सीएसआर के तहत भी ट्रस्ट को फंड देती हैं. ट्रस्ट से जुड़े हुए लोग अपनी शादी की सालगिरह और जन्मदिवस पर ट्रस्ट द्वारा विकसित जंगलों में आकर पौधारोपण करते हैं. जो लोग नहीं आ पाते वे पेड़ लगवाने के लिए दान देते हैं. कुछ लोग अपने घर पर ही नर्सरी तैयार करते हैं.

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एनसीआर में ट्रस्ट द्वारा किया गया पौधारोपण
नोएडा स्थित हरित उपवन सोरखा में 15 एकड़ से ज्यादा में 70 हजार पौधे लगाए गए
मेरठ के उप्रालसी में सात एकड़ में 40 हजार पौधे लगे हैं
हरित उपवन पर्थला नोएडा में (शहरी वन क्लस्टर प्लांटेशन) दो एकड़ की जमीन में 4,000 पौधे लगाये गए हैं.
नोएडा प्राधिकरण ने हिंडन नदी के किनारे 12 एकड़ जमीन दी है, जिसमें 50 हजार पौधे लगाने का काम चल रहा है.
गाजियाबाद के मोहन नगर इंडस्ट्रियल एरिया में नीम पार्क में एक हजार नीम के पौधे लगाये हैं.
फरीदाबाद सेक्टर-26 के मुख्य पार्क में हरियाली बढ़ाने का कार्य किया गया है.
गुरुग्राम के सेक्टर-80 में सबसे बड़ी पीपल और बरगद के पौधों की नर्सरी स्थापित की है.
मेरठ में ट्रस्ट द्वारा तीन किलोमीटर लंबी मेरठ-मवाना रोड पर पीपल कारिडोर बनाया जा रहा है. यहां पर 10,000 पीपल लगाये गए हैं.

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Last Updated : Jun 5, 2023, 11:13 AM IST

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