नई दिल्लीः राजधानी में लॉकडाउन लगे हुए 36 दिन बीत चुके हैं. इस दौरान PCR द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का काम लगातार किया जा रहा है. बीते 24 घंटे में ऐसी 16 गर्भवती महिलाओं को PCR द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया, जिन्हें कोई गाड़ी नहीं मिल रही थी. पूरे लॉकडाउन के दौरान PCR द्वारा 792 गर्भवती महिलाओं को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाने का काम किया गया है.
डीसीपी शरत सिन्हा के अनुसार राजधानी में कोरोना महामारी के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. देशभर में तीन मई तक लॉकडाउन लगा हुआ है. इसके चलते राजधानी में सार्वजनिक परिवहन सेवा पूरी तरीके से बंद है. मरीजों को अस्पताल जाने के लिए न तो ऑटो-टैक्सी मिल रही है और ना ही एम्बुलेंस.
डीसीपी ने बताया कि PCR गंभीर मरीजों की लगातार मदद कर उन्हें अस्पताल पहुंचाना का काम इस दौरान लगातार कर रही है. खासतौर से गर्भवती महिलाएं, दिल का दौरा पड़ने वाले मरीज एवं अन्य गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी PCR द्वारा निभाई जा रही है.
डीसीपी शरत सिन्हा ने बताया कि बीते 24 घंटे में PCR द्वारा विभिन्न इलाकों से 16 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया गया है. प्रसव पीड़ा के चलते परेशान इन महिलाओं को अस्पताल जाने के लिए कोई गाड़ी नहीं मिल रही थी.
इनमें से 4 कॉल रात 11 से सुबह 5 बजे के बीच पीसीआर को मिली. वहीं कई कॉल ऐसी जगह से मिली जहां से अस्पताल की दूरी 13 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर थी. इन सभी कॉल पर जाकर PCR ने महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने का काम किया.