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Gangrene Symptoms : मरीज को गलत जगह कैनुला लगाने से हुआ गैंग्रीन बीमारी, फिर काटने पड़े हाथ - गैंग्रीन बीमारी से खतरा

राजधानी दिल्ली में प्रसव के बाद दो महिलाओं को दवा देने के लिए हाथ में गलत जगह कैनुला लगाने से वो गैंग्रीन बीमारी से ग्रस्त हो गईं. इसके कारण उनके हाथ काले होकर सूखने लगा. फिर महिलाओं की जान बचाने के लिए डॉक्टरों को उनके हाथ काटने पड़े.

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गैंग्रीन बीमारी
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Published : May 25, 2023, 4:21 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से हैरान करने वाली एक रिपोर्ट सामने आई है. इसमें बताया गया है कि प्रसव के बाद दो महिलाओं को दवा देने के लिए हाथ में गलत जगह कैनुला लगाने से वो गैंग्रीन बीमारी से हो ग्रस्त हो गईं. उनके हाथ काले होकर सूखने लगे. महिलाओं की जान बचाने के लिए सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों को उनके हाथ काटने पड़े.

चार हफ्ते पहले 26 वर्षीय महिला ने एक अन्य अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था. इस दौरान उसे दवाई देने के लिए हाथ में कैनुला लगाया था, जो रक्तवाहिनी में सही जगह नहीं लग पाई. इससे पीड़िता को एक्यूट लिंब इस्किमिया की दिक्कत हो गई थी. फिर उसके हाथ में गैंग्रीन होने से रक्त प्रवाह प्रभावित हो गया और हाथ काला पड़ने लगा. बीएल कपूर अस्पताल की स्त्री रोग विशेज्ञ डॉ. तृप्ति सरन ने बताया कि अगर उसी समय ध्यान दिया जाता, तो महिला का हाथ काटने की नौबत नहीं आती. ऐसा बहुत काम देखने को मिला है कि कैनुला लगाने से किसी महिला को इस तरह की समस्या आई हो. उन्होंने बताया कि जब किसी मरीज की नसों में लगातार दवा दी जाती है, तो उससे उनकी नसें दबती हैं. लेकिन एक युवा मरीज को इस तरह की दिक्कत होना, सच में हैरान करने वाला मामला है.

डॉ. तृप्ति ने बताया कि शरीर में कहीं भी कोई नस लगातार दबती है, तो गैंग्रीन होने की आशंका बढ़ जाती है. अगर सही समय पर इसका इलाज किया जाए, तो मरीज के बॉडी पार्ट्स को काटने से रोका जा सकता है.

गैंग्रीन का क्या है लक्षण

डॉ. सुहैल बुखारी ने बताया कि किसी भी मरीज़ को इस बात का पता 4 से 5 हफ्ते बाद लगता है कि वह गैंग्रीन जैसी घातक बीमार से ग्रस्त है. उन्होंने कहा कि इसमें मरीज़ के प्रभावित बॉडी पार्ट धीरे-धीरे नीले पड़ने लगते हैं. साथ ही शरीर का जो भी हिस्सा गैंग्रीन से ग्रस्त होता है, वह धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है. इसके लिए मरीज को तत्काल अपने डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए.

गर्भवती महिलाओं को ब्लड क्लॉट का खतरा

सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं को ब्लड क्लॉट का खतरा अधिक होता है. ऐसे में उन्हें कैनुला लगाने या इंजेक्शन देते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए. डॉक्टरों ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों को गर्भवती महिलाओं को इंजेक्शन देने का सही प्रशिक्षण होना बेहद आवश्यक है. इन मामलों में कोहनी के पास कैनुला की इंजुरी से महिलाओं के हाथ में रक्त का प्रवाह की कमी से वे गैंग्रीन से ग्रस्त हो गईं थीं. ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए.

क्या होता है गैंग्रीन रोग

यह एक भयानक और जानलेवा रोग है. यह मुख्य रूप से शरीर में रक्त प्रवाह ठीक तरह से नहीं होने की स्थिति में पनपता है. शरीर में किसी खास स्थान के उत्तक खून के कम प्रवाह और दबाव की वजह से सड़ने-गलने या सूखने लगते हैं. इस बीमारी की वजह से लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है. यही कारण रहा कि महिलाओं के हाथ काटने पड़ते हैं. ऐसे मामले जहां डॉक्टर ने गलत जगह पर कैनुला लगा देते हैं, वहां गैंग्रीन हो सकता है.

ये भी पढ़ें : Insomnia : गंभीर परेशानियों का कारण भी बन सकती है अनिद्रा की समस्या

नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से हैरान करने वाली एक रिपोर्ट सामने आई है. इसमें बताया गया है कि प्रसव के बाद दो महिलाओं को दवा देने के लिए हाथ में गलत जगह कैनुला लगाने से वो गैंग्रीन बीमारी से हो ग्रस्त हो गईं. उनके हाथ काले होकर सूखने लगे. महिलाओं की जान बचाने के लिए सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों को उनके हाथ काटने पड़े.

चार हफ्ते पहले 26 वर्षीय महिला ने एक अन्य अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था. इस दौरान उसे दवाई देने के लिए हाथ में कैनुला लगाया था, जो रक्तवाहिनी में सही जगह नहीं लग पाई. इससे पीड़िता को एक्यूट लिंब इस्किमिया की दिक्कत हो गई थी. फिर उसके हाथ में गैंग्रीन होने से रक्त प्रवाह प्रभावित हो गया और हाथ काला पड़ने लगा. बीएल कपूर अस्पताल की स्त्री रोग विशेज्ञ डॉ. तृप्ति सरन ने बताया कि अगर उसी समय ध्यान दिया जाता, तो महिला का हाथ काटने की नौबत नहीं आती. ऐसा बहुत काम देखने को मिला है कि कैनुला लगाने से किसी महिला को इस तरह की समस्या आई हो. उन्होंने बताया कि जब किसी मरीज की नसों में लगातार दवा दी जाती है, तो उससे उनकी नसें दबती हैं. लेकिन एक युवा मरीज को इस तरह की दिक्कत होना, सच में हैरान करने वाला मामला है.

डॉ. तृप्ति ने बताया कि शरीर में कहीं भी कोई नस लगातार दबती है, तो गैंग्रीन होने की आशंका बढ़ जाती है. अगर सही समय पर इसका इलाज किया जाए, तो मरीज के बॉडी पार्ट्स को काटने से रोका जा सकता है.

गैंग्रीन का क्या है लक्षण

डॉ. सुहैल बुखारी ने बताया कि किसी भी मरीज़ को इस बात का पता 4 से 5 हफ्ते बाद लगता है कि वह गैंग्रीन जैसी घातक बीमार से ग्रस्त है. उन्होंने कहा कि इसमें मरीज़ के प्रभावित बॉडी पार्ट धीरे-धीरे नीले पड़ने लगते हैं. साथ ही शरीर का जो भी हिस्सा गैंग्रीन से ग्रस्त होता है, वह धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है. इसके लिए मरीज को तत्काल अपने डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए.

गर्भवती महिलाओं को ब्लड क्लॉट का खतरा

सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं को ब्लड क्लॉट का खतरा अधिक होता है. ऐसे में उन्हें कैनुला लगाने या इंजेक्शन देते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए. डॉक्टरों ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों को गर्भवती महिलाओं को इंजेक्शन देने का सही प्रशिक्षण होना बेहद आवश्यक है. इन मामलों में कोहनी के पास कैनुला की इंजुरी से महिलाओं के हाथ में रक्त का प्रवाह की कमी से वे गैंग्रीन से ग्रस्त हो गईं थीं. ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए.

क्या होता है गैंग्रीन रोग

यह एक भयानक और जानलेवा रोग है. यह मुख्य रूप से शरीर में रक्त प्रवाह ठीक तरह से नहीं होने की स्थिति में पनपता है. शरीर में किसी खास स्थान के उत्तक खून के कम प्रवाह और दबाव की वजह से सड़ने-गलने या सूखने लगते हैं. इस बीमारी की वजह से लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है. यही कारण रहा कि महिलाओं के हाथ काटने पड़ते हैं. ऐसे मामले जहां डॉक्टर ने गलत जगह पर कैनुला लगा देते हैं, वहां गैंग्रीन हो सकता है.

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