नई दिल्ली: संसद सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम ने अपनी पुलिस हिरासत को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. नीलम ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा है कि ट्रायल कोर्ट में उन्हें अपनी पसंद के वकील से सलाह लेने की अनुमति नहीं दी गई. याचिका में मांग की गई है कि नीलम को हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया जाए और उसे रिहा किया जाए. याचिका में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट में पेशी के दौरान नीलम को अपनी पसंद के वकील से सलाह नहीं लेने दी गई जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. याचिका में कहा कि हिरासत में रखना संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.
नीलम समेत इस मामले के छह आरोपी 5 जनवरी तक दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं. हाल ही में हाईकोर्ट ने नीलम को एफआईआर की कॉपी उसके परिजनों को देने के पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. 21 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निर्देश दिया था कि वो संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम के परिजनों को एफआईआर की कॉपी 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. एफआईआर की कॉपी उसके परिजनों को 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराएं. एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने ये आदेश दिया. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज किया है.
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बता दें कि 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूद गए थे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.
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