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सही मंच न मिलने पर अधूरे रह जाते हैं युवाओं के आइडिया: प्रो. योगेश सिंह

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Published : Jun 16, 2023, 8:21 PM IST

दिल्ली यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को उद्यमोद्य फाउंडेशन के नोडल अधिकारियों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने नोडल अफसरों को प्रोत्साहित करते हुए स्टूडेंट्स का हौंसला बढ़ाने को कहा.

हड़प्पा शिक्षा के संस्थापक
हड़प्पा शिक्षा के संस्थापक

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि बहुत से युवाओं के पास आइडिया तो होते हैं, लेकिन सही मंच न मिलने के कारण वह उन्हें कार्यान्वित नहीं कर पाते. ऐसे में युवा चाह कर भी अपने उद्यम शुरू नहीं कर सकते. कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थापित उद्यमोद्य फाउंडेशन के नोडल अधिकारियों के लिए आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि उद्यमिता की सोच रखने वाले विद्यार्थियों के लिए उद्यमोद्य फाउंडेशन एक ऐसा मंच है, जहां उन्हें एक छत के नीचे सभी सुविधाएं और सहायता उपलब्ध होगी. इस दौरान हड़प्पा शिक्षा के संस्थापक डॉ. प्रमथ राज सिन्हा ने स्टार्टअप के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने पीपीटी के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने से लेकर इंक्यूबेट करने तक की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई.

स्टूडेंट्स को देंगे सहूलियतेंः कुलपति ने उद्यमोद्य फाउंडेशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह एक सेक्शन-8 कंपनी है, जिसे विश्वविद्यालय में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों की सहायता के लिए स्थापित किया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में यह एक नया आइडिया है जिसके अंतर्गत हम एक छत के नीचे युवा उद्यमियों को सभी सहूलियतें देंगे. विद्यार्थी इसमें अपने-अपने आइडिया पर काम करके अपने स्टार्टअप खड़े कर सकते हैं. यह एक अलग तरह का प्रयोग होगा.

हमारा काम बच्चों को समझाना और उनकी सहायता करना है. अगर किसी कारण वह वह असफल हो जाते हैं तो उन पर हंसने की बजाए उनका उत्साह वर्धन करना है. हम आपकी सहायता के लिए हैं.देश में आज 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं. आप उनकी सफलता की कहानियों और चुनौतियों को समझें और इस कड़ी को आगे बढ़ाने का काम करें.

प्रो. योगेश सिंह, वीसी, दिल्ली यूनिवर्सिटी

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदानः उन्होंने बताया कि दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में ऐसी कंपनियां काम कर रही हैं. कुलपति ने तेजी से विकसित हो रही दुनिया में नवाचार और उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए देश की अर्थव्यवस्था में ऐसी कंपनियों के महत्व को रेखांकित किया. वीसी ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है और इसमें ऐसी कंपनियों का अहम योगदान रहेगा. प्रो. योगेश सिंह ने कुछ जानी मानी कंपनियों के उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय से भी ऐसी प्रतिभाएं निकल कर आनी चाहिए.

आपको बच्चों को डर से दूर रखना है. बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें. इतना अच्छा समय आगे नहीं आएगा. इस वक्त पूरे विश्व की हालत खस्ता है. इसका हमें भरपूर लाभ मिल सकता है. यही विश्वास हमें बच्चों में डालना है, वह बहुत कुछ कर सकते हैं.

डॉ. प्रमथ राज सिन्हा, हड़प्पा शिक्षा के संस्थापक

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि बहुत से युवाओं के पास आइडिया तो होते हैं, लेकिन सही मंच न मिलने के कारण वह उन्हें कार्यान्वित नहीं कर पाते. ऐसे में युवा चाह कर भी अपने उद्यम शुरू नहीं कर सकते. कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थापित उद्यमोद्य फाउंडेशन के नोडल अधिकारियों के लिए आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि उद्यमिता की सोच रखने वाले विद्यार्थियों के लिए उद्यमोद्य फाउंडेशन एक ऐसा मंच है, जहां उन्हें एक छत के नीचे सभी सुविधाएं और सहायता उपलब्ध होगी. इस दौरान हड़प्पा शिक्षा के संस्थापक डॉ. प्रमथ राज सिन्हा ने स्टार्टअप के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने पीपीटी के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने से लेकर इंक्यूबेट करने तक की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई.

स्टूडेंट्स को देंगे सहूलियतेंः कुलपति ने उद्यमोद्य फाउंडेशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह एक सेक्शन-8 कंपनी है, जिसे विश्वविद्यालय में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों की सहायता के लिए स्थापित किया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में यह एक नया आइडिया है जिसके अंतर्गत हम एक छत के नीचे युवा उद्यमियों को सभी सहूलियतें देंगे. विद्यार्थी इसमें अपने-अपने आइडिया पर काम करके अपने स्टार्टअप खड़े कर सकते हैं. यह एक अलग तरह का प्रयोग होगा.

हमारा काम बच्चों को समझाना और उनकी सहायता करना है. अगर किसी कारण वह वह असफल हो जाते हैं तो उन पर हंसने की बजाए उनका उत्साह वर्धन करना है. हम आपकी सहायता के लिए हैं.देश में आज 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं. आप उनकी सफलता की कहानियों और चुनौतियों को समझें और इस कड़ी को आगे बढ़ाने का काम करें.

प्रो. योगेश सिंह, वीसी, दिल्ली यूनिवर्सिटी

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदानः उन्होंने बताया कि दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में ऐसी कंपनियां काम कर रही हैं. कुलपति ने तेजी से विकसित हो रही दुनिया में नवाचार और उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए देश की अर्थव्यवस्था में ऐसी कंपनियों के महत्व को रेखांकित किया. वीसी ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है और इसमें ऐसी कंपनियों का अहम योगदान रहेगा. प्रो. योगेश सिंह ने कुछ जानी मानी कंपनियों के उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय से भी ऐसी प्रतिभाएं निकल कर आनी चाहिए.

आपको बच्चों को डर से दूर रखना है. बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें. इतना अच्छा समय आगे नहीं आएगा. इस वक्त पूरे विश्व की हालत खस्ता है. इसका हमें भरपूर लाभ मिल सकता है. यही विश्वास हमें बच्चों में डालना है, वह बहुत कुछ कर सकते हैं.

डॉ. प्रमथ राज सिन्हा, हड़प्पा शिक्षा के संस्थापक

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