नई दिल्ली: विदेश से मेडिकल की पढ़ाई कर लौटे एक छात्र ने भारत में प्रेक्टिस करने के लिए आयोजित क्वालीफाइंग एग्जाम पास करने के लिए मुन्ना भाई का सहारा लिया. पुलिस ने उसे और उसकी जगह परीक्षा देने वाले को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान हेमंत कुमार ओझा के रूप में हुई है. वहीं, हेमंत की जगह परीक्षा देने वाले अमूल्य किशन को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को पूछताछ में हेमंत ने बताया कि कई बार से परीक्षा में बैठ रहा था, लेकिन बार-बार फेल हो जाता था.
हालांकि, यह स्थिति सिर्फ हेमंत की ही नहीं, बल्कि इस परीक्षा में बैठने वाले ज्यादातर अभ्यर्थियों की है. विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई कर आने वाले छात्रों को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल सर्विसेज द्वारा आयोजित विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) को पास करना पड़ता है. यह स्क्रीनिंग परीक्षा पास करने के बाद ही उन्हें प्रोविजनल मेडिकल रजिस्ट्रेशन दिया जाता है. इसके बाद इंटर्नशिप की बारी आती है. दो साल की इंटर्नशिप के बाद फिर मेडिकल प्रैक्टिस के लिए अनुमति मिलती है, लेकिन हकीकत है कि परीक्षा में बैठने वाले मात्र 22 प्रतिशत अभ्यर्थी ही परीक्षा को पास कर पाते हैं.
कई तो छोड़ देते हैं डॉक्टर बनने का सपनाः कुछ लोग एक दो बार परीक्षा देने के बाद ही डॉक्टर बनने का सपना छोड़ देते हैं और अन्य काम धंधे में व्यस्त हो जाते हैं. वहीं, कुछ लोग चोरी छुपे अवैध तरीके से मेडिकल प्रैक्टिस करते हैं. कुछ लोग एकेडमिक्स में चले जाते हैं. एनबीईएमएस की वेबसाइट पर उपलब्ध एफएमजी परीक्षा परिणाम के अनुसार, परीक्षा में बैठने वाले कुल छात्रों में से मात्र 22.27 प्रतिशत पास कर पाते हैं.
2021 में 40,740 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे थे और 9,996 पास हुए. 2020 में 35,774 परीक्षा में बैठे, जिसमें से 5,897 परीक्षार्थी ही पास हुए. वहीं, 2019 में 28,597 अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे, लेकिन सिर्फ 7,375 ही परीक्षा में पास हुए. विशेषज्ञों का कहना है कि हर बार फेल होने के बावजूद जो लोग डॉक्टर बनना चाहते हैं वह ऐसे मुन्ना भाइयों के चक्कर में पढ़ते हैं और अपना समय और वह पैसा बर्बाद करते हैं.
73 डॉक्टरों पर CBI ने दर्ज किया मुकदमाः पिछले साल स्वास्थ्य मंत्रालय की शिकायत पर CBI ने मामला दर्ज कर अलग-अलग राज्यों के 73 डॉक्टर्स और 14 राज्यों की मेडिकल काउंसिल के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. ये सभी 73 लोग विदेश से मेडिकल की पढ़ाई कर भारत लौटे थे. आरोप है कि 14 राज्यों की मेडिकल काउंसिल ने विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई करके वापस लौटे 73 डॉक्टर्स को एफएमजीई परीक्षा पास किए बिना ही भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति दे दी थी. सीबीआई ने राज्यों की मेडिकल काउंसिल के अधिकारियों और विदेश से मेडिकल स्नातक 73 डॉक्टर्स के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, जालसाजी और धोखाधड़ी से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.