नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें ओला और उबर की बाइक टैक्सी को दिल्ली में चलाने की अनुमति मिली थी. साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जल्द नीति बनाने को कहा है. दरअसल, हाईकोर्ट ने सरकार के नोटिस पर रोक लगा दिया था और पॉलिसी बनाए जाने तक बाइक टैक्सी को चलाने का आदेश दिया था. इस फैसले को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
दिल्ली सरकार चाहती है कि उसकी तरफ से व्यापक नीति तैयार किए जाने से पहले रैपिडो और उबर जैसी एप आधारित सेवाओं में बिना व्यावसायिक पंजीकरण वाली बाइकों का इस्तेमाल न हो. इसको लेकर फरवरी में सभी सर्विस प्रोवाइडर को नोटिस जारी किया था. इसके बाद रैपिडो, ओला और उबर इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट गई थीं.
35 हजार लोग हो जाएंगे बेरोजगारः सुप्रीम कोर्ट में उबर के वकील नीरज किशन कौल ने दलील दी कि बिना नीति के अचानक बाइक टैक्सी बंद कर देने से दिल्ली एनसीआर में 35,000 से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे. हमें 31 जुलाई तक छूट दी जाए, क्योंकि बाइक ही उनकी आजीविका का साधन है. इस पर कोर्ट ने कहा कि उनको पहले कोर्ट तो आने दीजिए.
बता दें, 26 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस पर रोक लगाया था. हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार को एक अंतिम नीति बनाने के लिए कहा था, साथ ही यह भी कहा था कि तब तक बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी.
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बाइक टैक्सी पर बैन के पीछे सरकार का तर्कः बाइक टैक्सी को बैन करते हुए दिल्ली सरकार ने कहा था कि टैक्सी के तौर पर सिर्फ कॉमर्शियल रजिस्ट्रेशन वाले व्हीकल्स का ही इस्तेमाल हो सकता है. जबकि, टैक्सी के तौर पर अभी चल रही बाइक्स प्राइवेट रजिस्ट्रेशन वाली हैं. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया था कि टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और फोर-व्हीलर एग्रीगेटर्स के लिए सरकार जल्द नई पॉलिसी लेकर आएगी.
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Supreme Court puts on hold the Delhi High Court order staying a notice of city government to bike-taxi aggregators Rapido and Uber and allowing them to operate without aggregator licenses till the final policy has been notified. pic.twitter.com/8jBElM1CQk
— ANI (@ANI) June 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) June 12, 2023Supreme Court puts on hold the Delhi High Court order staying a notice of city government to bike-taxi aggregators Rapido and Uber and allowing them to operate without aggregator licenses till the final policy has been notified. pic.twitter.com/8jBElM1CQk
— ANI (@ANI) June 12, 2023
इससे पहले परिवहन मंत्रालय ने चेतावनी देते हुए कहा था कि ऐसा करना 1988 के मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है. आदेश नहीं मानने वालों पर 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है.
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