नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में अब तीन साल से अधिक किसी भी पद पर कोई भी अधिकारी कार्यरत नहीं रहेगा. दिल्ली सरकार ने अपने सभी अस्पतालों के लिए यह निर्देश जारी कर दिया है. इसके अनुसार, किसी सरकारी अस्पताल में मेडिकल सुपरिटेंडेंट और मेडिकल डायरेक्टर भी अपने पद पर 3 साल से ज्यादा नहीं रह सकते हैं.
दरअसल, अस्पताल प्रबंधन से दिल्ली सरकार ने अब तक का एक डाटा मांगा है. जिसमें सरकार को जानकारी देनी होगी कि अस्पताल में कितने पद हैं और इन पदों पर काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी कितने साल से कार्यरत हैं. दिल्ली सरकार ने प्लान किया है कि अगर लिस्ट में एक पद पर कोई तीन साल से ज्यादा दिन तक टिका हुआ है तो उसे हटाया जाएगा. किसी अन्य को उस जगह पर लगाया जाएगा.
6 जून तक लिस्ट तैयार कर लेंः दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल से कहा गया है कि वह 6 जून तक लिस्ट तैयार कर दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य विभाग को सौंप दें. इसमें कोताही बरतने वाले कर्मचारियों पर एक्शन लिया जाएगा. लिस्ट में अस्पताल प्रबंधन को बताना होगा कि उनके यहां पर मेडिकल सुपरिटेंडेंट, मेडिकल डायरेक्टर, परचेज ऑफिसर, लाइसेंसिंग ऑफिसर, रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के पद पर कौन सा व्यक्ति कितने साल से ड्यूटी दे रहा है.
सरकार कामकाज में पारदर्शिता लाना चाहती हैः दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, देखने में आता है कि जब एक पद पर किसी डॉक्टर को तीन साल पूरे हो जाते हैं और जब उसका दूसरे अस्पताल में ट्रांसफर किया जाता है तो पद उसका वहीं रहता है. यानी उदाहरण के तौर पर आप समझिए, लोक नायक अस्पताल में एक डॉक्टर जो मेडिकल डायरेक्टर के पद पर तीन साल पूरे कर चुका है और जब उसका ट्रांसफर दूसरे सेंटर या अस्पताल में भेजा जाता है तो उसका पद मेडिकल डायरेक्टर का ही रहता था. इसलिए अब सरकार अस्पताल के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए एक पद पर तीन साल ही रहेगा.