नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी से अब तक निजात नहीं मिल पाई है. जिसके चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हैं और छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है. वहीं शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए नर्सरी दाखिले को लेकर भी अभी किसी तरह के दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए हैं. जानकारी के अनुसार, नए सत्र में नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया को रद्द करने पर विचार चल रहा है. साथ ही शैक्षणिक सत्र 2022-23 में नर्सरी और केजी दोनों में छात्रों के एडमिशन की प्रक्रिया एक साथ करने को लेकर भी बात चल रही है, लेकिन आधिकारिक तौर पर अभी कोई घोषणा नहीं की गई है.
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जुलाई से पहले स्कूल खुलने की संभावना नहीं
वहीं इस संबंध में दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि महामारी को देखते हुए अभी स्कूलों के खुलने की संभावना कम ही है. उनका कहना है कि यदि फरवरी से टीकाकरण शुरू भी कर दिया जाए तो भी जुलाई तक केवल एक बड़ा हिस्सा ही टीकाकरण कर पाएंगे. इससे पहले स्कूल को खोलने की कोई संभावना नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह भी देखना होगा कि शिक्षकों और छात्रों को जोखिम में डाले बिना परीक्षाएं कैसे आयोजित कराई जाएं.
छोटे बच्चों को सबसे आखिर में भेजा जाएगा स्कूल
वहीं इस संबंध में नर्सरी दाखिले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस सत्र दाखिला रद्द कर शैक्षणिक सत्र 2022-23 में नर्सरी और केजी में दाखिला स्वीकार करने की योजना पर विचार चल रहा है. उन्होंने बताया कि नर्सरी और केजी दोनों में ही रिक्तियां होंगी. ऐसे में इस विकल्प को निजी स्कूलों के लिए प्रस्तावित किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह कोरोना वायरस की प्रकृति लगातार बदल रही है और इस महामारी का उतार-चढ़ाव बढ़ रहा है ऐसे में छोटे बच्चों को सबसे आखिर में ही स्कूल भेजा जाएगा.
ऑनलाइन टीचिंग नौनिहालों के सीखने के अनुरूप नहीं
बता दें कि नर्सरी दाखिले को लेकर दिशा निर्देश नवंबर माह तक जारी कर दिए जाते थे और जनवरी से दाखिला प्रक्रिया भी शुरू हो जाती थी लेकिन इस बार अभी कोई चर्चा नहीं हुई है. वहीं अभिभावकों का कहना है कि मार्च से ही दिल्ली में स्कूल बंद है और जो छात्र पहले से ही पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने महज कंप्यूटर और फोन की स्क्रीन ही देखी है जबकि यह छात्रों का वह समय होता है जब वह एक दूसरे से बातचीत करना, चीजों को देखना, समझना, महसूस करना सीखते हैं. लेकिन इस बार छात्रों को ऐसा अवसर ही नहीं मिला. ऐसे में दोबारा छात्रों का प्रवेश लेना और ऑनलाइन टीचिंग को जारी रखना छात्रों की सीखने की इस प्रक्रिया के अनुरूप सही नहीं होगा.