नई दिल्ली: मनी लांड्रिंग मामले में आरोपी पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय करने के मामले की सुनवाई गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई. इस दौरान सत्येंद्र जैन ने मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज और जब्त इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को उनको देने की मांग की. ईडी ने जैन की याचिका का विरोध किया. इसके बाद विशेष सीबीआई जज विकास ढुल ने मामले के 11 अक्टूबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.
अंतरिम जमानत पर हैं जैन: आरोपी सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में मंत्री थे. मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में आप नेता जैन अभी सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत पर हैं. हाल में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत एक बार फिर बढ़ाकर नौ अक्टूबर तक कर दी थी. इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले को दूसरे जज को ट्रांसफर करने से जुड़ी जैन की याचिका राउज एवेन्यू कोर्ट की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने खारिज कर दी थी.
न्यायाधीश ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि किसी न्यायाधीश की ओर से की गई कड़ी टिप्पणियां स्वयं यह निष्कर्ष निकालने का आधार नहीं हो सकती हैं कि वह निष्पक्ष तरीके से सुनवाई नहीं कर रहे हैं. अदालत ने कहा कि रिकार्ड के आधार पर न्यायाधीश न्याय के नियमों का पालन करते हुए मामले का उचित निपटारा कर रहे हैं.
जानें क्या है मामला: कार्यवाही के दौरान कुछ आदेश अभियोजन पक्ष के पक्ष में हो सकते हैं और कुछ बचाव पक्ष के पक्ष में हो सकते हैं. लेकिन, ऐसे आदेशों को संबंधित न्यायाधीश पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाने का आधार नहीं बनाया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि कुछ आदेश किसी विशेष पक्ष के खिलाफ हैं, मामले को दूसरे न्यायाधीश के पास ट्रांसफर करने का आधार नहीं हो सकता है.
बता दें, करीब डेढ़ साल से तिहाड़ जेल में बंद आप नेता सत्येंद्र जैन ने अपने खिलाफ चल रहे मनी लांड्रिंग मामले की सुनवाई स्पेशल जज विकास ढुल की अदालत से दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की थी. जैन को मनी लांन्ड्रिंग केस में 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था. तभी से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.
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यह है मामला: पूर्व मंत्री जैन पर शेल कंपनियां बनाकर 16 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर करने का आरोप है. न्यायाधीश ढुल से पहले उनके केस की सुनवाई विशेष जज गीतांजलि गोयल कर रही थी. उस समय जैन की याचिका पर सितंबर 2022 में सुनवाई हुई थी. सुनवाई के बाद उनका केस जज विकास ढुल को दे दिया गया था. इस मामले में जैन की जमानत याचिका छह अप्रैल को हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से चिकित्सा आधार पर अपनी सर्जरी कराने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने जैन को डेढ़ महीने की अंतरिम जमानत दे दी थी. जिसे अब तक दो बार बढ़ाया जा चुका है. जैन के जेल में पैर दबाते हुए और मसाज करते हुए कई वीडियो वायरल होने से जमकर सियासी बवाल मचा था. जैन के ऊपर ठग सुकेश चंद्रशेखर ने भी जेल से कई पत्र लिखकर सत्येंद्र जैन पर आरोप लगाए थे.
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