नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा कमिश्नरेट में पुलिस लगातार चोर और शातिर गिरोह का पर्दाफाश कर रही है.कई टीमें बनाकर चोरी और डकैती में संलिप्त गैंग का पर्दाफाश कर रही है. इसी कड़ी में नोएडा थाना फेज 2 की पुलिस ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो कंपनियों में रेकी करके चोरी की वारदातों को अंजाम देने का काम करता है. इस गैंग से पुलिस ने लाखों रुपए का सामान बरामद किया है. कम्पनियों में चोरी करने वाले 7 आरोपियों को बुधवार को टीम ने गिरफ्तार किया. इसी तरह आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए प्राइवेट बैंक का कर्मचारी बनकर आम लोगों को लोन दिलवाने का झांसा देकर ठगने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए साइबर हेल्पलाइन मुख्यालय और फेज वन थाने की पुलिस ने 14 आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार किया.
लाखों की चोरी का सामान बरामद: गिरफ्तार 7 आरोपी के कब्जे से पुलिस ने हॉजरी का कपड़ा जिसकी कीमती लगभग 60 लाख रुपये है और घटना में प्रयुक्त लीलेण्ड गाडी व 3 चाकू बरामद किया है. चोरी की वारदात के बारे में 17 अक्टूबर, 23 को पीड़ित ने सूचना दी थी. 16 अक्टूबर 2023 की रात्रि में अज्ञात चोर गोदाम की दीवार फांदकर गोदाम में घुस गये तथा गोदाम से हॉजरी का कपड़ा चोरी कर ले गये है. सूचना पर थाना फेस 2 नोएडा पर धारा 457/380 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया.
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ठगी करने वाला गिरोह गिरफ्तार: प्राइवेट बैंक का कर्मचारी बनकर आम लोगों को लोन दिलवाने का झांसा देकर ठगने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुएपुलिस ने 14 आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया जिसमें छह महिलाएं भी शामिल हैं. गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. पुलिस ने इनके पास से 11 लाख रुपये, मोबाइल , कॉलिंग डाटा सहित अन्य सामान बरामद किया है. पुलिस ने मौके से 6 कीपैड मोबाइल फोन, 4 स्मार्ट मोबाइल फोन, 74 सेट कॉलिंग डाटा, 11 लाख रुपए बरामद किए. थाना प्रभारी ध्रुव भूषण दुबे ने बताया कि आरोपी मोबाइल के माध्यम से लोगों से संपर्क कर खुद को कोटक महिंद्रा व एचडीएफसी बैंक का कर्मचारी बताते थे.
आरोपी पॉलिसी पर मॉर्टगेज लोन दिलवाने का आश्वासन देते थे. इसके अलावा कस्टमर से पॉलिसी लैप्स होने की वजह से पॉलिसी की किस्त फिर से शुरु कराने, एडवांस लोन दिलाने, आरटीजीएस चार्ज लोन अप्रूवल करने के लिए फाइल चार्ज प्रोसेसिंग फीस व अन्य खर्च बातकर पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते थे. इसके बाद यह फर्जी लोन अप्रूवल की डिजिटल कॉपी ईमेल तथा व्हाट्सएप के माध्यम से कस्टमर को भेज देते थे. लोन अप्रूवल होने का दावा कर आरोपी लोगों से पैसे फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कराते थे.
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