नई दिल्ली: डीडीए की लैंड पूलिंग पॉलिसी के नाम पर ठगी करने वालों में नाइजीरियन गैंग भी शामिल हो गया है. यह खुलासा आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच में हुआ है. उन्हें पता चला है कि सस्ते घर का झांसा देकर नाइजीरियन गैंग लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं. ऐसे गैंग को पकड़ने की कोशिश उनके द्वारा की जा रही है.
जानकारी के अनुसार अक्टूबर 2018 में डीडीए ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को मंजूरी दी थी. इसके तहत दिल्ली के बाहरी इलाकों में 17 लाख फ्लैट बनाने का काम होगा. अभी तक इसके लिए छह हजार एकड़ से ज्यादा जमीन लोगों ने डीडीए के पास जमा करवाई है. इसके सत्यापन का काम चल रहा है जिसके बाद आवासीय कॉलोनी बनाने वालों को डीडीए द्वारा लाइसेंस जारी किया जाएगा. लेकिन इससे पहले ही बड़ी संख्या में लोगों को फ्लैट का झांसा देकर उनसे लाखों रुपये एकत्रित किये जा रहे हैं. इसे लेकर आर्थिक अपराध शाखा 16 एफआईआर दर्ज कर चुकी है.
नाइजीरियन ठग भी उठा रहे फायदा
लोगों से ऑनलाइन जालसाजी करने में माहिर नाइजीरियन गैंग भी लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत लोगों से ठगी कर रहा है. इसके लिए उन्होंने बकायदा कुछ पोर्टल बनाए हुए हैं, जहां वह लैंड पूलिंग पॉलिसी के नाम पर लोगों को सस्ते फ्लैट का झांसा दे रहे हैं. वह लोगों से फ्लैट के नाम पर बैंक खाते में मोटी रकम जमा करवा बुकिंग ले रहे हैं जबकि वास्तव में ना तो उनके पास कोई जमीन है और ना ही वह कोई फ्लैट बनाने वाले हैं. ऐसे तथ्य आर्थिक अपराध शाखा की जांच में सामने आए हैं. उन्होंने लोगों को भी इस तरह की ठगी से सावधान रहने की सलाह दी है.
तीन लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
लैंड पूलिंग पॉलिसी के नाम पर ठगी करने वाले तीन लोगों को बीते सप्ताह आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार भी किया है. इन लोगों ने बिना किसी लाइसेंस के हाउसिंग स्कीम लॉन्च की और लगभग 4000 लोगों से फ्लैट के नाम पर बुकिंग ले ली. इनसे लगभग 400 करोड़ रुपए इकट्ठे कर लिए गए थे. आर्थिक अपराध शाखा ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर फिलहाल जेल भेज दिया है. वहीं इस तरह से ठगी करने वाले अन्य गैंग को लेकर लगातार छानबीन की जा रही है.
बिना रेरा रजिस्ट्रेशन देखें न कराएं बुकिंग
हाल ही में आर्थिक अपराध शाखा ने लोगों को इस तरह की जालसाजी से बचने के उपाय बताए हैं. इसमें उन्होंने खासतौर से यह अपील की है कि लोग फ्लैट बुक कर आते समय बिल्डर से रेरा पंजीकरण अवश्य मांगे. लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत अभी तक किसी को लाइसेंस नहीं दिए गए हैं. जब उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा तो उन्हें रेरा का पंजीकरण भी कराना होगा. रेरा के तहत पंजीकरण करने के बाद बिल्डर जालसाजी नहीं कर सकता है.