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NGT ने रेवाड़ी में पीने का पानी मुहैया कराने का दिया निर्देश - drinking water

याचिका रेवाड़ी निवासी रघुनाथ सिंह ने दायर की थी. याचिका में भूजल के दूषित होने का आरोप लगाया गया है. याचिका में मांग की गई है कि स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश जारी किए जाएं कि वो भूजल को दूषित होने से रोकने के लिए कदम उठाए और आस-पास के गांवों में पीने का पानी मुहैया कराएं.

NGT का निर्देश
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Published : May 14, 2019, 2:42 PM IST

Updated : May 14, 2019, 3:07 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हरियाणा के रेवाड़ी में पीने के पानी की आपूर्ति करने का निर्देश दिया है, साथ ही ग्राउंड वॉटर को दूषित होने से रोकने के लिए कदम उठाने के भी निर्देश दिए गए हैं.

NGT ने हरियाणा के केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (CGWA) और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) को रेवाड़ी गांव में पेयजल आपूर्ति करने के ऑर्डर दिए हैं.
जस्टिस एस रघुवेंद्र राठौर की अध्यक्षता वाली बेंच ने CGWA को निर्देश दिया है कि वो तत्काल प्रभाव से रेवाड़ी के चिरहाड़ा गांव से सटी एक औद्योगिक इकाई के बोरवेल को बंद करें.

याचिका रेवाड़ी निवासी रघुनाथ सिंह ने दायर की थी. याचिका में भूजल के दूषित होने का आरोप लगाया गया है. याचिका में मांग की गई है कि स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश जारी किया जाए कि वो भूजल को दूषित होने से रोकने के लिए कदम उठाए और आस-पास के गांवों में पीने का पानी मुहैया कराएं.

याचिका में कहा गया है कि उस इलाके में दो औद्योगिक इकाइयां बिना अनुमति के भूजल का दोहन करती हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं.

NGT ने कहा कि भूजल के दूषित होने के लिए वायु, प्रदूषण के साथ-साथ औद्योगिक इकाइयां भी जिम्मेदार हैं. उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है. दरअसल CGWA और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया था कि भूजल दूषित है.

नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हरियाणा के रेवाड़ी में पीने के पानी की आपूर्ति करने का निर्देश दिया है, साथ ही ग्राउंड वॉटर को दूषित होने से रोकने के लिए कदम उठाने के भी निर्देश दिए गए हैं.

NGT ने हरियाणा के केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (CGWA) और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) को रेवाड़ी गांव में पेयजल आपूर्ति करने के ऑर्डर दिए हैं.
जस्टिस एस रघुवेंद्र राठौर की अध्यक्षता वाली बेंच ने CGWA को निर्देश दिया है कि वो तत्काल प्रभाव से रेवाड़ी के चिरहाड़ा गांव से सटी एक औद्योगिक इकाई के बोरवेल को बंद करें.

याचिका रेवाड़ी निवासी रघुनाथ सिंह ने दायर की थी. याचिका में भूजल के दूषित होने का आरोप लगाया गया है. याचिका में मांग की गई है कि स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश जारी किया जाए कि वो भूजल को दूषित होने से रोकने के लिए कदम उठाए और आस-पास के गांवों में पीने का पानी मुहैया कराएं.

याचिका में कहा गया है कि उस इलाके में दो औद्योगिक इकाइयां बिना अनुमति के भूजल का दोहन करती हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं.

NGT ने कहा कि भूजल के दूषित होने के लिए वायु, प्रदूषण के साथ-साथ औद्योगिक इकाइयां भी जिम्मेदार हैं. उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है. दरअसल CGWA और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया था कि भूजल दूषित है.

Intro:

नई दिल्ली । नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने हरियाणा के केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) एवं हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) को हरियाणा के रेवाड़ी गांव में पेयजल आपूर्ति का निर्देश दिया है । जस्टिस एस रघुवेंद्र राठौर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीजीडब्ल्यूए को निर्देश दिया कि वो तत्काल प्रभाव से रेवाड़ी के चिरहाड़ा गांव से सटी एक औद्योगिक इकाई के बोरवेल को बंद करें।


Body:याचिका रेवाड़ी निवासी रघुनाथ सिंह ने दायर किया है । याचिका में भूजल के दूषित होने का आरोप लगाया गया है। याचिका में मांग की गई है कि स्थानीय प्रशासन को दिशानिर्देश जारी किया जाए कि वो भूजल के दूषित होने से रोकने के लिए कदम उठाए और आस पास के गांवों में पेयजल उपलब्ध कराएं। याचिका में कहा गया है कि उस इलाके में दो औद्योगिक ईकाईयां बिना अनुमति के भूजल का दोहन करती हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं।


Conclusion:एनजीटी ने कहा कि भूजल के दूषित होने एवं वायु तथा जल प्रदूषण के लिये औद्योगिक ईकाईयां जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल सीजीडब्ल्यूए और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें कहा गया था कि भूजल दूषित है।
Last Updated : May 14, 2019, 3:07 PM IST

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