नई दिल्लीः नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने यूपी के देवरिया के लार नगर पालिका क्षेत्र में खुले में अनट्रिटेड सीवेज डालने की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कमेटी को दो महीने के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
याचिका नुरुल सहर लारी ने दायर की है. इसमें कहा गया है कि देवरिया के लार नगर पालिका क्षेत्र में खुले में अनट्रीटेड सीवेज डाला जाता है. लार नगर पालिका अनट्रीटेड सीवेज डालने से रोकने में नाकाम रहा है. ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के पर्यावरण सुरक्षा केस में दिए गए आदेश के साथ वाटर एक्ट का उल्लंघन है.
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एनजीटी ने इस मामले की जांच के लिए, जो कमेटी गठित की है, उनमें यूपी शहरी विकास विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रतिनिधि, देवरिया के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और लार नगर पंचायत का एक प्रतिनिधि शामिल होगा. ये कमेटी मौका का जायजा लेगा. एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल करेगा. इस कमेटी की नोडल एजेंसी उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड होगी.
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एनजीटी ने कमेटी को निर्देश दिया है कि वो देवरिया के लिए बने एनवायरमेंट प्लान की पड़ताल करेंगे कि वे सीवेज प्रबंधन संबंधी एनजीटी के आदेशों के मुताबिक हैं कि नहीं. कमेटी ये भी देखेगी कि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की ओर से इलाके में सीवेज प्रबंधन और उसकी समीक्षा होती है कि नहीं. कमेटी इस पर भी रिपोर्ट देगी कि सीवेज के ट्रीटमेंट की योजना क्या है और उसका कितना उपयोग होता है. एनजीटी ने यूपी के शहरी विकास विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया कि वे कमेटी को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएं.