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सफदरजंग अस्पताल: RDA इलेक्शन में डॉ. मनीष की टीम ने मारी बाजी - सफ़दरजंग

RDA चुनाव में डॉक्टर मनीष की टीम ने 715 मतों से जीत हासिल की और डॉ अंकित की टीम को हार का सामना करना पड़ा. डॉक्टर मनीष की टीम को करीब 900 वोट मिले और वहीं डॉक्टर अंकित की टीम को तकरीबन 200 वोट हासिल हुए.

new delhi safdarjung hospital Dr Manish's team wins in RDA election
सफ़दरजंग: RDA इलेक्शन में डॉ मनीष की टीम ने मारी बाजी
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Published : Jan 17, 2020, 12:44 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में स्थित सफदरजंग अस्पताल में RDA चुनाव हुआ. जिसमें डॉ मनीष की टीम ने बाजी मारी है. सामान्य सचिव के तौर पर चुने गए डॉक्टर जॉय का कहना है कि रेजिडेंट डॉक्टरों को खाने-पीने से लेकर रहने तक जो भी दिक्कतें आती हैं उन दिक्कतों का समाधान RDA करवाएगा. RDA यानी रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन जो मुख्य तौर पर सफदरजंग के रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम करता है. ये उनके खाने-पीने से लेकर सभी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखता है.

RDA इलेक्शन में डॉ मनीष की टीम को मिली जीत

डॉ मनीष की टीम जीती

13 जनवरी को हुए चुनाव में डॉक्टर मनीष की टीम ने 715 मतों से जीत हासिल की और डॉ अंकित की टीम को हार का सामना करना पड़ा. डॉक्टर मनीष की टीम को करीब 900 वोट मिले और वही डॉक्टर अंकित की टीम को तकरीबन 200 वोट हासिल हुए. यह चुनाव अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सामान्य सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष के पदों के लिए हुआ था.

डॉ मनीष बने प्रेसिडेंट

चुनाव जीतने के बाद डॉ मनीष प्रेसिडेंट बने जबकी डॉ आशु कुमार मीणा उपाध्यक्ष, डॉक्टर नीलेश तनेजा संयुक्त सचिव, डॉ जॉय सामान्य सचिव और वही डॉ अंकुर रानी कोषाध्यक्ष बनाई गई.

1800 डॉक्टरों के लिए सिर्फ 86 कमरे!

ईटीवी भारत से खास बातचीत में सामान्य सचिव डॉ जॉय का कहना है कि जो भी डॉक्टरों को मूलभूत सुविधाओं में दिक्कतें आती हैं. अगर उन्हें सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो वह पहले अनुरोध के जरिए काम निकलवाने की कोशिश करेंगे, अगर तब भी काम नहीं होता तो वे सड़कों पर भी उतरेंगे. उन्होंने कहा कि अट्ठारह सौ डॉक्टरों के लिए महज 86 कमरे हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में स्थित सफदरजंग अस्पताल में RDA चुनाव हुआ. जिसमें डॉ मनीष की टीम ने बाजी मारी है. सामान्य सचिव के तौर पर चुने गए डॉक्टर जॉय का कहना है कि रेजिडेंट डॉक्टरों को खाने-पीने से लेकर रहने तक जो भी दिक्कतें आती हैं उन दिक्कतों का समाधान RDA करवाएगा. RDA यानी रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन जो मुख्य तौर पर सफदरजंग के रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम करता है. ये उनके खाने-पीने से लेकर सभी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखता है.

RDA इलेक्शन में डॉ मनीष की टीम को मिली जीत

डॉ मनीष की टीम जीती

13 जनवरी को हुए चुनाव में डॉक्टर मनीष की टीम ने 715 मतों से जीत हासिल की और डॉ अंकित की टीम को हार का सामना करना पड़ा. डॉक्टर मनीष की टीम को करीब 900 वोट मिले और वही डॉक्टर अंकित की टीम को तकरीबन 200 वोट हासिल हुए. यह चुनाव अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सामान्य सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष के पदों के लिए हुआ था.

डॉ मनीष बने प्रेसिडेंट

चुनाव जीतने के बाद डॉ मनीष प्रेसिडेंट बने जबकी डॉ आशु कुमार मीणा उपाध्यक्ष, डॉक्टर नीलेश तनेजा संयुक्त सचिव, डॉ जॉय सामान्य सचिव और वही डॉ अंकुर रानी कोषाध्यक्ष बनाई गई.

1800 डॉक्टरों के लिए सिर्फ 86 कमरे!

ईटीवी भारत से खास बातचीत में सामान्य सचिव डॉ जॉय का कहना है कि जो भी डॉक्टरों को मूलभूत सुविधाओं में दिक्कतें आती हैं. अगर उन्हें सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो वह पहले अनुरोध के जरिए काम निकलवाने की कोशिश करेंगे, अगर तब भी काम नहीं होता तो वे सड़कों पर भी उतरेंगे. उन्होंने कहा कि अट्ठारह सौ डॉक्टरों के लिए महज 86 कमरे हैं.

Intro:राजधानी दिल्ली में स्थित सफदरजंग अस्पताल में आरडीए का चुनाव हुआ जिसमें डॉ मनीष की टीम ने बाजी मारी है सामान्य सचिव के तौर पर चुने गए डॉक्टर जॉय का कहना है कि वे रेजिडेंट डॉक्टरों को खाने-पीने से लेकर रहने तक जो भी दिक्कतें आती हैं उन दिक्कतों का समाधान RDA करवाएगी


Body:जानिए क्या है आरडीए

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन जो मुख्य तौर पर सफदरजंग के रेजिडेंट डॉक्टर पर काम करता है उनके खाने पीने से लेकर सभी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखता है

डॉ मनीष की टीम ने जीत हासिल की

13 जनवरी को हुए चुनाव में डॉक्टर मनीष की टीम ने 715 मतों से जीत हासिल की और डॉ अंकित की टीम को डॉक्टर मनीष की टीम ने हराया डॉक्टर मनीष की टीम को करीब 900 वोट मिले और वही डॉक्टर अंकित की टीम को तकरीबन 200 वोट मिले

11 सौ मतदाताओं ने दिया वोट

बताया जाता है कि इस चुनाव में कुल मतदाता करीब 18 सौ है और ग्यारह सौ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और चुनाव बैलेट पेपर के जरिए 13 जनवरी को हुआ था जिसमें कुल 10 प्रत्याशी थी यह चुनाव अध्यक्ष उपाध्यक्ष सामान्य सचिव संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष के पदों के लिए हुआ था

डॉ मनीष बने प्रेसिडेंट

चुनाव जीतने के बाद डॉ मनीष प्रेसिडेंट बने डॉ आशु कुमार मीणा उपाध्यक्ष, डॉक्टर नीलेश तनेजा संयुक्त सचिव, डॉ जॉय सामान्य सचिव और वही डॉ अंकुर रानी कोषाध्यक्ष बनाई गई
BYTE- डॉ जॉय, सामान्य सचिव


Conclusion:
1800 डॉक्टरों के लिए सिर्फ 86 कमरे!
ईटीवी भारत से खास बातचीत में सामान्य सचिव डॉ जॉय का कहना है कि जो भी डॉक्टरों को मूलभूत सुविधाओं में दिक्कतें आती हैं अगर उन्हें सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो वह पहले अनुरोध के जरिए काम निकलवाने की कोशिश करेंगे अगर तब भी काम नहीं होता तो वे सड़कों पर भी उतरेंगे उन्होंने कहा कि अट्ठारह सौ डॉक्टरों के लिए महज 86 कमरे हैं
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