नई दिल्ली: शराब घोटाला मामले में सीबीआई रिमांड पर चल रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के समर्थन में सरकारी स्कूलों के बच्चों से अभियान चलवाने के मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. सांसद मनोज तिवारी ने एनसीपीसीआर को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि स्कूलों के बाहर स्टॉल लगाकर बच्चों से सिसोदिया के समर्थन में पोस्टर बनवाये जा रहे हैं. इस पर भाजपा पहले ही आपत्ति जता चुकी थी. मनोज तिवारी का आरोप है कि शराब घोटाले के आरोपी को बचाने के लिए मासूमों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
सांसद की शिकायत पर नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) ने दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए हैं. एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा है कि स्कूली बच्चों उपयोग एक आरोपित को बचाने में किया जा रहा है. शिकायत में कहा गया है कि बच्चों के कोमल मन मस्तिष्क में अपराधियों के महिमामंडन का गलत प्रभाव पड़ेगा. एनसीपीसीआर ने कहा है कि एजुकेशन टास्क फोर्स के सदस्य शैलेश, राहुल तिवारी, वैभव श्रीवास्तव, तारिशी शर्मा और दिल्ली डायलॉग कमीशन के उपाध्यक्ष जैस्मिन शाह ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए स्कूलों के प्रिंसिपल और शिक्षकों से यह अभियान चलवाया. इसलिए इनके खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए.
गौरतलब है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बाहर काउंटर बनाकर उस पर आई लव मनीष सिसोदिया के पोस्टर लगाए गए हैं. आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह पोस्टर दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने खुद बनाए हैं और स्कूलों के बाहर लगाए हैं. जबकि भाजपा का आरोप है कि शराब घोटाले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया का महिमामंडन करने और उनके पक्ष में सहानुभूति जताने के लिए स्कूल के बच्चों को मोहरा बनाया जा रहा है. इससे बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा.
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भाजपा नेताओं का आरोप है कि बच्चों के अभिभावकों पर या दबाव बनाया जा रहा है कि यदि मैं अपने बच्चों को इस अभियान में नहीं भेजेंगे तो उन्हें परीक्षा में फेल कर दिया जाएगा. वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि बच्चे स्कूलों में किए गए सुधार से खुश है और मनीष सिसोदिया को बहुत प्यार करते हैं. किसी भी बच्चे या अभिभावक पर इसके लिए कोई दबाव नहीं बनाया गया है.