नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (एनसीसीएसए) की दूसरी बैठक स्थगित हो गई. इसका मुख्य एजेंडा दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित था. इसमें दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर चर्चा होनी थी. बैठक का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक तंत्र की कुशलता और प्रभावशीलता को बढ़ाने की प्रक्रिया को व्यवस्थित और तेज करना था.
बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चाः केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधी सेवा विभाग से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है. इस प्रस्ताव में तीन अलग-अलग श्रेणी के अनुरोध शामिल हैं. इन श्रेणियों में कुछ अधिकारियों के ट्रांसफर का अनुरोध करने वाले विभाग हैं, तो कुछ विभागों में पद खाली हैं और उन पदों पर नई तैनाती की मांग की गई है. इसके अलावा, इसमें कुछ निजी तौर पर अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की मांग को लेकर किए गए अनुरोध शामिल हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कई अधिकारियों से यह शिकायत मिली थी कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के अनुरोधों पर सर्विस विभाग चुनिंदा और मनमाने ढंग से कार्रवाई कर रहा है. कुछ अधिकारियों ने बताया था कि उनके ट्रांसफर का अनुरोध काफी लंबे समय से लंबित है और सर्विस विभाग की ओर से कोई रिस्पॉन्स भी नहीं दिया जा रहा है. परदर्शिता को ध्यान में रखते हुए एनसीसीएसए के सदस्य सचिव एवं मुख्य सचिव को उपरोक्त तीनों कैटेगरी के तहत आए सभी अनुरोधों को संकलित करने और दोबारा पेश करने का निर्देश देते हुए फाइल को वापस भेज दी है.
साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यह निर्देश दिया है कि पिछले छह महीनों में सर्विस विभाग को प्राप्त ऐसे अनुरोध जो लंबित हैं या फिर अस्वीकार कर दिए गए हैं, उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत किया जाए. कार्यस्थल पर पारदर्शिता और जवाबदेही तय करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया था कि सभी लंबित और अस्वीकृत अनुरोधों का कारण भी स्पष्ट रूप से पेश किया जाए.
बता दें कि एनसीसीएसए की बैठक का मुद्दा तब सुर्खियों में आया, जब एनसीसीएसए को दरकिनार कर इसकी शक्तियां दिल्ली के एलजी और मुख्य सचिव के हाथों में सौंप दी गईं. कुछ हफ्ते पहले एनसीसीएसए के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव आया था. इस मसले पर जब मुख्यमंत्री ने कुछ जानकारी मांगी तो मुख्य सचिव ने सीएम और एनसीसीएसए को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया. एनसीसीएसए की पहली बैठक गत 20 जून को हुई थी.