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मुखर्जी नगर मामला: आखिर किसने उड़ाई दिल्ली पुलिस की नींद?

मुखर्जी नगर में सिख चालक की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. राजनेता पीड़ित से मिलने पहुंच रहे हैं. लोग जमकर दिल्ली पुलिस की खिंचाई कर रहे हैं. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है.

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Published : Jun 18, 2019, 4:28 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 5:35 PM IST

मुखर्जी नगर मामला

नई दिल्ली: मुखर्जी नगर में बुजुर्ग टेम्पो ड्राइवर के साथ हुई मारपीट का वीडियो आपने जरूर देखा होगा. सोशल मीडिया पर इस वीडियो ने तहलका मचा दिया. दिल्ली पुलिस ने लाठी-डंडों और लात-घूंसों से जमकर ड्राइवर और उसके 15 साल के बेटे की पिटाई की है. अब ये मामला शांत नहीं हो रहा, बस तूल पकड़ता जा रहा है.
आइए समझते हैं कि आखिर पूरा माजरा क्या है...

मुखर्जी नगर कांड
  • 16 जून (शाम करीब 6 बजे)

ग्रामीण सेवा के एक टेम्पो चालक ने दिल्ली पुलिस की जिप्सी को टक्कर मार दी. इसके बाद चालक सरबजीत और पुलिसकर्मी के बीच कहासुनी हुई. विवाद इस कदर बढ़ गया कि ग्रामीण सेवा चालक ने पुलिसकर्मी पर कृपाण से हमला कर दिया. पुलिसकर्मी को चोट आई. बस फिर क्या था, मामला मुखर्जी नगर थाने के बाहर का था तो पुलिस को इकट्ठा होते देर नहीं लगी. पुलिसकर्मियों ने आधे घंटे तक जमकर उस ग्रामीण सेवा चालक की पिटाई की. साथ ही उसका 15 साल का बेटा भी पिटा.

  • 16 जून (करीब 7 बजे)

मामले ने तूल पकड़ लिया, चूंकि चालक बुजुर्ग है. पुलिस का असभ्य तरीके से व्यवहार करना लोगों को गुस्सा दिलाने के लिए काफी था. सिख समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. गुस्साए लोगों ने किंग्स-वे चौक रिंग रोड को जाम कर दिया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे.

  • 16 जून (रात करीब 9 बजे)

16 जून की रात को उग्र प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने मुखर्जी नगर थाने का घेराव किया था. इस दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस की वैन में तोड़-फोड़ की थी. वहीं लोगों को समझाने आए एसीपी केजी त्यागी को भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ा और वो जैसे-तैसे जान बचाकर भागे.

  • 17 जून (सोमवार)

उग्र प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन राजधानी में जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन किया. इस मामले में FIR दर्ज की गई और 3 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया. बवाल यहां नहीं थमा, क्योंकि घटना के वक्त वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे. सवाल उठा- "सिर्फ तीन पुलिसकर्मी ही सस्पेंड क्यों?"

दिनभर पीड़ित ऑटो चालक सरबजीत सिंह के घर में राजनेताओं का आना-जाना लगा रहा. विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के अलावा सीएम अरविंद केजरीवाल भी पीड़ित से मिलने पहुंचे. हालांकि उन्हें अकाली दल और गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के विरोध का सामना भी करना पड़ा. अब ये पूरा मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है.

  • 17 जून (शाम करीब 7 बजे)

सोमवार शाम को भी सिख समुदाय के लोग मुखर्जी नगर थाने पर इक्ट्ठा हुए और पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आसपास के इलाके में पैरामिलिट्री फोर्सेज तैनात की गई. दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधन के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौके पर पहुंचे और पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खडे़ किए.

  • 17 जून (रात 12 बजे)

रात 12 बजे सिख समुदाय का एक डेलिगेट पुलिस के आला अधिकारियों से मिला. उसने पुलिस के सामने मांग रखी कि ड्राइवर सरबजीत के खिलाफ हत्या के प्रयास की जो धारा 307 लगाई गई है, उसे हटाया जाए. साथ ही वीडियो में नजर आ रहे सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया जाए.

2 एफआईआर दर्ज

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. एक एफआईआर सरबजीत के खिलाफ हमले का शिकार हुए एएसआई योगराज की ओर दर्ज कराई गई है, जबकि दूसरी एफआईआर सरबजीत और उसके नाबालिग बेटे पर पुलिस की बर्बरता को लेकर दर्ज की गई है.

घटना को लेकर ड्राइवर सरबजीत और पुलिस के अपने-अपने दावे हैं. पुलिस जहां ड्राइवर पर तलवार से हमला करने और अपने बेटे को हमले के लिए उकसाने का आरोप लगा रही है, वहीं ड्राइवर सरबजीत का कहना है कि उसने आत्मरक्षा में तलवार उठाई थी. जो भी हो, एक मामूली कहासुनी से शुरू हुए इस झगड़े ने दिल्ली में बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है. इसे शांत करने में दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

नई दिल्ली: मुखर्जी नगर में बुजुर्ग टेम्पो ड्राइवर के साथ हुई मारपीट का वीडियो आपने जरूर देखा होगा. सोशल मीडिया पर इस वीडियो ने तहलका मचा दिया. दिल्ली पुलिस ने लाठी-डंडों और लात-घूंसों से जमकर ड्राइवर और उसके 15 साल के बेटे की पिटाई की है. अब ये मामला शांत नहीं हो रहा, बस तूल पकड़ता जा रहा है.
आइए समझते हैं कि आखिर पूरा माजरा क्या है...

मुखर्जी नगर कांड
  • 16 जून (शाम करीब 6 बजे)

ग्रामीण सेवा के एक टेम्पो चालक ने दिल्ली पुलिस की जिप्सी को टक्कर मार दी. इसके बाद चालक सरबजीत और पुलिसकर्मी के बीच कहासुनी हुई. विवाद इस कदर बढ़ गया कि ग्रामीण सेवा चालक ने पुलिसकर्मी पर कृपाण से हमला कर दिया. पुलिसकर्मी को चोट आई. बस फिर क्या था, मामला मुखर्जी नगर थाने के बाहर का था तो पुलिस को इकट्ठा होते देर नहीं लगी. पुलिसकर्मियों ने आधे घंटे तक जमकर उस ग्रामीण सेवा चालक की पिटाई की. साथ ही उसका 15 साल का बेटा भी पिटा.

  • 16 जून (करीब 7 बजे)

मामले ने तूल पकड़ लिया, चूंकि चालक बुजुर्ग है. पुलिस का असभ्य तरीके से व्यवहार करना लोगों को गुस्सा दिलाने के लिए काफी था. सिख समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. गुस्साए लोगों ने किंग्स-वे चौक रिंग रोड को जाम कर दिया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे.

  • 16 जून (रात करीब 9 बजे)

16 जून की रात को उग्र प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने मुखर्जी नगर थाने का घेराव किया था. इस दौरान उन्होंने दिल्ली पुलिस की वैन में तोड़-फोड़ की थी. वहीं लोगों को समझाने आए एसीपी केजी त्यागी को भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ा और वो जैसे-तैसे जान बचाकर भागे.

  • 17 जून (सोमवार)

उग्र प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन राजधानी में जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन किया. इस मामले में FIR दर्ज की गई और 3 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया. बवाल यहां नहीं थमा, क्योंकि घटना के वक्त वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे. सवाल उठा- "सिर्फ तीन पुलिसकर्मी ही सस्पेंड क्यों?"

दिनभर पीड़ित ऑटो चालक सरबजीत सिंह के घर में राजनेताओं का आना-जाना लगा रहा. विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा के अलावा सीएम अरविंद केजरीवाल भी पीड़ित से मिलने पहुंचे. हालांकि उन्हें अकाली दल और गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के विरोध का सामना भी करना पड़ा. अब ये पूरा मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है.

  • 17 जून (शाम करीब 7 बजे)

सोमवार शाम को भी सिख समुदाय के लोग मुखर्जी नगर थाने पर इक्ट्ठा हुए और पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आसपास के इलाके में पैरामिलिट्री फोर्सेज तैनात की गई. दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधन के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौके पर पहुंचे और पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खडे़ किए.

  • 17 जून (रात 12 बजे)

रात 12 बजे सिख समुदाय का एक डेलिगेट पुलिस के आला अधिकारियों से मिला. उसने पुलिस के सामने मांग रखी कि ड्राइवर सरबजीत के खिलाफ हत्या के प्रयास की जो धारा 307 लगाई गई है, उसे हटाया जाए. साथ ही वीडियो में नजर आ रहे सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया जाए.

2 एफआईआर दर्ज

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं. एक एफआईआर सरबजीत के खिलाफ हमले का शिकार हुए एएसआई योगराज की ओर दर्ज कराई गई है, जबकि दूसरी एफआईआर सरबजीत और उसके नाबालिग बेटे पर पुलिस की बर्बरता को लेकर दर्ज की गई है.

घटना को लेकर ड्राइवर सरबजीत और पुलिस के अपने-अपने दावे हैं. पुलिस जहां ड्राइवर पर तलवार से हमला करने और अपने बेटे को हमले के लिए उकसाने का आरोप लगा रही है, वहीं ड्राइवर सरबजीत का कहना है कि उसने आत्मरक्षा में तलवार उठाई थी. जो भी हो, एक मामूली कहासुनी से शुरू हुए इस झगड़े ने दिल्ली में बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है. इसे शांत करने में दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

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Last Updated : Jun 18, 2019, 5:35 PM IST
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