नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर बुधवार को विस्तृत चर्चा हुई. चर्चा के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना काल में किए गए काम को लेकर अपनी पीठ थपथपाई.
ये भी पढ़ेंःबेगमपुर में युवक पर पेट्रोल डालकर लगाई गई थी आग, इलाज के दौरान हुई मौत
स्कूल के मुद्दे से हुई शुरुआत
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने सम्बोधन की शुरुआत स्कूलों के मुद्दे से की. उन्होंने कहा किसी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, मनीष सिसोदिया की स्टाइल में एक स्कूल का निरीक्षण करने गए थे. वह बच्चों से बात करने की कोशिश करते हैं लेकिन उनकी नीयत तो दिख ही जाती है. वो क्लास बस बनाई गई थी, उसमें डेस्क बेंच नहीं थे. लेकिन मुझे खुशी हुई देखकर कि अब मुख्यमंत्री स्कूलों में जा रहे हैं. इसकी भी एक भूमिका है. मनीष सिसोदिया को उन्होंने स्कूल देखने की चुनौती दी थी. वे वहां गए तो उन्हें रोक दिया गया. सीएम के शहर गोरखपुर के स्कूलों की हालत भी मीडिया ने दिखाई, फिर उन्हें स्कूलों में जाना पड़ा. बीते 6 साल में दिल्ली की शिक्षा में जो क्रांति हुई है, उसे देश भर में पहचान मिल रही है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे अब अमीरों के बच्चों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बढ़ रहे हैं. सवाल यह है कि यह काम 70 साल में क्यों नहीं हुआ, शिक्षा व्यवस्था ठीक क्यों नही हुई. दोनों पार्टियों ने जानबूझकर देश के बच्चों को अनपढ़ रखा क्योंकि ये अनपढ़ रहेंगे तो बेरोजगार पिछड़े रहेंगे. इससे पॉलिटिकल पार्टियों को सस्ते में भाड़े के कार्यकर्ता मिल सकेंगे. 6 साल में दिल्ली में जो शिक्षा में क्रांति आई है उसने दोनों पार्टियों की जड़ें हिला दी है. इसका असर चुनाव में भी दिखा, हाल में भाजपा जीरो पर आ गई.
ये भी पढ़ेंःलोकसभा में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का कानून पास, निगम चुनाव में बीजेपी को मिलेगा लाभ !
'दुनिया को दी नई पद्धति'
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण के दौरान कहा कि कोरोना की रोकथाम एक आदमी से नहीं हो सकती थी. सबसे ज्यादा डॉक्टर्स ने काम किया. अस्पताल में प्रधानमंत्री और मैं नहीं गए, डॉक्टर्स और नर्सों ने ही काम किया. नई पद्धति दिल्ली ने दुनिया को दी. हमें गर्व है कि वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया को दो वैक्सीन दीं. लोगों के मन मे कुछ भ्रांतियां हैं. हमने और माता पिता ने भी टीका लगवाया. सब ठीक हैं. हम लोगों ने रोजगार पोर्टल शुरू किया. एक तरफ फैक्ट्रियों के पास आदमी नहीं थे. लोगों के पास काम नहीं था. दोनों को मिलाने के लिए जॉब पोर्टल शुरू किया, उससे लाखों को नौकरी मिली.
सूझबूझ से स्थिति हुई नियंत्रित: राजेश ऋषि
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधायक राजेश ऋषि ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सूझबूझ के कारण कोरोना को नियंत्रित करने में सफलता मिली. होम आइसोलेशन के कारण अस्पताल में भीड़ नहीं बढ़ी. मैं भी कोरोना से संक्रमित था और अस्पताल में भर्ती था. लेकिन कोरोना के दौरान सिविल डिफेंस समेत कई एजेंसियों के लोगों ने आगे बढ़कर काम किया. लोगों को राशन पहुंचाया गया. बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था की गई. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बहुत काम किया. होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए घर घर दवाई पहुंचाई गई.
केजरीवाल सरकार ने दिया होम आइसोलेशन का मॉडल :रोहित मेहरौलिया
दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना काल के दौरान जो कदम उठाए गए उसकी चर्चा देश विदेश में हो रही है. एक समय था जब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे थे. तब दिल्ली सरकार ने होम आइसोलेशन का मॉडल दिया. विश्व का पहला प्लाज्मा बैंक दिल्ली में बना. तमाम बुनियादी सुविधा लॉक डाउन के दौरान भी जारी रहीं. कोरोना सबके लिए नया था. मैं भी कोरोना से संक्रमित था और होम आइसोलेशन में था. मुझे भी रोज स्वास्थ्य विभाग से फोन आते थे. सरकार ने सबका ध्यान रखा. कोरोना के दौरान बहुत लोगों ने अपनी जान गंवाई है. ऐसे लोगों के लिए दिल्ली सरकार ने 1 करोड़ की सहायता राशि देने का काम शुरू किया है. जिनके पास राशन कार्ड नहीं था उन्हें भी राशन दिया गया. प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए भी दिल्ली सरकार ने काम किया है. बस और ट्रेन के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाया गया. आने वाले समय के अंदर उन नेताओं को भी याद रखा जाएगा जिन्होंने आपदा में अवसर ढूंढा और अरविंद केजरीवाल को भी याद किया जाएगा जिन्होंने आपदा में अवतार का रूप दिखाया.
पीएम मोदी ने केजरीवाल का काम माना: राजकुमारी ढिल्लों
प्रधानमंत्री ने भी माना था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना काल में अच्छा काम किया है. जब प्रधानमंत्री ने कोरोना को भगाने के लिए थाली बजाना जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया उससे लोगों का विश्वास उनसे उठ गया. मैं खाद्य मंत्री का धन्यवाद देना चाहूंगी जिन्होंने घर घर तक राशन पहुंचाया. लोगों को विश्वास था कि अगर उन्हें कोरोना संक्रमण होता है तो उनके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है. कोरोना काल के दौरान शिक्षकों ने सिविल डिफेंस के कर्मचारियों ने अच्छा काम किया है. लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में कोई भी इंसान भूखा नहीं रहा और ये सब मुमकिन हुआ मुख्यमंत्री के कारण.
दिल्ली सरकार का धन्यवाद: अनिल बाजपई
मैं दिल्ली सरकार का धनवान देना चाहता हूं कि उन्होंने भी माना है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने में उनकी सहायता की है. कई अस्पतालों से ऐसी खबर सामने आई कि कई लोगों की मौत इलाज ना मिलने के कारण उनकी मौत हो गई. एक जैन परिवार का जिक्र करते हुए कहा कि लोकनायक अस्पताल में कई लोगों की मौत बिना इलाज के हो गई. जिन लोगों को दिल्ली सरकार ने कोविड सेंटर खोलने की इजाजत दी गई उन्होंने भी लोगों को लूटा. हमारे अनुरोध के बाद गृह मंत्री ने दिल्ली के अस्पताल का दौरा किया जिसके बाद अस्पताल की हालत बदल गई. दिल्ली के मुख्यमंत्री ये बताए कि लॉक डाउन के दौरान वो कितनी बार लोगों से मिले उनका हाल चाल जाना.अगर किसी ने काम किया है तो भाजपा के विधायकों ने.
दिल्ली सरकार की शानदार उपलब्धि: अब्दुल रहमान
दिल्ली की एक मात्र सरकार है जिसने कोरोना वारियर के लिए 1 करोड़ रूपये की धनराशि दी अगर उनकी मौत ड्यूटी के दौरान होती है. कोरोना महामारी से ठीक पहले सीलमपुर में दंगा हुआ. दिल्ली पुलिस का दंगा के दौरान दोहरा चेहरा देखने को मिला. दंगा करावल नगर में हुआ, शिव विहार में हुआ लेकिन दिल्ली पुलिस ने सीलमपुर के लोगों को उठाया. कई निर्दोष युवा अभी भी जेलों में बंद हैं. एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया. जो दोषी है उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए लेकिन जो निर्दोष है उन्हें तुरंत जेल से रिहा किया जाना चाहिये. भाजपा के विधायक बस इसलिए विधानसभा में आते हैं ताकि ताली बजा सकें. दिया जलाने और थाली बजाने से कोरोना दूर नहीं होता.
कोरोना काल में सीएम ने किया काम: अजय दत्त
हम सबने देखा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री कोरोना के दौरान भी लगातार काम करते रहे. जिसका नतीजा यह हुआ कि कोरोना के मामले कम होते गए. देश के प्रधानमंत्री ने यह नारा दिया कि थाली बजाओ, दिया जलाओ तो कोरोना खत्म हो जाएगा. देश के लोग भोले है उन्होंने यह सब किया लेकिन कोरोना खत्म नही हुआ. कोरोना काल के दौरान देश में नेतृत्व की कमी देखने को मिला. लेकिन दिल्ली का नेतृत्व अरविंद केजरीवाल कर रहे थे और मजबूत नेतृत्व के कारण ही दिल्ली में कोरोना को नियंत्रित किया जा सका.
आप विधायक ने उड़ाया पीएम का मजाक :नेता प्रतिपक्ष
सदन के साथी रोहित मेहरौलिया द्वारा प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाया गया है. राजकुमारी ढिल्लो ने भी मजाक उड़ाया है प्रधानमंत्री का. अगर प्रधानमंत्री ने लोगों को एकजुट करने के लिए अगर थाली बजवाई तो उसमें कोई गलती नहीं. एक समय दिल्ली सरकार के पास 300 आईसीयू बेड थे. मेडिकल स्टाफ की कमी थी. उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री कोरोना से संक्रमित हुए. दिल्ली सरकार के अस्पतालों की यह हालत थी कि मंत्रियों को निजी अस्पतालों में इलाज कराना पड़ा. कोर्ट ने भी कहा कि दिल्ली के अस्पतालों की हालात बूचड़खाने से भी बदतर है. जब दिल्ली सरकार ने केंद्र से आग्रह किया तब प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गृह मंत्री अमित शाह ने 15 दिन के अंदर व्यवस्था को सुधारा. 1000 बेड की व्यस्था drdo के माध्यम से की गई. जो भी वादा केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से किया उसे पूरा किया गया. 6 महीने तक प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया. 72 लाख लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया गया. महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस के सिलिंडर उपलब्ध कराए गए. चर्चा हो रही है कि 4 लाख श्रमिक दिल्ली से गए. इस पर चर्चा नहीं करना चाहता लेकिन यह बताना चाहता हूं कि इन्हें ट्रेन से भेजने का निर्णय मोदी सरकार ने किया. 85 फीसदी किराया केंद्र सरकार ने दिया जबकि 15 फीसदी किराया वहां के राज्य सरकार ने. उपमुख्यमंत्री यहां बैठे हैं और कहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था बढ़िया हो गई है. लेकिन हकीकत इससे अलग है. झुग्गियों की समस्या अभी सर पर है. फ्लैट बन कर तैयार है लेकिन झुग्गीवासियों को उसमें शिफ्ट नहीं किया जा रहा. बारापुला से मयूर विहार तक जो फ्लाईओवर बन रहा है वो कब तक पूरा होगा. सरकार हमें बताए. मेट्रो के कई योजना धीमी रफ्तार से पूरे हो रहे हैं. सरकार को बताना पड़ेगा कि आखिर टैक्स का पैसा क्यों बर्बाद कर रही दिल्ली सरकार.
केजरीवाल सीएम हैं, ईश्वरीय कृपा: सौरभ भारद्वाज
ईश्वर का ही असर है कि भगवान ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया. बिधूड़ी को मैं लंबे समय से जानता हूं. भाजपा नेता संबित पात्रा कोरोना से संक्रमित होने के बाद केंद्र सरकार के अस्पताल में भर्ती ना हो कर गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुए. गृह मंत्री अमित शाह भी केंद्र सरकार के अस्पताल में भर्ती न होकर एक निजी अस्पताल में अपना इलाज कराया. किसी मंत्री के कही इलाज कराने पर सवाल नहीं उठाना चाहिए. कई साथियों ने बोला कि केंद्र सरकार ने कोरोना के खात्मे के किये ताली बजवाई लेकिन कोरोना खत्म हुआ डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के अथक प्रयास से. जिन कोरोना वारियर ने अपनी जान गंवाई उनके लिए 1 करोड़ की धनराशि की व्यस्था मुख्यमंत्री ने की. कई घरों में जाकर मुख्यमंत्री ने स्वयं यह सहायता राशि दी. हमारे एक साथी ने राशन का मुद्दा उठाया कि सड़ा हुआ राशन वितरित किया जा रहा है. लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि राशन फ़ूड कोरपोरेशन द्वारा वितरित किए जाते हैं. नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि गृहमंत्री ने डॉक्टरों को एयरलिफ्ट करके लाया गया लेकिन मुझे याद है कि इस मामले में पीसी मैंने की थी क्योंकि 48 घंटो तक कोई डॉक्टर को एयरलिफ्ट नहीं किया गया. विपक्षी नेता रेल के डब्बे में बनाये गए बेड की चर्चा कर रहे हैं लेकिन मेरे साथी बताए कि कौन लोग इन डब्बो में भर्ती हुए थे. इतने गर्म मौसम में कोई भर्ती नहीं हुआ.