नई दिल्लीः दिल्ली ट्रांसपोर्ट यूनियन (Delhi Transport Union) के सैंकड़ों सदस्यों ने आज शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. यूनियन का आरोप है कि प्रदूषण के नाम पर सरकार ट्रांसपोर्टरों को बेरोजगार करने पर तुली है. ट्रांसपोर्टरों को हर रोज लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. प्रदूषण के नाम पर गाड़ियों के भारी भरकम चालान काटे जा रहे हैं. यदि सरकार नहीं मानी तो दिल्ली ट्रांसपोर्ट यूनियन के लोग अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे.
बता दें, दिल्ली सरकार ने यूरो 3 और यूरो 4 की गाड़ियों पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिया है. ट्रांसपोर्टरों का कहना कि प्रदूषण के नाम पर सरकार दिखावा कर रही है. क्या साल में केवल तीन महीने ही ज्यादा प्रदूषण होता है. पंजाब में जलने वाले पराली पर सरकार का ध्यान नहीं है और ट्रांसपोर्टरों प्रदूषण के नाम पर नकेल कस रही है.
मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने आए ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (Commission for Air Quality Management) की सिफारिश पर स्टेज 4 को आंशिक रूप से हटा दिया है, लेकिन भविष्य में दिल्ली सरकार डीजल की यूरो 4 टैक्सी -टेम्पो ट्रेवलर को बंद ना करें. अगर करें भी तो भविष्य में हमें गाड़ियों को रोकने (नुकसान) का मुआवाजा दे. दिल्ली सरकार ने जल्दबाजी में ये कदम उठाया है, जिसके एवज में आज मुख्यमंत्री आवास पर दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन धरना प्रदर्शन करने को मजबूर है.
दिल्ली नगर निगम के भी है, जिसके मद्देनजर सरकार ने यूरो 4 वाहनों से पाबंदी हटाई, लेकिन दिल्ली में दोबारा बढ़ते प्रदूषण के कारण दोबारा से यूरो 4 की गाड़ियों पर पाबंदियां लगा दी. जिसकी वजह से ट्रांसपोर्ट यूनियन नाराज हैं. लोगों का कहना है कि यदि सरकार ट्रांसपोर्टरों की नहीं सुनेगी तो ट्रांसपोर्टर अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर धरना प्रदर्शन करते रहेंगे. चार दिन पहले सात तारीख को भी यूनियन के लोगों द्वारा मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया गया. पुलिस ने ट्रांसपोर्टर्स को रोका. ट्रांसपोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल विजय कुमार सक्सेना को ज्ञापन सौंपा गया.
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जोर दे रहे हैं, लेकिन ट्रांसपोर्टरों के पास यूरो 3 व यूरो 4 गाड़ियां हैं, उनका क्या होगा. हजारों टैक्सी चालक और ट्रांसपोर्ट बेरोजगार हो जाएंगे. बीते 7 सालों में सरकार की ओर से ट्रांसपोर्टरों को किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली. जबकि और टैक्सी चालकों को सरकार की ओर से 5000-5000 रुपये की मदद मिली है.