नई दिल्ली: दिल्ली सरकार और एलजी विनय कुमार सक्सेना के बीच शिक्षकों को फिनलैंड ट्रेनिंग भेजने का मसला सुलझ नहीं पाया है. गुरुवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जहां भी हमारी सरकार बनती है वहां हमारी आम आदमी पार्टी पूरी शिद्दत के साथ शिक्षा के क्षेत्र में काम करने लग जाती है. राजधानी दिल्ली में आप सभी ने देखा ही है. अब पंजाब में भी अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने चुनाव से पहले वादा किया था, उसे पूरा करने के लिए पंजाब में भी अच्छे स्कूल बनाए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. पंजाब सरकार ने दिल्ली सरकार की शिक्षा मॉडल के तर्ज पर ही अपने यहां शिक्षकों को ट्रेनिंग पर भेजना शुरू कर दिया है और शिक्षक ट्रेनिंग के लिए भी गए हैं.
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार बनने के बाद हमने शिक्षकों को दूसरे तीसरे साल में शिक्षकों को भेजा था, लेकिन हमारी पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले साल में ही शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेज दिया है.
शिक्षकों को ही ट्रेनिंग देंगे तो बच्चों को विदेश नहीं जाना पड़ेगा: सिसोदिया ने बताया कि पंजाब से निकलकर बच्चे शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं, लेकिन टीचरों की ट्रेनिंग के बाद यहां के बाचों को विदेश नहीं जान पड़ेगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाद हमने टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम पंजाब में भी शुरू कर दिया है. मुझे बहुत खुशी हो रही है कि पंजाब से 36 टीचरों का एक बैच दो एजुकेशन ऑफिसर सिंगापुर ट्रेनिंग के लिए गए हैं.
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जीएनसीटीडी एक्ट में संशोधन किया: उन्होंने कहा कि पंजाब के शिक्षक ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर जा रहे हैं. हम भी अपने शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना चाहते हैं, लेकिन एलजी विनय कुमार सक्सेना अक्टूबर से फाइल को कभी इधर तो कभी उधर कर रहे हैं. सिसोदिया ने कहा कि अभी त्याग राज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में सीएम केजरीवाल ने 1000 से ज्यादा शिक्षकों से बात की. यह वह शिक्षक थे जिन्हें हमारी सरकार ने सिंगापुर, कैंब्रिज, फिनलैंड भेजा था. अब भाजपा की केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के जीएनसीटीडी एक्ट में संशोधन किया और पावर ऐसे एलजी को दी जो हमारे हर कार्य में अपनी टांग अड़ा देते हैं. यहीं वजह है कि हम अपने शिक्षकों को विदेश नहीं भेज पा रहे हैं.
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