नई दिल्लीः हमें ऐसे शिक्षक तैयार करने हैं, जो बच्चों में सवाल पूछने की आदत और सच को सच कहने की हिम्मत डाल सकें. शिक्षक इस समाज को बदल सकते हैं, इसीलिए शिक्षकों के अंदर वह जज्बा लाना है. शिक्षकों की ट्रेनिंग के जरिए हमें यह मुकाम हासिल करना है. यह बात दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एससीईआरटी और डाइट के पुनर्गठन पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही. उन्होंने कहा कि एससीईआरटी शिक्षकों की ट्रेनिंग में अहम भूमिका निभानी है.
'शिक्षा का स्तर शिक्षकों के प्रयासों पर निर्भर करता है'
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसी भी देश में शिक्षा का स्तर किस ऊंचाई तक कब बढ़ सकता है. यह बात सिर्फ शिक्षकों के प्रयासों पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि दुनिया के जिन देशों में शिक्षा काफी बेहतर है. उनमें यही देखा गया है कि उन देशों ने अपने शिक्षकों की ट्रेनिंग पर काफी ध्यान दिया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले कई वर्षों में शिक्षकों को ट्रेनिंग पर काफी काम किया है. सिसोदिया ने कहा कि एससीईआरटी में पोस्ट और सैलरी बढ़ाई गई है, ताकि प्रतिभा को सम्मान मिल सके. अब उन्हें यूजीसी स्केल दिया गया है. देश में एकमात्र दिल्ली ऐसा है जहां एससीईआरटी को यह सम्मान मिला है.
पद और वेतन बढ़ा
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा सुधार विभिन्न पहल में एससीईआरटी और डाइट का पुनर्गठन भी शामिल है. उन्होंने कहा कि एससीईआरटी के 509 पदों को बढ़ाकर 1295 करना और एससीईआरटी के अनुरूप वेतनमान और पदनाम की व्यवस्था करना शामिल है. इसके अलावा एससीईआरटी और डाइट में अकादमिक संकाय के पदों की संख्या 240 से बढ़ाकर 700 से अधिक कर दी है.
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