ETV Bharat / state

Lokayukta appointed in Delhi: पिछले साल ही हुई लोकायुक्त की नियुक्ति, हाईकोर्ट ने रद्द की याचिका - जस्टिस हरीश चंद्र मिश्रा दिल्ली के लोकायुक्त

दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि झारखंड के पूर्व जज जस्टिस हरीश चंद्र मिश्रा को पिछले साल मार्च में ही लोकायुक्त बनाया गया है. ऐसे में यह याचिका को निरस्त कर दिया जाना चाहिए.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Feb 16, 2023, 5:31 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट को राष्ट्रीय राजधानी में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सूचित किया. उन्होंने बताया कि दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति की जा चुकी है. ऐसे में लोकपाल की नियुक्ति के संबंध में निर्देश मांगने वाली याचिका का कोई मतलब नहीं रह गया है. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने इस संबंध में जानकारी मांगने वाली याचिका को निरस्त कर दिया.

दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति किए जाने को लेकर दिल्ली सरकार को निर्देश देने के संबंध में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार ने 2020 के चुनाव में अपनी घोषणा पत्र में इसका वादा किया था. उन्होंने अभी तक नहीं किया था. दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि पिछले साल मार्च में लोकायुक्त की नियुक्ति की गई है और इस कारण यह याचिका अब किसी भी काम की नहीं है.

वहीं, याचिकाकर्ता के वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके द्वारा अदालत में याचिका दायर करने के बाद ही लोकायुक्त की नियुक्ति की गई है. हाईकोर्ट ने बताया कि झारखंड हाईकोर्ट के रिटायर जज जस्टिस हरीश चंद्र मिश्रा को लोकायुक्त नियुक्त किया जा चुका है. पिछले साल फरवरी में दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया था कि लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी चल रही है और नियुक्ति को लेकर नामों की सिफारिश की गई है.

ये भी पढ़ेंः Delhi Haj Committee: कौसर जहां के दिल्ली हज कमेटी का अध्यक्ष बनने से बीजेपी गदगद, AAP ने लगाया बेईमानी का आरोप

बता दें, अश्विनी उपाध्याय ने हाईकोर्ट में एक महीने के अंदर लोकायुक्त की नियुक्ति किए जाने की मांग की थी और कहा था कि राजनीतिक दल भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वादा कर दिसंबर 2020 में भारी बहुमत से चुनाव जीतने के बाद लोकायुक्त के पद को खाली रखे हुए हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार रिश्वतखोरी, काला धन, बेनामी संपत्ति, कर चोरी, मुनाफाखोरी और अन्य आर्थिक और सफेदपोश अपराधों के खतरे को दूर करने के लिए कदम नहीं उठा रही है और इसलिए मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले में कोर्ट हस्तक्षेप करें.

(इनपुटः पीटीआई)

ये भी पढ़ेंः Money Laundering case: पटियाला हाउस कोर्ट ने सुकेश चंद्रशेखर को 9 दिन की ED रिमांड में भेजा

नई दिल्लीः दिल्ली सरकार ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट को राष्ट्रीय राजधानी में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सूचित किया. उन्होंने बताया कि दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति की जा चुकी है. ऐसे में लोकपाल की नियुक्ति के संबंध में निर्देश मांगने वाली याचिका का कोई मतलब नहीं रह गया है. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने इस संबंध में जानकारी मांगने वाली याचिका को निरस्त कर दिया.

दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति किए जाने को लेकर दिल्ली सरकार को निर्देश देने के संबंध में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार ने 2020 के चुनाव में अपनी घोषणा पत्र में इसका वादा किया था. उन्होंने अभी तक नहीं किया था. दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि पिछले साल मार्च में लोकायुक्त की नियुक्ति की गई है और इस कारण यह याचिका अब किसी भी काम की नहीं है.

वहीं, याचिकाकर्ता के वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके द्वारा अदालत में याचिका दायर करने के बाद ही लोकायुक्त की नियुक्ति की गई है. हाईकोर्ट ने बताया कि झारखंड हाईकोर्ट के रिटायर जज जस्टिस हरीश चंद्र मिश्रा को लोकायुक्त नियुक्त किया जा चुका है. पिछले साल फरवरी में दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया था कि लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी चल रही है और नियुक्ति को लेकर नामों की सिफारिश की गई है.

ये भी पढ़ेंः Delhi Haj Committee: कौसर जहां के दिल्ली हज कमेटी का अध्यक्ष बनने से बीजेपी गदगद, AAP ने लगाया बेईमानी का आरोप

बता दें, अश्विनी उपाध्याय ने हाईकोर्ट में एक महीने के अंदर लोकायुक्त की नियुक्ति किए जाने की मांग की थी और कहा था कि राजनीतिक दल भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वादा कर दिसंबर 2020 में भारी बहुमत से चुनाव जीतने के बाद लोकायुक्त के पद को खाली रखे हुए हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार रिश्वतखोरी, काला धन, बेनामी संपत्ति, कर चोरी, मुनाफाखोरी और अन्य आर्थिक और सफेदपोश अपराधों के खतरे को दूर करने के लिए कदम नहीं उठा रही है और इसलिए मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले में कोर्ट हस्तक्षेप करें.

(इनपुटः पीटीआई)

ये भी पढ़ेंः Money Laundering case: पटियाला हाउस कोर्ट ने सुकेश चंद्रशेखर को 9 दिन की ED रिमांड में भेजा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.