नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के खातों की कैग (सीएजी) से ऑडिट करने की दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा है कि इसके लिए तुरंत कार्रवाई शुरू होनी चाहिए. उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक नोट भेज कर यह भी पूछा है कि जब दिल्ली जल बोर्ड के 2017-18 तक के खातों का ऑडिट हो चुका है तो फिर सरकार ने क्या सोचकर पिछले 15 साल के खातों का ऑडिट करने का प्रस्ताव भेजा है.
अब उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के वर्ष 2018-19 से आगे के खातों की ऑडिट जल्द से जल्द शुरू करने की बात कही है. उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को भेजे नोट में कहा है कि अभी तक सरकार ने पिछले (वर्ष 2017-18) के ऑडिट रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत नहीं किया है, जिसमें दिल्ली जल बोर्ड की ओर से ऑडिट के वैधानिक प्रावधानों के अनदेखी और लापरवाही का जिक्र है.
उपराज्यपाल ने दिल्ली जल बोर्ड के वर्ष 2017-18 के खातों की ऑडिट को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए नोट में यह भी कहा है कि कैग ने जितनी भी कमियों और अनियमितताओं के बारे में बताया है, उन्हें तय समय-सीमा के अंदर दूर किया जाए. साथ ही संबंधित अथॉरिटी और अधिकारियों की पहचान की जाए जो इन अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार हैं. कैग के रिपोर्ट में शामिल जल बोर्ड के खातों में हेराफेरी, आय को रिजर्व और सरप्लस के रूप में दर्शाने और घाटे को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने, यमुना की सफाई के लिए आरक्षित फंड को अन्य मद में खर्च करने आदि का जिक्र है.
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पिछले दिनों विपक्ष द्वारा लगातार दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर इसके खातों की ऑडिट कराने की मांग की जा रही थी. इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी महीने दिल्ली जल बोर्ड के 15 साल के खातों की कैग से ऑडिट करने का आदेश दिया था. दिल्ली सरकार की तरफ से हाई कोर्ट को भी बताया गया कि दिल्ली जल बोर्ड अपने खातों की ऑडिट करने को तैयार है.
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