नई दिल्ली: राजधानी में कारोबार को आसान बनाने, बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के प्रयासों को जारी रखते हुए, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम, 1954 की धारा 14, 15 और 16 के तहत 83 और प्रतिष्ठानों को छूट देने के श्रम विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब यह 83 व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सातों दिन 24 घंटे के लिए खोले जा सकते हैं. यह अधिनियम वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को 24x7 आधार पर संचालित करने की अनुमति देता है.
इन 83 दुकानों और प्रतिष्ठानों की सूची में आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड, (जो कि रेडीमेड कपड़ों और एक्सेसरीज के खुदरा व्यापार में शामिल है), ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन ट्रांसपोर्टेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, (जिसके पास डिलीवरी स्टेशन है), गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड, (जो कि खुदरा बाजार जैसे डिपार्टमेंटल और कनविनिएंस स्टोर से जुड़े हैं), नाइका फैशन प्राइवेट लिमिटेड और एफएसएन ब्रांड्स मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड (दोनों कॉस्मेटिक और सौंदर्य उत्पादों से संबंधित हैं) और खान-पान की दुकानों की श्रृंखला खोलने वाला बिकानेरवाला इंटरनेशनल शामिल है.
इसके अलावा एच एंड एम रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, (जो रेडीमेड कपड़ों और एक्सेसरीज की खुदरा बिक्री से जुड़ी है), एआर मिल्क प्रोडक्ट, ई-कॉमर्स फर्म लिंक लॉजिस्टिक लिमिटेड, आईटी फर्म पीसीसी सॉफ्टेक प्राइवेट लिमिटेड, 24x7 डिपार्टमेंटल स्टोर सोट्रिक्स, लिंक लॉजिस्टिक लिमिटेड (एफएमसीजी वितरक), इंस्टाकार्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (जो कि कूरियर और लॉजिस्टिक्स व्यवसाय से जुड़ी है) सहित अन्य व्यावसायिक संस्थाएं हैं, जिनके 24x7 संचालन की छूट के लिए आवेदन मंजूर किए गए हैं.
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2022 के बाद से यह इस तरह का चौथा प्रस्ताव है, जिसे उपराज्यपाल ने मंजूरी दी है. पहली बार 24x7 के आधार पर काम करने की छूट 314 प्रतिष्ठानों को दी गई थी. इसके बाद इस वर्ष अप्रैल और जून में क्रमशः 55 और 155 प्रतिष्ठानों को इस तरह की छूट दी गई थी. मौजूदा प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली में अब इस तरह के प्रतिष्ठानों की संख्या बढ़कर 607 हो गई है. इनसे राजधानी के विभिन्न स्थानों पर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री और श्रम विभाग की सराहना करते हुए कहा कि इस संबंध में आवेदनों को पहले की तुलना में, जब 2016 से लंबित आवेदन 2022 तक मंजूरी के लिए आए थे, अब तेजी से मंजूरी दी जा रही है, जो प्रशंसनीय है.
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आगे कहा कि एक साल पहले जब उन्होंने पहली बार आवेदनों के निपटान में अत्यधिक और बेवजह देरी का मुद्दा उठाया था, तब से विभाग ने निश्चित रूप से एक लंबा सकारात्मक सफर तय किया है. फाइल का निपटारा करते हुए, उपराज्यपाल ने रेखांकित किया कि आवेदनों का कम संख्या में निपटारा, कई बार उन प्रस्तावों पर निर्णय लेते समय उदासीनता, लापरवाही और अन्य कारणों की ओर इशारा करता है. ऐसे मामलों पर निर्णयों में सरकारी विभागों का विवेक शामिल होता है.
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उन्होंने कहा कि पारदर्शी शासन के हित में ऐसे किसी भी प्रस्ताव को कम समय में निपटाने की जरूरत होती है. इन्हें मंजूरी देने के लिए 'सिंगल विंडो सिस्टम' विकसित करने, जैसे पहले सुझाए गए सभी उपायों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए. एलजी ने विभाग को निर्देश दिए 15 दिनों के भीतर इसकी जानकारी दी जाए कि पिछले एक वर्ष के दौरान खारिज किए गए आवेदनों का निस्तारण क्यों नहीं किया गया और दोबारा आवेदन करने पर क्या नतीजा निकला. एलजी का इन प्रयासों का उद्देश्य कारोबारी माहौल और नाइट लाइफ को बढ़ावा देना भी है.