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एलजी ने दिए सब रजिस्ट्रार के खिलाफ जांच के आदेश, सरकारी फंड से गबन मामले में उपराज्यराल का फैसला - embezzlement of government fund case

पैसों के दुरुपयोग मामले में 10 पुलिसकर्मियों पर जांच के आदेश के बाद दिल्ली एलजी ने सब रजिस्ट्रार योगेश गौड़ के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं. सब रजिस्ट्रार पर आधिकारिक काम के लिए आवेदकों से रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है. case will be filed against sub registrar, delhi lg vinay saxena, cases against 10 delhi police officials

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 1, 2023, 4:47 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना ने सरकारी फंड से गबन मामले में बड़ा फैसला लिया है. एलजी ने रजिस्ट्रार योगेश गौड़ के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. इससे पहले 29 अक्टूबर को एलजी ने पैसों के दुरुपयोग मामले में 10 पुलिसकर्मियों पर जांच के आदेश दिए थे. मामला सरकारी खजाने से गबन से संबंधित है. उपराज्यपाल ने सरकारी फंड से गबन के मामले में 10 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करने के भी आदेश दिए थे.

2019 में दर्ज हुई थी शिकायत: योगेश गौर सब रजिस्टार हैं, जो 2019-20 में जनकपुरी सब रजिस्टार ऑफिस में तैनात थे. उनके खिलाफ शिकायत उसी वक्त दर्ज की गई थी. इससे पहले एलजी ने दिल्ली पुलिस के 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ सरकारी कोष से 2 करोड़ से अधिक के गबन मामले में जांच के आदेश दिए थे.

जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने चार पुलिसवालों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 197 के तहत दिल्ली पुलिस अधिकारियों के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है. दिल्ली पुलिस के 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अक्टूबर 2019 में धोखाधड़ी और आपराधित साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया था.

ये भी पढ़ें: सरकारी फंड के गबन मामले में दिल्ली पुलिस के 10 कर्मियों पर चलेगा मुकदमा, LG ने दी मंजूरी

रिश्वत मांगने का आरोप: एलजी ने राजस्व विभाग जीएनसीटीडी के एक अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसीए) 1988 की धारा 17 ए के तहत जांच करने की अनुमति दी. इस पर आधिकारिक काम के लिए आवेदकों से रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, इस सब रजिस्ट्रार का नाम योगेश गौड़ है. यह सब रजिस्टार तब जनकपुरी के तत्कालीन सब रजिस्ट्रार थे. योगेश गौड़ के खिलाफ 2019 और 2020 में शिकायत दर्ज की गई थी. दरअसल, 2019-20 में जनकपुरी सब रजिस्टार दफ्तर पर सीबीआई का छापा भी पड़ा था और तब से यह जांच जारी थी. इस मामले में अब एलजी ने जांच के आदेश दिए हैं.

ये भी पढ़ें: नाबालिग के साथ रेप के आरोपी निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा के खिलाफ चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर सुनवाई टली

नई दिल्ली: दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना ने सरकारी फंड से गबन मामले में बड़ा फैसला लिया है. एलजी ने रजिस्ट्रार योगेश गौड़ के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. इससे पहले 29 अक्टूबर को एलजी ने पैसों के दुरुपयोग मामले में 10 पुलिसकर्मियों पर जांच के आदेश दिए थे. मामला सरकारी खजाने से गबन से संबंधित है. उपराज्यपाल ने सरकारी फंड से गबन के मामले में 10 पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज करने के भी आदेश दिए थे.

2019 में दर्ज हुई थी शिकायत: योगेश गौर सब रजिस्टार हैं, जो 2019-20 में जनकपुरी सब रजिस्टार ऑफिस में तैनात थे. उनके खिलाफ शिकायत उसी वक्त दर्ज की गई थी. इससे पहले एलजी ने दिल्ली पुलिस के 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ सरकारी कोष से 2 करोड़ से अधिक के गबन मामले में जांच के आदेश दिए थे.

जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने चार पुलिसवालों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 197 के तहत दिल्ली पुलिस अधिकारियों के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है. दिल्ली पुलिस के 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अक्टूबर 2019 में धोखाधड़ी और आपराधित साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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रिश्वत मांगने का आरोप: एलजी ने राजस्व विभाग जीएनसीटीडी के एक अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसीए) 1988 की धारा 17 ए के तहत जांच करने की अनुमति दी. इस पर आधिकारिक काम के लिए आवेदकों से रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, इस सब रजिस्ट्रार का नाम योगेश गौड़ है. यह सब रजिस्टार तब जनकपुरी के तत्कालीन सब रजिस्ट्रार थे. योगेश गौड़ के खिलाफ 2019 और 2020 में शिकायत दर्ज की गई थी. दरअसल, 2019-20 में जनकपुरी सब रजिस्टार दफ्तर पर सीबीआई का छापा भी पड़ा था और तब से यह जांच जारी थी. इस मामले में अब एलजी ने जांच के आदेश दिए हैं.

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