ETV Bharat / state

'सजा-ए-मौत' का इतिहास..., कब हुआ शुरू-क्या हुआ बदलाव - different nations execute death penalty

सजा-ए-मौत क्या है? ये क्यों और कब दी जाती है? कहां से इसकी शुरूआत हुई और किस देश में मौत की सजा कैसे दी जाती है? इस तरह के कई सवाल हमारे जेहन में उठते हैं. ईटीवी भारत कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब इस विशेष लेख के जरिए आप तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. देखें खास रिपोर्ट

NAT-HN-ways-of-death-penalty-in-different-nations
'सजा-ए-मौत' का इतिहास..., कब हुआ शुरू-क्या हुआ बदलाव
author img

By

Published : Mar 20, 2020, 5:21 AM IST

Updated : Mar 20, 2020, 8:01 AM IST

नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों को सजा-ए-मौत होने वाली है. चारों दोषी पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को 20 मार्च को फांसी पर लटकाया जाएगा. आइए जानते हैं क्या है 'सजा-ए-मौत' का इतिहास...

मौत की सजा कुछ ऐसे गंभीर अपराधों के लिए दी जाती है, जिनकी माफी या उससे कम कोई सजा नहीं होती. दुनिया के अलग-अलग देशों में मौत की सजा देने का भी तरीका काफी अलग है और ये वक्त के साथ बदलता भी रहा है.
सजा-ए-मौत का इतिहास

जलाकर मौत की सजा :

  • सदियों पहले किसी अपराध में दोषी पाए जाने पर जलाकर मौत की सजा दी जाती थी और इसमें सबसे ज्यादा महिलाओं की संख्या होती थी. जलाकर मौत की सजा देना सबसे पहले स्विट्जरलैंड में शुरू हुआ. इसके बाद जर्मनी, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, स्कॉटलैंड सहित स्पेन में इसका चलन आया.
    different nations execute death penalty
    जलाकर मौत की सजा

पहिये पर बांधकर मारना :

  • दोषियों को धारदार हथियारों के साथ पहिये पर बांधकर तब तक प्रताड़ित किया जाता था, जब तक वह मर न जाए. एक समय पर पहिये से बांधकर मारने का तरीका पूरे यूरोप भर में अपनाया जाता था.
    different nations execute death penalty
    पहिये पर बांधकर मारना

गिलोटिन :

  • एक मशीन से इंसान का सिर बेरहमी के साथ उसके धड़ से अलग कर दिया जाता था. हालांकि, फ्रांस के अलावा इस तरह से सजा देने का चलन बहुत ही कम किसी देश में था और एक समय के बाद फ्रांस में भी इसे खत्म कर दिया गया.
    different nations execute death penalty
    गिलोटिन

गला घोंटना :

  • दोषी को गला घोंटकर भी सजा-ए-मौत दी जाती थी. इसके लिए खास हथियार 'गरोट्टे' का इस्तेमाल किया जाता था. दुनिया के कई देशों में इस तरह से मौत की सजा दी जाती थी.
    different nations execute death penalty
    गला घोंटना

फांसी :

  • किसी भी दोषी को सबसे आसान मौत देने का तरीका फांसी की सजा है. इसमें मरते वक्त इंसान को दर्द और तकलीफ कम होती है. भारत, पाकिस्तान, चीन सहित कई अन्य देशों में आज भी सजा-ए-मौत इसी तरह से दी जाती है.
    different nations execute death penalty
    फांसी

तलवार या हंसिये से सिर काटना :

  • जर्मनी और इंगलैंड में इस तरह से मौत की सजा देना एक वक्त पर बड़ा सामान्य माना जाता था.

फायरिंग स्क्वॉड :

  • ये मौत की सजा को लागू करने का एक तरीका है. इसमें दोषी की आंखों पर पट्टी बांधकर, उसे एक जगह बैठा दिया जाता है और फिर गोली चलाने वाला एक दस्ता दोषी को गोली मार देता है. अहम बात ये है कि जब भारत में कोर्ट मार्शल के बाद सजा-ए-मौत दी जाती है तो फायरिंग स्क्वॉड से सजा देने की इजाजत है.
    different nations execute death penalty
    फायरिंग स्क्वॉड

गैस चैंबर :

  • दोषी को एक कमरे में बंदकर दम घुटने वाली गैस छोड़ दी जाती है. इस तरह से मौत की सजा देने की इजाजत सबसे पहले यूएस में दी गई. इसके अलावा जर्मनी की नाजी आर्मी ने सैंकड़ो यहूदियों को भी इसी तरह मौत के घाट उतार दिया था.
    different nations execute death penalty
    गैस चैंबर

बिजली के झटकों से मारना :

  • एक खास तरह की कुर्सी पर दोषी को बैठाकर बांध दिया जाता है और फिर उसे बिजली के झटके देकर मौत के घाट उतार दिया जाता है. यूएसए के ओहियो, केंटकी, ओक्लाहोमा, दक्षिण कैरोलिना सहित वर्जीनिया में इसे आज भी दोहराया जाता है.
    different nations execute death penalty
    बिजली के झटकों से मारना

जहरीला इंजेक्शन :

  • अपराधी को जहरीला इंजैक्शन देकर सजा-ए-मौत दी जाती है. अमेरिका में जहरीला इंजेक्शन देकर मृत्युदंड देना आज भी चलन में है.
    different nations execute death penalty
    जहरीला इंजेक्शन

नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों को सजा-ए-मौत होने वाली है. चारों दोषी पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को 20 मार्च को फांसी पर लटकाया जाएगा. आइए जानते हैं क्या है 'सजा-ए-मौत' का इतिहास...

मौत की सजा कुछ ऐसे गंभीर अपराधों के लिए दी जाती है, जिनकी माफी या उससे कम कोई सजा नहीं होती. दुनिया के अलग-अलग देशों में मौत की सजा देने का भी तरीका काफी अलग है और ये वक्त के साथ बदलता भी रहा है.
सजा-ए-मौत का इतिहास

जलाकर मौत की सजा :

  • सदियों पहले किसी अपराध में दोषी पाए जाने पर जलाकर मौत की सजा दी जाती थी और इसमें सबसे ज्यादा महिलाओं की संख्या होती थी. जलाकर मौत की सजा देना सबसे पहले स्विट्जरलैंड में शुरू हुआ. इसके बाद जर्मनी, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, स्कॉटलैंड सहित स्पेन में इसका चलन आया.
    different nations execute death penalty
    जलाकर मौत की सजा

पहिये पर बांधकर मारना :

  • दोषियों को धारदार हथियारों के साथ पहिये पर बांधकर तब तक प्रताड़ित किया जाता था, जब तक वह मर न जाए. एक समय पर पहिये से बांधकर मारने का तरीका पूरे यूरोप भर में अपनाया जाता था.
    different nations execute death penalty
    पहिये पर बांधकर मारना

गिलोटिन :

  • एक मशीन से इंसान का सिर बेरहमी के साथ उसके धड़ से अलग कर दिया जाता था. हालांकि, फ्रांस के अलावा इस तरह से सजा देने का चलन बहुत ही कम किसी देश में था और एक समय के बाद फ्रांस में भी इसे खत्म कर दिया गया.
    different nations execute death penalty
    गिलोटिन

गला घोंटना :

  • दोषी को गला घोंटकर भी सजा-ए-मौत दी जाती थी. इसके लिए खास हथियार 'गरोट्टे' का इस्तेमाल किया जाता था. दुनिया के कई देशों में इस तरह से मौत की सजा दी जाती थी.
    different nations execute death penalty
    गला घोंटना

फांसी :

  • किसी भी दोषी को सबसे आसान मौत देने का तरीका फांसी की सजा है. इसमें मरते वक्त इंसान को दर्द और तकलीफ कम होती है. भारत, पाकिस्तान, चीन सहित कई अन्य देशों में आज भी सजा-ए-मौत इसी तरह से दी जाती है.
    different nations execute death penalty
    फांसी

तलवार या हंसिये से सिर काटना :

  • जर्मनी और इंगलैंड में इस तरह से मौत की सजा देना एक वक्त पर बड़ा सामान्य माना जाता था.

फायरिंग स्क्वॉड :

  • ये मौत की सजा को लागू करने का एक तरीका है. इसमें दोषी की आंखों पर पट्टी बांधकर, उसे एक जगह बैठा दिया जाता है और फिर गोली चलाने वाला एक दस्ता दोषी को गोली मार देता है. अहम बात ये है कि जब भारत में कोर्ट मार्शल के बाद सजा-ए-मौत दी जाती है तो फायरिंग स्क्वॉड से सजा देने की इजाजत है.
    different nations execute death penalty
    फायरिंग स्क्वॉड

गैस चैंबर :

  • दोषी को एक कमरे में बंदकर दम घुटने वाली गैस छोड़ दी जाती है. इस तरह से मौत की सजा देने की इजाजत सबसे पहले यूएस में दी गई. इसके अलावा जर्मनी की नाजी आर्मी ने सैंकड़ो यहूदियों को भी इसी तरह मौत के घाट उतार दिया था.
    different nations execute death penalty
    गैस चैंबर

बिजली के झटकों से मारना :

  • एक खास तरह की कुर्सी पर दोषी को बैठाकर बांध दिया जाता है और फिर उसे बिजली के झटके देकर मौत के घाट उतार दिया जाता है. यूएसए के ओहियो, केंटकी, ओक्लाहोमा, दक्षिण कैरोलिना सहित वर्जीनिया में इसे आज भी दोहराया जाता है.
    different nations execute death penalty
    बिजली के झटकों से मारना

जहरीला इंजेक्शन :

  • अपराधी को जहरीला इंजैक्शन देकर सजा-ए-मौत दी जाती है. अमेरिका में जहरीला इंजेक्शन देकर मृत्युदंड देना आज भी चलन में है.
    different nations execute death penalty
    जहरीला इंजेक्शन
Last Updated : Mar 20, 2020, 8:01 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.