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MCD Election 2022: एमसीडी के राज-काज के बारे में जानिए 'ए टू जेड'

एमसीडी चुनाव (MCD Election 2022) की तारीख जैसे-जैसे पास आती जा रही है, चुनावी माहौल भी गरमाता जा रहा है. आने वाले दिनों में सभी राजनीतिक दल इसमें अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे. लेकिन नगर निगम का यह चुनाव सभी पार्टियों के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है और एमसीडी कैसे करती है कार्य, आइए जानते हैं.

MCD Election 2022
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Published : Nov 7, 2022, 3:59 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (Municipal corporation of delhi) चुनाव 4 दिसंबर को होगा. सोमवार से चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई, लेकिन चाहे आम आदमी पार्टी हो, भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस, किसी ने भी अभी तक अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है.

इस पर नगर निगम मामलों के जानकार व स्थायी समिति के पूर्व सदस्य जगदीश ममगाई ने बताया कि दिल्‍ली सरकार और नगर निगम के अधिकार आपस में ओवरलैप करते हैं. इसलिए अक्सर देखने में आता है कि अगर दोनों जगहों पर अगर अलग-अलग राजनीतिक दलों की सरकार है तो उनके बीच 36 का आंकड़ा रहता है और उनके बीच फंड को लेकर हमेशा खींचतान लगी रहती है. उदाहरण के तौर पर दिल्ली नगर निगम और दिल्‍ली सरकार दोनों ही सड़कों और नालों का रख-रखाव करती है. अंतर यह है कि 60 फीट से कम चौड़ी सड़कें एमसीडी संभालता है और उससे अधिक चौड़ी सड़कों को दिल्‍ली सरकार.

वहीं, बड़े मोटर वाली गाड़ियों को दिल्‍ली सरकार का परिवहन विभाग लाइसेंस देता है, तो एमसीडी साइकिल-रिक्‍शा और हाथगाड़ी को डील करता है. शिक्षा के क्षेत्र में भी एमसीडी प्राइमरी स्‍कूलों का संचालन करता है और दिल्‍ली सरकार हायर स्‍कूल, कॉलेज और प्रोफेशनल एजुकेशन मुहैया कराती है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में एमसीडी कई डिस्‍पेंसरी के साथ कुछ अस्‍पताल चलाता है और दिल्‍ली सरकार बड़े और स्‍पेशलाइज्‍ड अस्‍पतालों को मैनेज करती है.

तीन से एक हुई एमसीडी का पहला चुनाव अहम: ममगाई ने बताया कि तीनों नगर निगमों के एक होने के बाद पहली बार 250 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. इससे पहले पूर्वी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली निगम और उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कुल 272 वार्ड थे. अब एकीकरण के बाद कुल सीटों की संख्या 250 कर दी गई है. दिल्ली नगर निगम की सत्ता में पिछले 15 सालों से बीजेपी का राज था, इसलिए यह चुनाव काफी अहम हो गया है. इस बार बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीनों ही पार्टियां पूरी ताकत से चुनावी मैदान में कूदने के तैयार हैं.

एमसीडी के अलावा दिल्ली में दो और स्थानीय निकाय: राजधानी की देखभाल का जिम्‍मा तीन अलग-अलग निकायों पर है. एमसीडी के दायरे में दिल्‍ली के कुल क्षेत्रफल का 96 फीसदी हिस्सा आता है. जिन स्थानों पर प्रमुख सरकारी इमारतें, दफ्तर, आवासीय परिसर, दूतावास व उच्‍चायोग हैं, वह नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के तहत आता है.

वहीं, नगरपालिका परिषद का करीब 3 फीसदी हिस्सा पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन है. परिषद के लिए चुनाव नहीं होते. इसके सदस्‍यों को केंद्र सरकार नामित करता है. इसके अतिरिक्त क्षेत्रफल का करीब एक फीसद हिस्सा दिल्‍ली कैंटोनमेंट एरिया, की देखभाल का जिम्‍मा दिल्‍ली कैंटोनमेंट बोर्ड का है. सेना के स्‍टेशन कमांडर ही इस बोर्ड के पदेन अध्‍यक्ष होते हैं.

यह भी पढ़ें-MCD Election 2022: आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू, जानिए कौन लड़ सकता है निगम चुनाव

एमसीडी के अधीन होने वाले कार्य: एमसीडी के अधीन कूड़ा प्रबंधन, रिहायशी व व्यवसायिक ईलाकों में साफ सफाई, बाजारों की मेंटेनेंस, पार्क, पार्किंग, सड़कें और ओवरब्रिज, सॉलिड वेस्‍ट मैनेजमेंट, स्‍ट्रीट लाइटिंग की व्‍यवस्‍था है. इसके अलावा एमसीडी प्राइमरी स्‍कूल, अस्‍पताल और डिस्‍पेंसरी का भी संचालन करता है.

साथ ही रिहायशी व व्यावसायिक इलाकों की संपत्ति से संपत्ति कर और प्रफेशनल टैक्‍स जमा करना, टोल टैक्‍स कलेक्‍शन सिस्‍टम चलाना, शवदाह गृहों का प्रबंधन और जन्‍म-मृत्‍यु का रिकॉर्ड रखना भी एमसीडी की जिम्‍मेदारियों के तहत आता है. एमसीडी दिल्‍ली की सीमाओं पर टोल टैक्‍स, विज्ञापन राजस्‍व और भू-कर से भी कमाई करता है.

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नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (Municipal corporation of delhi) चुनाव 4 दिसंबर को होगा. सोमवार से चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई, लेकिन चाहे आम आदमी पार्टी हो, भारतीय जनता पार्टी हो या कांग्रेस, किसी ने भी अभी तक अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं की है.

इस पर नगर निगम मामलों के जानकार व स्थायी समिति के पूर्व सदस्य जगदीश ममगाई ने बताया कि दिल्‍ली सरकार और नगर निगम के अधिकार आपस में ओवरलैप करते हैं. इसलिए अक्सर देखने में आता है कि अगर दोनों जगहों पर अगर अलग-अलग राजनीतिक दलों की सरकार है तो उनके बीच 36 का आंकड़ा रहता है और उनके बीच फंड को लेकर हमेशा खींचतान लगी रहती है. उदाहरण के तौर पर दिल्ली नगर निगम और दिल्‍ली सरकार दोनों ही सड़कों और नालों का रख-रखाव करती है. अंतर यह है कि 60 फीट से कम चौड़ी सड़कें एमसीडी संभालता है और उससे अधिक चौड़ी सड़कों को दिल्‍ली सरकार.

वहीं, बड़े मोटर वाली गाड़ियों को दिल्‍ली सरकार का परिवहन विभाग लाइसेंस देता है, तो एमसीडी साइकिल-रिक्‍शा और हाथगाड़ी को डील करता है. शिक्षा के क्षेत्र में भी एमसीडी प्राइमरी स्‍कूलों का संचालन करता है और दिल्‍ली सरकार हायर स्‍कूल, कॉलेज और प्रोफेशनल एजुकेशन मुहैया कराती है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में एमसीडी कई डिस्‍पेंसरी के साथ कुछ अस्‍पताल चलाता है और दिल्‍ली सरकार बड़े और स्‍पेशलाइज्‍ड अस्‍पतालों को मैनेज करती है.

तीन से एक हुई एमसीडी का पहला चुनाव अहम: ममगाई ने बताया कि तीनों नगर निगमों के एक होने के बाद पहली बार 250 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. इससे पहले पूर्वी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली निगम और उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कुल 272 वार्ड थे. अब एकीकरण के बाद कुल सीटों की संख्या 250 कर दी गई है. दिल्ली नगर निगम की सत्ता में पिछले 15 सालों से बीजेपी का राज था, इसलिए यह चुनाव काफी अहम हो गया है. इस बार बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीनों ही पार्टियां पूरी ताकत से चुनावी मैदान में कूदने के तैयार हैं.

एमसीडी के अलावा दिल्ली में दो और स्थानीय निकाय: राजधानी की देखभाल का जिम्‍मा तीन अलग-अलग निकायों पर है. एमसीडी के दायरे में दिल्‍ली के कुल क्षेत्रफल का 96 फीसदी हिस्सा आता है. जिन स्थानों पर प्रमुख सरकारी इमारतें, दफ्तर, आवासीय परिसर, दूतावास व उच्‍चायोग हैं, वह नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के तहत आता है.

वहीं, नगरपालिका परिषद का करीब 3 फीसदी हिस्सा पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन है. परिषद के लिए चुनाव नहीं होते. इसके सदस्‍यों को केंद्र सरकार नामित करता है. इसके अतिरिक्त क्षेत्रफल का करीब एक फीसद हिस्सा दिल्‍ली कैंटोनमेंट एरिया, की देखभाल का जिम्‍मा दिल्‍ली कैंटोनमेंट बोर्ड का है. सेना के स्‍टेशन कमांडर ही इस बोर्ड के पदेन अध्‍यक्ष होते हैं.

यह भी पढ़ें-MCD Election 2022: आज से नामांकन की प्रक्रिया शुरू, जानिए कौन लड़ सकता है निगम चुनाव

एमसीडी के अधीन होने वाले कार्य: एमसीडी के अधीन कूड़ा प्रबंधन, रिहायशी व व्यवसायिक ईलाकों में साफ सफाई, बाजारों की मेंटेनेंस, पार्क, पार्किंग, सड़कें और ओवरब्रिज, सॉलिड वेस्‍ट मैनेजमेंट, स्‍ट्रीट लाइटिंग की व्‍यवस्‍था है. इसके अलावा एमसीडी प्राइमरी स्‍कूल, अस्‍पताल और डिस्‍पेंसरी का भी संचालन करता है.

साथ ही रिहायशी व व्यावसायिक इलाकों की संपत्ति से संपत्ति कर और प्रफेशनल टैक्‍स जमा करना, टोल टैक्‍स कलेक्‍शन सिस्‍टम चलाना, शवदाह गृहों का प्रबंधन और जन्‍म-मृत्‍यु का रिकॉर्ड रखना भी एमसीडी की जिम्‍मेदारियों के तहत आता है. एमसीडी दिल्‍ली की सीमाओं पर टोल टैक्‍स, विज्ञापन राजस्‍व और भू-कर से भी कमाई करता है.

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