नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस के लगातार दबाव के कारण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनीष सिसोदिया की जमानत की अपील खारिज होने के बाद केजरीवाल यह समझ चुके हैं कि अब आम आदमी पार्टी की भ्रष्ट सरकार बचने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि देर से सही, सत्य की जीत हुई और भ्रष्टाचार की हार. उन्होंने कहा कि दिल्ली वालों के हितों की रक्षा के लिए शराब घोटाले को सबसे पहले दिल्ली कांग्रेस ने उठाया था. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय कांग्रेस की जीत है, जिसके बाद मनीष सिसोदिया का जेल में रहना तय है. उन्होंने कहा कि पूरी कैबिनेट सहित केजरीवाल स्वंय भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. दो मंत्रियों के बाद उन्हें खुद भी इस्तीफा दे देना चाहिए.
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले की जांच में दोषी पाने के बाद अदालत ने 5 दिन की रिमांड पर रखा है, जिससे राहत के लिए सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की जिसको मुख्य न्यायधीश ने यह कहकर कर खारिज कर दिया कि वे हाई कोर्ट में अपील करें. कहा कि जब मनीष सिसोदिया शराब घोटाले में प्रथम दोषी करार हुए हैं तो उनके साथ शराब घोटाले के मास्टरमाइंड मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी पूछताछ करके उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि उनके पीए से पूछताछ के बाद सीबीआई ने कुछ अनियमितताएं पाई हैं. उन्होंने कहा कि केजरीवाल के कट्टर ईमानदार मंत्री बेईमान साबित हो रहे हैं.
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चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि कल दिल्ली कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल से मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन को मंत्री पद से हटाने की आवाज उठाई थी. जिसके बाद जेल में बंद सत्येन्द्र जैन और मनीष सिसोदिया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस भ्रष्ट शराब नीति लागू करने के पहले दिन से इसका विरोध कर रही थी. जिसका नतीजा दिल्लीवालों के सामने आया है कि सत्येन्द्र जैन और सिसोदिया का इस्तीफा केजरीवाल को मजबूरन स्वीकार करना पड़ा.
कहा कि अरविंद केजरीवाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिनके पास पिछले नौ सालों से किसी भी मंत्रालय का प्रभार नही है, क्योंकि वह दिल्ली सरकार में हर भ्रष्टाचार का आदेश देने के बावजूद उनसे बचे रहने की साजिश अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई केजरीवाल के शराब घोटाले में संलिप्तता के सबूत मिलने पर पूछताछ क्यों नहीं कर रही है. कहीं इसमें भाजपा और केजरीवाल की कोई मिलीभगत तो नहीं है? कहा कि दिल्ली को नशे की राजधानी बनाने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कार्रवाई होनी चाहिए.
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