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...तो 1998 वाले 'प्याज के आंसू' से डर गए CM केजरीवाल?

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Published : Sep 28, 2019, 5:38 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 7:13 PM IST

अरविंद केजरीवाल ने प्याज की 70 मोबाइल वैन्स को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. आम आदमी पार्टी के विधायकों को इस प्याज के वितरण की जिम्मेदारी दी गई है.

प्याज पर सियासत

नई दिल्ली: राजधानी में आज से सस्ता प्याज मिलना शुरू हो गया है. सीएम केजरीवाल ने प्याज से भरी 70 गाड़ियों को रवाना किया. केजरीवाल सरकार भले ही ये दावा कर रही हो कि इस सस्ते प्याज से जनता को फायदा होगा, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कुछ और ही चर्चा है. सूत्रों के अनुसार इस योजना में जनता से ज्यादा फायदा सरकार को है.

'जनता के लिए फायदेमंद ये प्याज'

चली गई थी सुषमा स्वराज की कुर्सी

1998 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव होना था. स्व. सुषमा स्वराज उस समय दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं. चुनाव से कुछ दिन पहले प्याज के दाम बढ़े और सुषमा स्वराज को चुनाव में करारी हार हुई. बीजेपी तब से आजतक दिल्ली में दोबारा सरकार बनाने में नाकाम ही रही है.

इस बार भी कुछ-कुछ कहानी 1998 की तरह ही है. साल के अंत में या 2020 की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. आम आदमी पार्टी दिल्ली की कुर्सी बचाने में कोई कसर छोड़ती नहीं दिख रही है. कई फ्री योजनाओं का ऐलान भी हो चुका है. खुद CM केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मोर्चा संभाले हुए हैं. ऐसे में जैसे ही प्याज के दाम बढ़े सरकार ने तुरंत ही सस्ते प्याज के लिए दिन रात एक कर दिया. इस सस्ते प्याज का वितरण भी खास तरीके से हो रहा है. प्याज की गाड़ियां लेकर खुद विधायक अपने-अपने इलाकों में गए हैं.

विधायक कर रहे हैं प्याज का वितरण!

अरविंद केजरीवाल जब इन गाड़ियों को रवाना कर रहे थे, तो उनके साथ कई मंत्री और विधायक मौजूद थे. हरी झंडी दिखाने के बाद ये सभी विधायक गाड़ियों में बैठकर अपनी-अपनी विधानसभा के लिए रवाना हुए. इन्हें प्याज के वितरण की जिम्मेदारी दी गई है.

प्याज की तीन गाड़ियां लेकर अपनी विधानसभा के लिए रवाना हो रहे अंबेडकर नगर से विधायक अजय दत्त, महरौली से विधायक नरेश यादव और आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा से ईटीवी भारत ने बातचीत की.

'जनता के लिए फायदेमंद ये प्याज'

विधायक अजय दत्त ने सीधे तौर पर इसे जनता के फायदे से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी जबकि 60-80 रुपए प्रति किलो प्याज बिक रहा है, ऐसे में ये प्याज गरीब जनता के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.

'गुणवत्ता से नहीं समझौता'

अजय दत्त ने प्याज दिखाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार कहीं से भी इस प्याज में गुणवत्ता को लेकर समझौता नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि ये वही प्याज है जो बाजार में 60-80 रुपए प्रति किलो बिक रहा है.

'जनता के दिल में AAP'

महरौली से विधायक नरेश यादव ने कहा कि दिल्ली की जनता जानती है कि आम आदमी पार्टी उनके साथ दिल से जुड़ी हुई है. वो चाहे सड़क, शिक्षा, बिजली, पानी की बात हो या फिर प्याज की महंगाई में सस्ता प्याज मुहैया कराने की. दिल्ली सरकार हर कदम पर जनता के साथ खड़ी है.

गिनाई सरकार की योजनाएं

आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा ने भी इसे सीधे तौर पर जनता के फायदे से जोड़ा. उन्होंने कहा कि जिस तरह बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने किरायेदारों के लिए बिजली से जुड़ी एक बड़ी घोषणा की थी और उससे भारी संख्या में लोगों को फायदा भी होता दिख रहा है, उसी तरह प्याज भी जनता को सीधे लाभ पहुंचाएगा.

1998 में जब प्याज ने रुलाया था...

पार्टी विधायक भले ही इसे जनता के फायदे से जोड़ें, लेकिन ये भी सच है कि दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल को कहीं न कहीं 2020 में 1998 के सियासी इतिहास के दोहराए जाने की आशंका थी. 1998 में भी यही समय था जब प्याज की बढ़ी कीमतों के कारण गुस्से में आई जनता ने सुषमा स्वराज को हार देखने पर मजबूर कर दिया. उसके बाद फिर बीजेपी का जो वनवास शुरू हुआ, वो अब तक खत्म नहीं हो सका है.

नई दिल्ली: राजधानी में आज से सस्ता प्याज मिलना शुरू हो गया है. सीएम केजरीवाल ने प्याज से भरी 70 गाड़ियों को रवाना किया. केजरीवाल सरकार भले ही ये दावा कर रही हो कि इस सस्ते प्याज से जनता को फायदा होगा, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कुछ और ही चर्चा है. सूत्रों के अनुसार इस योजना में जनता से ज्यादा फायदा सरकार को है.

'जनता के लिए फायदेमंद ये प्याज'

चली गई थी सुषमा स्वराज की कुर्सी

1998 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव होना था. स्व. सुषमा स्वराज उस समय दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं. चुनाव से कुछ दिन पहले प्याज के दाम बढ़े और सुषमा स्वराज को चुनाव में करारी हार हुई. बीजेपी तब से आजतक दिल्ली में दोबारा सरकार बनाने में नाकाम ही रही है.

इस बार भी कुछ-कुछ कहानी 1998 की तरह ही है. साल के अंत में या 2020 की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. आम आदमी पार्टी दिल्ली की कुर्सी बचाने में कोई कसर छोड़ती नहीं दिख रही है. कई फ्री योजनाओं का ऐलान भी हो चुका है. खुद CM केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मोर्चा संभाले हुए हैं. ऐसे में जैसे ही प्याज के दाम बढ़े सरकार ने तुरंत ही सस्ते प्याज के लिए दिन रात एक कर दिया. इस सस्ते प्याज का वितरण भी खास तरीके से हो रहा है. प्याज की गाड़ियां लेकर खुद विधायक अपने-अपने इलाकों में गए हैं.

विधायक कर रहे हैं प्याज का वितरण!

अरविंद केजरीवाल जब इन गाड़ियों को रवाना कर रहे थे, तो उनके साथ कई मंत्री और विधायक मौजूद थे. हरी झंडी दिखाने के बाद ये सभी विधायक गाड़ियों में बैठकर अपनी-अपनी विधानसभा के लिए रवाना हुए. इन्हें प्याज के वितरण की जिम्मेदारी दी गई है.

प्याज की तीन गाड़ियां लेकर अपनी विधानसभा के लिए रवाना हो रहे अंबेडकर नगर से विधायक अजय दत्त, महरौली से विधायक नरेश यादव और आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा से ईटीवी भारत ने बातचीत की.

'जनता के लिए फायदेमंद ये प्याज'

विधायक अजय दत्त ने सीधे तौर पर इसे जनता के फायदे से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी जबकि 60-80 रुपए प्रति किलो प्याज बिक रहा है, ऐसे में ये प्याज गरीब जनता के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.

'गुणवत्ता से नहीं समझौता'

अजय दत्त ने प्याज दिखाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार कहीं से भी इस प्याज में गुणवत्ता को लेकर समझौता नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि ये वही प्याज है जो बाजार में 60-80 रुपए प्रति किलो बिक रहा है.

'जनता के दिल में AAP'

महरौली से विधायक नरेश यादव ने कहा कि दिल्ली की जनता जानती है कि आम आदमी पार्टी उनके साथ दिल से जुड़ी हुई है. वो चाहे सड़क, शिक्षा, बिजली, पानी की बात हो या फिर प्याज की महंगाई में सस्ता प्याज मुहैया कराने की. दिल्ली सरकार हर कदम पर जनता के साथ खड़ी है.

गिनाई सरकार की योजनाएं

आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा ने भी इसे सीधे तौर पर जनता के फायदे से जोड़ा. उन्होंने कहा कि जिस तरह बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने किरायेदारों के लिए बिजली से जुड़ी एक बड़ी घोषणा की थी और उससे भारी संख्या में लोगों को फायदा भी होता दिख रहा है, उसी तरह प्याज भी जनता को सीधे लाभ पहुंचाएगा.

1998 में जब प्याज ने रुलाया था...

पार्टी विधायक भले ही इसे जनता के फायदे से जोड़ें, लेकिन ये भी सच है कि दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल को कहीं न कहीं 2020 में 1998 के सियासी इतिहास के दोहराए जाने की आशंका थी. 1998 में भी यही समय था जब प्याज की बढ़ी कीमतों के कारण गुस्से में आई जनता ने सुषमा स्वराज को हार देखने पर मजबूर कर दिया. उसके बाद फिर बीजेपी का जो वनवास शुरू हुआ, वो अब तक खत्म नहीं हो सका है.

Intro:अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्याज के 70 मोबाइल वैन्स को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यूं तो इसका सीधा फायदा जनता को होता दिख रहा है, लेकिन आम आदमी पार्टी भी इससे फायदा लेने में चूकती नजर नहीं आ रही.


Body:नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल जब इन गाड़ियों को रवाना कर रहे थे, तो उनके कई साथी मंत्री सहित कई विधायक भी मौजूद थे. हरी झंडी दिखाने के बाद वे सभी विधायक इन गाड़ियों में बैठकर अपनी अपनी विधानसभा के लिए रवाना हुए. इन विधायकों को ही इस प्याज के वितरण की जिम्मेदारी भी दी गई है.

ऐसी तीन गाड़ियां लेकर अपनी विधानसभा के लिए रवाना हो रहे अंबेडकर नगर से विधायक अजय दत्त, महरौली से विधायक नरेश यादव और आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा से ईटीवी भारत ने इसके सियासी पक्ष को लेकर बातचीत की.

अजय दत्त ने तो इसे सीधे तौर पर जनता के फायदे से जोड़ दिया और कहा कि दिल्ली में अभी जबकि 60-80 रुपए प्रति किलो प्याज बिक रहा है, ऐसे में यह प्याज हमारी गरीब जनता के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. अजय दत्त ने प्याज दिखाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार कहीं से भी इस प्याज में गुणवत्ता को लेकर समझौता नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि यह वही प्याज है जो बाजार में 60-80 रुपए प्रति किलो बिक रहा है.

महरौली से विधायक नरेश यादव ने कहा कि दिल्ली की जनता जानती है कि आम आदमी पार्टी उनके साथ दिल से जुड़ी हुई है. वह चाहे सड़क, शिक्षा या बिजली, पानी की बात हो या फिर प्याज की महंगाई में उनको सस्ता प्याज मुहैया कराने की, दिल्ली सरकार हर कदम पर जनता के साथ खड़ी है.

आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा ने भी इसे सीधे तौर पर जनता के फायदे से जोड़ा और कहा कि जिस तरह बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने किरायेदारों के लिए बिजली से जुड़ी एक बड़ी घोषणा की थी और उस से भारी संख्या में लोगों को फायदा भी होता दिख रहा है, उसी तरह प्याज भी जनता को सीधे लाभ पहुंचाएगा.


Conclusion:पार्टी विधायक भले ही इसे जनता के फायदे से जोडें, लेकिन यह भी सत्य है कि दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल को कहीं न कहीं 2020 में 1998 के सियासी इतिहास के दोहराए जाने की आशंका थी. 1998 में भी यही समय था जब प्याज की बढ़ी कीमतों के कारण गुस्से में आई जनता ने सुषमा स्वराज को हार देखने पर मजबूर कर दिया और उसके बाद फिर भाजपा का जो वनवास शुरू हुआ, वह अब तक समाप्त नहीं हो सका है.
Last Updated : Sep 28, 2019, 7:13 PM IST
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